आगरा के पारस अस्पताल के मालिक का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वे मॉक ड्रिल के तौर पर पांच मिनट के लिए कोविड और ग़ैर कोविड वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने की बात कह रहे थे. आरोप है कि इस दौरान 22 मरीज़ों की मौत हुई. मामला सामने आने के बाद एफआईआर दर्ज कर अस्पताल को सील कर दिया गया था.
पारस अस्पताल के मालिक का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह मॉक ड्रिल के तौर पर पांच मिनट के लिए कोविड और ग़ैर कोविड वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने की बात कह रहे हैं. आरोप है कि इस दौरान 22 मरीज़ों की मौत हुई. मामला सामने आने के बाद उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली गई है.
उत्तर प्रदेश में आगरा स्थित पारस अस्पताल का मामला. अस्पताल के मालिक का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें वह मॉक ड्रिल के तौर पर पांच मिनट के लिए कोरोना मरीज़ों की ऑक्सीजन बंद करने की बात कह रहे हैं. यह घटना 26 अप्रैल की बताई जा रही है. आरोप है कि इस दौरान 22 मरीज़ों की मौत हुई.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कई निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य, मौलिक अधिकार होने के अलावा बुनियादी मानवाधिकार भी है, जिसे कोई भी लोकप्रिय सरकार नज़रअंदाज़ नहीं कर सकती है. सामाजिक न्याय एवं समानता में स्वास्थ्य का अपना एक स्थान है और यह सभी के लिए सुलभ होना चाहिए.
मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िला अस्पताल का मामला. ये मौतें 27 से 30 नवंबर के बीच हुई हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जांच में अस्पताल का कोई डॉक्टर या स्टाफ दोषी पाया जाता है तो उसे दंडित किया जाएगा.
मामला मुंबई के सेवरी के टीबी अस्पताल का है, जहां टीबी पीड़ित 27 साल का एक कोरोना संक्रमित मरीज़ चौदह दिनों से लापता था. बीएमसी ने मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश देते हुए वॉर्ड में काम कर रहे अस्पताल के 40 कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बिल भुगतान न होने पर एक निजी अस्पताल द्वारा वृद्ध मरीज को बिस्तर से बांधने के मामले पर संज्ञान लेते हुए अस्पतालों के रिसेप्शन पर फीस की सूची लगाने आदेश दिया था. अब अदालत ने इसके अमल को लेकर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.
इंदौर में शवों के रखरखाव में लापरवाही बरतने का यह पहला मामला नहीं है. पिछले हफ़्ते यहां के सरकारी महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय एक लावारिस लाश के सड़कर तक़रीबन कंकाल में बदल जाने का मामला सामने आया था. इसी अस्पताल में पांच महीने के बच्चे के शव को छह दिन तक गत्ते के बॉक्स में बंद कर रखे जाने का भी खुलासा हुआ था.
यह मेरठ मेडिकल कॉलेज की घटना है. ज़िलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
महाराष्ट्र के पुणे में एक निजी समाचार चैनल में काम करने वाले पत्रकार के परिवार का आरोप है कि अहमदनगर के निजी अस्पताल ने 40,000 रुपये एडवांस जमा कराने तक उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया था. अगर उन्हें समय पर इलाज मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी. महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
पटना के हाजीपुर सदर अस्पताल का मामला. आरोप हैं कि अस्पताल प्रशासन ने 12 घंटे पहले आई डॉक्टर की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट को उन्हीं से छिपाए रखा. इस दौरान संक्रमित डॉक्टर ने चार नर्सों के साथ मिलकर आठ घंटे में 12 नवजात बच्चों का इलाज किया.
मामला गुना के ज़िला अस्पताल का है. मृतक की पत्नी का आरोप है कि इलाज के लिए पर्ची बनवाने के लिए उनसे पैसे मांगे थे और पैसे न होने के कारण उनके पति को भर्ती नहीं किया गया. अस्पताल ने आरोप का खंडन किया है.
मामला सांबा ज़िले के सरकारी अस्पताल का है. 1 जुलाई को एक सॉफ्ट ड्रिंक प्लांट के मज़दूर के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद यहां के क़रीब 15 मजदूरों की जांच हुई थी, लेकिन दूसरे दौर के टेस्ट की रिपोर्ट आने से पहले ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया, जिसके बाद कई अपने गृह-नगरों के लिए निकल गए.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की घटना. परिवार का आरोप है अस्पताल द्वारा मरीज़ से मिलने के नाम पर 4000 रुपये अतिरिक्त मांगा जा रहा था, जिसे लेकर विवाद शुरू हुआ है. पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है.
बीते दिनों मध्य प्रदेश के शाजापुर के एक बुज़ुर्ग मरीज़ को अस्पताल के बेड पर रस्सियों से बांधने का वीडियो सामने आया था. मरीज़ की बेटी ने बताया कि बढ़ते बिल को देखकर जब उन्होंने अपने पिता को डिस्चार्ज करने को कहा तब अस्पताल ने बिना पैसे चुकाए ऐसा करने से मना कर दिया. जांच में यह बात सही पाए जाने के बाद अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है.