भारत में कोरोना वायरस महामारी के कुल मामलों का आंकड़ा 29,089,069 हो गया है और इसकी चपेट में आकर अब तक 353,528 लोग जान गंवा चुके हैं. दुनिया में संक्रमण के कुल मामले 17.40 करोड़ से ज़्यादा है, जबकि 37.48 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
पारस अस्पताल के मालिक का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह मॉक ड्रिल के तौर पर पांच मिनट के लिए कोविड और ग़ैर कोविड वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने की बात कह रहे हैं. आरोप है कि इस दौरान 22 मरीज़ों की मौत हुई. मामला सामने आने के बाद उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने निजी टीकाकरण केंद्रों के लिए कोविशील्ड की एक खुराक की अधिकतम कीमत 780 रुपये जबकि कोवैक्सीन की एक खुराक के लिए 1,410 रुपये और स्पुतनिक-वी की एक खुराक की कीमत 1,145 रुपये तय की. मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि ज़्यादा शुल्क वसूले जाने पर निजी टीकाकरण केंद्रों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाए.
उत्तर प्रदेश में आगरा स्थित पारस अस्पताल का मामला. अस्पताल के मालिक का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें वह मॉक ड्रिल के तौर पर पांच मिनट के लिए कोरोना मरीज़ों की ऑक्सीजन बंद करने की बात कह रहे हैं. यह घटना 26 अप्रैल की बताई जा रही है. आरोप है कि इस दौरान 22 मरीज़ों की मौत हुई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते सोमवार को घोषणा की कि 18 वर्ष से 44 साल उम्र तक के लोगों के टीकाकरण के लिए 21 जून से राज्यों को कोविड-19 का टीका मुफ्त दिया जाएगा और आगामी दिनों में देश में टीका आपूर्ति में पर्याप्त बढ़ोतरी होगी.
भारत में 63 दिन बाद 24 घंटे में कोविड-19 के एक लाख से कम नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण की कुल संख्या बढ़कर 28,996,473 हो गई और मौत का आंकड़ा 3.5 लाख के पार चला गया है. महाराष्ट्र पहला राज्य है, जहां एक लाख से अधिक मौतें हुई हैं. विश्व में 17.36 करोड़ से ज़्यादा संक्रमण के मामले है, जबकि 37.38 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि 21 जून से राज्यों को 18 से 44 साल तक की उम्र के लोगों के लिए मुफ़्त कोविड टीका मिलेगा. बीते हफ़्ते सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र द्वारा इसी आयु वर्ग के टीकों के लिए राज्यों व निजी अस्पतालों को लोगों से शुल्क वसूलने की अनुमति देने को लेकर सवाल उठाए थे.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 28,909,975 हो गए हैं और अब तक 349,186 की मौत हो चुकी है. विश्व में 17.33 करोड़ से ज़्यादा संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जबकि 37.29 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
सुप्रीम कोर्ट को इस बात की विस्तृत जांच करनी चाहिए कि कैसे नवंबर से लेकर मार्च तक घरेलू उत्पादकों को पर्याप्त ऑर्डर या क्षमता विस्तार के लिए पूंजीगत मदद न दिए जाने के कारण गंवा दिए गए. अदालत को इस संबंध में एसआईआई और भारत बायोटेक से संबंधित ब्यौरा मांगना चाहिए, जिससे यह पता लग सके कि पिछले साल दिसंबर से अब तक उनके और पीएमओ के बीच क्या बातचीत हुई.
भारत में कोरोना वायरस महामारी के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 28,809,339 हो गई है और अब तक 346,759 लोग इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 17.29 करोड़ से ज़्यादा हैं, जबकि 37.21 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का कुल आंकड़ा 28,694,879 है और अब तक 344,082 लोग इस महामारी की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के मामले 17.26 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं, जबकि 37.12 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 28,574,350 हो गई है और 340,702 लोग अब तक इस महामारी की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 17.21 करोड़ से ज़्यादा हैं, जबकि 37.02 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ कोविड-19 महामारी से संबंधित उन याचिकाओं को सुन रही थी, जिसमें बताया गया था कि कई अस्पतालों को पीएम केयर्स फंड के तहत केंद्र से मिले 150 वेंटिलेटर में से 113 ख़राब थे. अदालत ने कहा है कि इन्हें बदलकर नए सही वेंटिलेटर स्थापित करना केंद्र की ज़िम्मेदारी है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 28,441,986 हो गई है और इस महामारी से मौत का आंकड़ा 337,989 हो गया है. विश्व में संक्रमण के मामले 17.16 करोड़ से ज़्यादा हैं और मृतक संख्या 36 लाख के पार चली गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा दो चरणों में संबंधित समूहों (45 वर्ष से अधिक उम्र) को टीके की मुफ़्त खुराक दी गई और अब राज्यों एवं निजी अस्पतालों को 18-44 साल आयु वर्ग के लोगों से शुल्क वसूलने की अनुमति दी गई है. अदालत ने यह भी जानना चाहा कि टीकाकरण के लिए निर्धारित 35,000 करोड़ रुपये अब तक कैसे ख़र्च किए गए हैं और इसका उपयोग 18 से 44 साल के लोगों के टीकाकरण पर क्यों नहीं किया