उत्तरी गुजरात के गांवों में पाटीदारों का गुस्सा बिगाड़ सकता है भाजपा का खेल

ग्राउंड रिपोर्ट: भाजपा शासन से उपजे मोहभंग के कारण तेज़ मिजाज़ पाटीदारों ने अब आर्थिक मोर्चे पर इसकी नाक़ामियों को सामने रखना शुरू कर दिया है.

हिंदू वोट बैंक बचाए रखने की ख़ातिर नये-नये दुश्मन गढ़ना ज़रूरी है

विदेशी दुश्मनों को ज़रूरत से ज़्यादा निचोड़ लिया गया है. अब नये दुश्मन की ज़रूरत है. अब घर में तलाश की जा रही है. इसके लिए इतिहास को काम पर लगाया गया है.

यूपी निकाय चुनाव: भाजपा नेता की मुस्लिमों को चेतावनी, भाजपा को वोट दें नहीं तो होगी परेशानी

बाराबंकी के इस भाजपा नेता के भाषण के समय योगी सरकार के दो कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान और रामापति शास्‍त्री भी मंच पर मौजूद थे.

बहुसंख्यकों की आबादी गिरेगी, उस दिन लोकतंत्र ख़तरे में होगा: केंद्रीय मंत्री

केंद्र सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, भारत में जम्हूरियत भी तभी तक है और लोकतंत्र तभी तक सुरक्षित है जब तक बहुसंख्यकों की आबादी है.

कथित लव जिहाद मामले में राजस्थान पुलिस को हाईकोर्ट की फटकार, सरकार से जवाब तलब

अदालत ने पूछा, पुलिस कैसे मान सकती है कि 10 रुपये के स्टांप पर हलफ़नामा देने से लड़की का धर्म परिवर्तन क़ानूनन जायज़ है जबकि क़ानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.

कोई भी सरकार या अवतार केवल अपने बूते देश को बड़ा नहीं बना सकता: संघ प्रमुख

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुस्तान हिंदुओं का देश है. इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हिंदुस्तान दूसरे लोगों का देश नहीं है.

पीएन ओक: वो व्यक्ति जिसने ताजमहल को तेजोमहालय बताने वाले विवाद की शुरुआत की

भारत के इतिहास को सेक्युलर और मार्क्सवादी इतिहासकारों द्वारा गढ़ा बताने वाले ओक दावा करते हैं कि क्रिश्चियनिटी और इस्लाम ‘वैदिक’ विश्वासों की विकृतियों के तौर पर पैदा हुए हैं.

मैं गाय को पूजता हूं लेकिन उसे बचाने के लिए मुसलमान को नहीं मारूंगा: गांधी

हिंदू अहिंसक और मुसलमान हिंसक है, यह बात अगर सही हो तो अहिंसा का धर्म क्या है? अहिंसक को आदमी की हिंसा करनी चाहिए, ऐसा कहीं लिखा नहीं है. अहिंसक के लिए तो राह सीधी है. उसे एक को बचाने के लिए दूसरे की हिंसा करनी ही नहीं चाहिए.

सरोजिनी नायडू के इमाम हुसैन को राजनीति ने शिया मुसलमान बना दिया

हमारी बदनसीबी ही है कि जिस सोच ने देश को तीन टुकड़ों में बांट दिया, आज भी हमारे दिमागों में काई की तरह जमी हुई है और सड़ांध फैला रही है.

जितने मुंह, उतनी व्याख्याओं के लिए तैयार है हिंदू धर्म

हिंदू धर्म आज तक अगर प्राणवान रहा है तो राजाओं, अदालतों और पुलिस या लठैतों के बल पर नहीं. उसकी प्राणवत्ता परस्पर विरोधी स्वरों को सुनने और बोलने देने की उसकी तत्परता में रही है. उसे किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं.

दीनदयाल उपाध्याय: जो मुसलमानों को समस्या और धर्मनिरपेक्षता को देश की आत्मा पर हमला मानते थे

अंत्योदय का नारा देने वाले दीनदयाल उपाध्याय का कहना था कि अगर हम एकता चाहते हैं, तो हमें भारतीय राष्ट्रवाद को समझना होगा, जो हिंदू राष्ट्रवाद है और भारतीय संस्कृति हिंदू संस्कृति है.

वह चुनाव अभियान जिसने सांप्रदायिक राजनीति को बदल दिया

वर्ष 2002 में नरेंद्र मोदी के पहले राजनीतिक चुनाव प्रचार ने सबकुछ बदल दिया. पहली बार किसी पार्टी के नेता और उसके मुख्य चुनाव प्रचारक ने मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरा प्रचार अभियान चलाया.