राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग 20-21 सितंबर को नई दिल्ली में 28वें द्विवार्षिक एशिया प्रशांत फोरम सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. इसके विरोध में क़रीब 2,000 सिविल सोसाइटी संगठनों और व्यक्तियों ने एक बयान जारी करके हाल के समय में सामने आए मानवाधिकार संबंधी मामलों में एनएचआरसी के ढीले रवैये पर भी सवाल उठाए हैं.
अमेरिकी विदेश विभाग की 2022 में भारत में मानवाधिकार की स्थिति पर जारी एक वार्षिक रिपोर्ट में मनमानी गिरफ़्तारियों, यूएपीए के इस्तेमाल और 'बुलडोज़र न्याय' जैसी विभिन्न घटनाओं का ज़िक्र करते हुए देश में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई है.
इन अंतरराष्ट्रीय विद्वानों ने 2002 के गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 64 लोगों को विशेष जांच दल द्वारा दी गई क्लीनचिट को चुनौती देने वाली दिवंगत कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी ज़किया जाफ़री की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और उसकी टिप्पणी की ओर ध्यान आकर्षित किया है.
भारत में मानवाधिकारों की स्थिति पर अमेरिकी विदेश विभाग की 'कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स' रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में ऐसे भी मामले देखे गए हैं, जहां विशेष रूप से पत्रकारों को उनके पेशेवर काम के लिए निशाना बनाया गया या उनका क़त्ल कर दिया गया.
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भारत में मानवाधिकार उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं संबंधी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए उनके भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर ने कहा कि लोगों को हमारे बारे में विचार रखने का अधिकार है. हमें भी उनकी लॉबी और वोट बैंक के बारे में विचार रखने का अधिकार है. हम भी अमेरिका समेत अन्य लोगों के मानवाधिकारों की स्थिति पर अपने विचार रखते हैं.
भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद के एक कार्यक्रम में भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भारत में बढ़ते सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने आयोजनकर्ता परिषद का जुड़ाव आतंकी संगठनों से होने का आरोप लगाया था.
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अमेरिकी सांसदों की मौजूदगी वाली एक डिजिटल चर्चा में देश में बढ़ती सांप्रदायिकता पर चिंता जताते हुए कहा कि हाल के वर्षों में ऐसी प्रवृत्तियां बढ़ी हैं, जो नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर अलग करना चाहती हैं. साथ ही असहिष्णुता, अशांति व असुरक्षा को बढ़ावा देती हैं.
दुनियाभर के 15 से अधिक देशों के भारतीय प्रवासियों और 30 अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह भारत में मानवाधिकारों पर बढ़ रहे हमलों की निंदा की. इन समूहों ने उन क़ानूनों को रद्द करने की वकालत की, जो मानवाधिकार रक्षा का अपराधीकरण कर रहे हैं और देश के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को जेल में डाल रहे हैं.
विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने न्याय मिलने में देरी पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इसकी वजह से लोग क़ानून अपने हाथ में लेते हैं.