गांधी को लिखे पत्र में हरिशंकर परसाई कहते हैं, 'गोडसे की जय-जयकार होगी, तब यह तो बताना ही पड़ेगा कि उसने कौन-सा महान कर्म किया था. बताया जाएगा कि उस वीर ने गांधी को मार डाला था. तो आप गोडसे के बहाने याद किए जाएंगे. अभी तक गोडसे को आपके बहाने याद किया जाता था. एक महान पुरुष के हाथों मरने का कितना फायदा मिलेगा आपको.'
चुनावों के दौरान विहिप दिल्ली में ऐसे 200 से अधिक समारोह आयोजित कर रहा है जिसके तहत 50,000 से अधिक त्रिशूल बांटे जाने हैं. दिल्ली में आखिरी बार त्रिशूल बांटने का अभियान एक दशक पहले चलाया गया था.
बाबासाहेब आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि भाजपा के अस्तित्व में आने से पहले इसके पूर्ववर्ती जनसंघ और आरएसएस ने संविधान को अपनाए जाने के समय बाबासाहेब का विरोध किया था. अमित शाह के बयान से भाजपा की वही पुरानी मानसिकता सामने आ गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान के आगे मत्था टेकते हैं और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तस्वीर के सामने नमन करते हैं, लेकिन सब जानते हैं कि दलित वोट पाने के लिए यह उनका दिखावा है.
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस शेखर यादव द्वारा विहिप के कार्यक्रम में दिए सांप्रदायिक भाषण का संज्ञान लिया
जस्टिस यादव ने रविवार (8 दिसंबर) को दिए गए अपने भाषण में कहा था कि भारत बहुसंख्यक समुदाय की इच्छाओं के अनुसार चलेगा. इस दौरान उन्होंने मुसलमानों के लिए ‘कठमुल्ला’ शब्द का भी इस्तेमाल किया था.
आंबेडकर का कहना था कि हिंदू राज इस देश के लिए सबसे बड़ी आपदा होगी क्योंकि हिंदू राष्ट्र का सपना आज़ादी, बराबरी और भाईचारे के ख़िलाफ़ है, और यह लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों से मेल नहीं खाता.
न्यूज़18 के मैनेजिंग एडिटर किशोर अजवानी ने जुलाई 2023 में बागेश्वर बाबा के नाम से मशहूर धीरेंद्र शास्त्री का इंटरव्यू किया था. एनबीडीएसए ने अपने आदेश में कहा कि इस साक्षात्कार के दौरान शास्त्री ने कई ऐसे बयान दिए, जो अंधविश्वास को बढ़ावा देते थे और विभाजनकारी प्रकृति के हैं.
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा है कि यूरोप, जापान और चीन जैसे देशों को बेरोजगारी की समस्या का सामना इसलिए नहीं करना पड़ा क्योंकि उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित किया. एक शिक्षित और स्वस्थ व्यक्ति ख़ुद को नौकरी के योग्य बनाने के लिए अधिक प्रयास कर सकता है. भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति चिंता का विषय है.
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का विचार उचित है. भारत हिंदू राष्ट्र नहीं है, यह बात चुनाव के नतीजों से ही पता चलती है.
भारतीय जनतंत्र का बुनियादी सिद्धांत धर्मनिरपेक्षता है. लेकिन आरएसएस का लक्ष्य इसके ठीक ख़िलाफ़ हिंदू राष्ट्र की स्थापना है. कविता में जनतंत्र स्तंभ की 29वीं क़िस्त.
गांधी भारत को धर्मनिरपेक्ष जनतंत्र के रूप में विकसित होते देखना चाहते थे, लेकिन हिंदू राष्ट्र का विचार इसके ख़िलाफ़ था.
कविता में जनतंत्र स्तंभ की सत्रहवीं क़िस्त.
लोकसभा चुनाव के प्रचार के कई भाजपा नेता संविधान बदलने के लिए बहुमत हासिल करने की बात दोहरा चुके हैं. उनके ये बयान नए नहीं हैं, बल्कि संघ परिवार के उनके पूर्वजों द्वारा भारतीय संविधान के प्रति समय-समय पर ज़ाहिर किए गए ऐतराज़ और इसे बदलने की इच्छा की तस्दीक करते हैं.
कहीं ऐसा तो नहीं कि ‘सांस्कृतिक मार्क्सवादी’ और ‘वोक पीपल’ (Woke People) को लेकर संघ सुप्रीमो की ललकार एक तरह से उत्पीड़ितों की दावेदारी और स्वतंत्र चिंतन के प्रति हिंदुत्व वर्चस्ववाद की बढ़ती बेचैनियों को ही बेपर्द करती है.
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने राज्य के डीएम और कमिश्नरों को भेजे पत्र में कहा है कि वे पूरे राज्य में राम, हनुमान और वाल्मिकी मंदिरों में राम कथा, रामायण पाठ और भजन-कीर्तन आयोजित कराएं. ये सांस्कृतिक कार्यक्रम 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से हफ्ते भर पहले मकर संक्रांति के अवसर पर शुरू होंगे.
राष्ट्रीय स्तर पर एक तरफ कांग्रेस वर्तमान हिंदुत्ववादी राजनीति के ख़िलाफ़ लड़ने का दम भरती है, वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश में इसके वरिष्ठ नेता कमलनाथ हिंदुत्व के घोर सांप्रदायिक चेहरों की आरती उतारते और भरे मंच पर उन्हें सम्मानित करते नज़र आते हैं.