नव बौद्ध अब मुस्लिम विरोधी हिंदुत्व की आग जलाए रखने को ईंधन बने रहने को तैयार नहीं हैं

सवर्ण समाज झूठ बोलता रहा है कि वह समानता के उसूल को मानता है. उसने किसी भी स्तर पर दलितों के साथ साझेदारी से इनकार किया. दलितों का हिंदू बने रहना मात्र एक जगह उपयोगी है- कि ‘मुसलमान, ईसाई’ के प्रति द्वेष और घृणा पर आधारित राजनीति के लिए ऐसे हिंदुओं की संख्या बढ़ती रहनी चाहिए.

ज्ञानवापी मामला: हिंदू पक्ष की ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग करवाने से जुड़ी याचिका ख़ारिज

पांच हिंदू पक्षकारों में से चार ने ज्ञानवापी मस्जिद से वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान मिले कथित 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग कराए जाने की मांग की थी. सरकारी वकील ने बताया कि वाराणसी की ज़िला अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए यह अर्ज़ी ख़रिज कर दी है.

हिंदू धर्म की कारा में क्यों रहें?

हिंदुओं को यह सोचने की ज़रूरत है कि आखिर क्यों हिंदू ही धर्म परिवर्तन को बाध्य होता है? क्यों उसमें रहना दलितों के लिए सचमुच एक अपमानजनक अनुभव है? क्यों हिंदू इसकी याद दिलाए जाने पर अपने भीतर झांककर देखने की जगह सवाल उठाने वाले का सिर फोड़ने को पत्थर उठा लेता है?

देश में फैली सांप्रदायिकता का वायरस अब अप्रवासी भारतीयों तक पहुंच गया है

भारतीय अप्रवासी राजनीति अब भारत के ही सूरत-ए-हाल का अक्स है. वही ध्रुवीकरण, वही सोशल मीडिया अभियान, वही राजनीतिक और आधिकारिक संरक्षण और वैसी ही हिंसा. असहमति तो दूर की बात है, एक भिन्न नज़रिये को भी बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है.

गुजरात: बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने गरबा स्थल पर मुस्लिम युवकों को पीटा

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में अहमदाबाद के कुछ गरबा स्थलों पर बजरंग दल के कार्यकर्ता मुस्लिम युवकों के साथ मारपीट और गली-गलौज करते दिख रहे हैं. कार्यकर्ताओं द्वारा मारपीट की बात स्वीकारने और ऐसे वीडियो जारी करने के बावजूद पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.

मध्य प्रदेश: कथित अंतरजातीय संबंध को लेकर मुस्लिम परिवार पर हमला

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा ज़िले को मामला. पुलिस के अनुसार, एक मुस्लिम युवक और हिंदू युवती के बीच प्रेम संबंध था और वे घर छोड़कर चले गए थे. उन्हें ढूंढ़कर युवती को उसके परिजनों को सौंप दिया था. आरोप है कि इसके महीने भर बाद जब युवक अपने माता-पिता के साथ कहीं जा रहे थे तो रास्ते में युवती के परिजनों ने उन पर हमला कर दिया.

कर्नाटक: विपक्ष के विरोध के बीच विधानसभा ने धर्मांतरण रोधी विधेयक पारित किया

कर्नाटक के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने ‘कर्नाटक धार्मिक स्वतंत्रता अधिकार संरक्षण विधेयक 2022’ को सदन में पेश किया. राज्यपाल की मंज़ूरी के बाद यह विधेयक 17 मई, 2022 से क़ानून का रूप ले लेगा, क्योंकि इसी तारीख़ को अध्यादेश लागू किया गया था.

ब्रिटेन के लेस्टर शहर में हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच झड़पों के सिलसिले में 47 गिरफ़्तार

बीते 28 अगस्त को एशिया कप में हुए भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले के बाद ब्रिटेन के लेस्टर शहर में हिंदू-मुस्लिम समुदाय आमने-सामने आ गए थे, तब से ही शहर में हाथापाई और सांप्रदायिक तनाव में वृद्धि देखी जा रही है. शनिवार को दोनों समुदायों के बीच फिर से झड़प हुई थीं.

अब देश की जनता को ही सिकुड़ते लोकतंत्र के विरुद्ध खड़ा होना होगा

मोदी सरकार एक ऐसा राज्य स्थापित करने की कोशिश में है जहां जनता सरकार से जवाबदेही न मांगे. नागरिकों के कर्तव्य की सोच को इंदिरा गांधी सरकार ने आपातकाल के दौरान संविधान में जोड़ा था. मोदी सरकार बिना आपातकाल की औपचारिक घोषणा के ही अधिकारहीन कर्तव्यपालक जनता गढ़ रही है.

फ़ासीवादियों की देशभक्ति नहीं, उनकी दूसरों से घृणा उन्हें परिभाषित करती है

आरएसएस को फ़ासीवादी संगठन कहने पर कुछ लोग नाराज़ हो उठते हैं. उनका तर्क है कि वह देशभक्त संगठन है. क्या देश में रहने वाली आबादियों के ख़िलाफ़ घृणा पैदा करते हुए, उनके ख़िलाफ़ हिंसा करते हुए देशभक्ति की जा सकती है?

कर्नाटक: विपक्ष के विरोध के बीच धर्मांतरण विरोधी विधेयक विधान परिषद में पारित

विधानसभा ने पिछले वर्ष दिसंबर में ‘कर्नाटक प्रोटेक्शन ऑफ राइट टू फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल’ पारित किया था लेकिन विधान परिषद में भाजपा को बहुमत न होने की वजह से यह लंबित था. सरकार इस विधेयक को प्रभाव में लाने के लिए इस वर्ष मई में अध्यादेश लाई थी.

ज्ञानवापी: किसी एक मस्जिद को विवादित करने का अर्थ बहुसंख्यकवादी विस्तारवाद को शह देना है

ज्ञानवापी मामले में बनारस की अदालत ने अभी इतना ही कहा है कि हिंदू महिला याचिकाकर्ताओं की याचिका विचारणीय है. इस निर्णय को हिंदुओं की जीत कहकर मीडिया प्रचारित कर रहा है. इससे आगे क्या होगा, यह साफ़ है. वहीं, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मथुरा की धमकी दे रहे हैं.

सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 31 अक्टूबर तक स्थगित

सुप्रीम कोर्ट ने मामला तीन सदस्यीय पीठ को सौंपने की भी बात कही है. नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल कई याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि यह संविधान के मूल ढांचे के विपरीत है और इसका उद्देश्य मुसलमानों से स्पष्ट रूप से भेदभाव करना है.

ज्ञानवापी मामला: हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी, मुस्लिम पक्ष की रोक की मांग ख़ारिज

पांच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी ज़िला अदालत में दायर एक याचिका में कहा था कि काशी विश्व​नाथ मंदिर के पास बनी ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू देवी-देवता हैं और हिंदुओं को इस जगह पर पूजा की अनुमति मिलनी चाहिए. इस याचिका को ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन देखने वाली अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद समिति ने चुनौती दी थी.

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