2002 के गुजरात दंगों में अपनी ज़िंदगी बिखरते देख चुके प्रोफेसर जेएस बंदूकवाला मानते हैं कि भले ही देश भगवाकरण की ओर बढ़ रहा है, लेकिन इसके बावजूद अच्छे भविष्य की उम्मीद फीकी नहीं हुई है.
वीडियो: देश में बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं और बयानबाज़ी पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से द वायर के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह की बातचीत.
हिमाचल विश्वविद्यालय में ओम प्रकाश वाल्मीकि की ‘जूठन’ बीते 3 सालों से पढ़ाई जा रही थी, तब भावनाएं अचानक कहां से आहत हो गईं? क्या इसका ताल्लुक़ राज्य में हुए हालिया सत्ता परिवर्तन से है?
जिस समाज में प्रेम के ख़िलाफ़ इतने सारे तर्क हों, उस समाज को अंकित की हत्या पर कोई शोक नहीं है, वह फ़ायदे की तलाश में है.
आजकल सेकुलर (कुछ के लिए सिकुलर) शब्द आतंकवादी, देशद्रोही, पाकिस्तानी एजेंट, टुकड़े-टुकड़े गैंग जैसे कई शब्दों का पर्याय बन गया है.
नौजवानों को हिंदू मुस्लिम टॉपिक की गोली दे दो, वो अपनी जवानी बिना किसी कहानी के काट देगा.
जिलाधिकारी की सोशल मीडिया पोस्ट पर भाजपा विधायक ने कहा करूंगा योगी-मोदी से शिक़ायत, उपमुख्यमंत्री बोले होगी उचित कार्रवाई.
गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने विपक्ष द्वारा तुष्टिकरण के आरोप पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि सर्कुलर सच्चर कमेटी की सिफ़ारिशों पर आधारित था.
लोकप्रिय दक्षिण भारतीय फिल्म कलाकार ने हैदराबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हत्या का पक्ष लेने वाला व्यक्ति हिंदू नहीं हो सकता.
रज़ा साहब ने समय की कमी के कारण पहले संवाद लिखने से मना कर दिया था.
कभी हाशिये पर रही हिंदुत्व की राजनीति आज मुख्यधारा की राजनीति बन चुकी है. संघ के लिए इससे बड़ी सफलता भला और क्या हो सकती है कि देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां नरम/गरम हिंदुत्व के नाम पर प्रतिस्पर्धा करने लगें.
नरेंद्र मोदी सरकार कई अहम मोर्चों, मसलन रोज़गार और निवेश पर नाकाम रही है. जैसा कि हमने उत्तर प्रदेश और अब गुजरात में देखा, जब बाकी सारी चीज़ें चुक जाती हैं, तब हिंदुत्व काम आता है.
मुज़फ्फरनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सैनी ने कहा कि देश का नाम हिंदुस्तान है यानी हिंदुओं का देश.
भाजपा राज्य महासचिव के पत्र के मुताबिक अंतर-धार्मिक विवाह का विरोध करने के कारण गाजियाबाद ज़िलाध्यक्ष पद से अजय शर्मा को हटाया गया है.
कोलकाता में हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने बांग्ला फिल्म रोंग बेरोंगेर कोरी के ख़िलाफ़ केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के स्थानीय कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया.