राजस्थान के जुनैद और नासिर 15 फरवरी को भरतपुर से लापता हो गए थे. अगले दिन उनके जले हुए शव हरियाणा के भिवानी जिले में मिले थे. परिवार ने बजरंग दल के सदस्यों पर हत्या का आरोप लगाया था. मामले में बजरंग दल सदस्य और हरियाणा सरकार की गोरक्षा टास्क फोर्स के सदस्य मोनू मानेसर भी आरोपी हैं.
हरियाणा के भिवानी में मारे गए जुनैद और नासिर के परिजन और रिश्तेदार राजस्थान के भरतपुर में न्याय की मांग के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें ज़िला प्रशासन ने 'कारण बताओ नोटिस' भेजा है. मृतकों के रिश्तेदारों ने स्थानीय विधायक और राज्य की शिक्षा मंत्री ज़ाहिदा ख़ान पर प्रदर्शन ख़त्म करने का दबाव डालने का आरोप भी लगाया है.
वीडियो: हरियाणा के हथीन में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों द्वारा 22 फरवरी को बुलाई गई एक और ‘हिंदू महापंचायत’ में कथित गोरक्षक मोनू मानेसर पर कार्रवाई को लेकर मुस्लिमों और पुलिस के ख़िलाफ़ हिंसा का खुला आह्वान किया गया. मोनू का नाम भिवानी हत्याकांड के आरोपी के तौर पर सामने आया है.
हरियाणा के हथीन में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों द्वारा 22 फरवरी को बुलाई गई दूसरी ‘हिंदू महापंचायत’ में गोरक्षक मोनू मानेसर पर कार्रवाई करने पर मुस्लिमों और पुलिस के ख़िलाफ़ हिंसा का खुला आह्वान किया गया. गोतस्करी के आरोप में ज़िंदा जला दिए जुनैद और नासिर की हत्या मामले में मोनू आरोपियों में शामिल हैं.
मथुरा की एक दीवानी अदालत में हिंदू सेना ने भगवान बाल कृष्ण के नाम से याचिका लगाई थी, जो ईदगाह का प्रबंधन करने वाली इंतेजामिया समिति के ख़िलाफ़ दायर की गई थी. याचिका में उस 13.77 एकड़ भूमि के स्वामित्व को चुनौती दी गई थी, जिस पर ईदगाह बनी हुई है.
राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि वे संसद सत्र के दौरान भी विश्वविद्यालय में नियमित कक्षाएं लेते हैं. उनकी आवाज़ उन कॉलेजों के लिए कैसे ख़तरा हो सकती है जब यह संसद में ख़तरा नहीं है. उन्होंने कॉलेजों का नाम लिए बिना कहा कि निमंत्रण रद्द करने के लिए कार्यक्रम की प्रकृति में बदलाव का हवाला दिया गया है.
हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता ने बताया कि संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने भगवा जेएनयू के पोस्टर लगाए थे. वॉट्सऐप पर वायरल कथित वीडियो में गुप्ता को कहते सुना जा सकता है कि जेएनयू परिसर में 'भगवा का नियमित अपमान किया जा रहा है. हमारी चेतावनी है कि आप सुधर जाइए. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.'
हरिद्वार और दिल्ली में आयोजित ‘धर्म संसद’ कार्यक्रमों में नफ़रती भाषणों के ख़िलाफ़ दायर याचिका का विरोध करते हुए दो दो दक्षिणपंथी संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में जवाबी याचिकाएं दायर की है. दोनों ने शीर्ष अदालत से उन्हें इस मामले में पक्षकार बनाने की अपील की है. एक हिंदू संगठन ने पूर्व में मुस्लिम नेताओं द्वारा हिंदुओं के ख़िलाफ़ दिए गए ऐसे ही भाषण के लिए हिंदुओं को समान सुरक्षा दिए जाने की मांग की है.
जो 1977 में पाकिस्तान में ज़िया-उल-हक के नेतृत्व में शुरू हुआ था, वह अब भारत में दोहराया जा रहा है.