नदीम खान एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (एपीसीआर) के राष्ट्रीय महासचिव हैं, जो मानवाधिकारों के लिए काम करने वाला एक राष्ट्रीय स्तर का प्रसिद्ध संगठन है. उन्हें पुलिस द्वारा परेशान किया जाना, डराना-धमकाना और अवैध हिरासत में रखना चिंता का विषय है.
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' में यूके सरकार की गुजरात दंगों की एक अप्रकाशित जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए नरेंद्र मोदी को सीधे तौर पर हिंसा के लिए ज़िम्मेदार बताया गया है. रिपोर्ट कहती है कि हिंसा योजनाबद्ध थी और गोधरा कांड ने बस एक बहाना दे दिया. अगर ऐसा न होता तो कोई और बहाना मिल जाता.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में यूरोपीय संघ के देशों द्वारा लाए गए प्रस्ताव में रूस में मानवाधिकार उल्लंघनों पर निगरानी रखने के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ की नियुक्ति की बात कही गई थी.
आईसीजे ने म्यांमार के इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस आईसीजे के इस निर्णय के साथ ही पश्चिम अफ्रीका के मुस्लिम बहुल देश गाम्बिया की ओर से म्यांमार के शासकों के ख़िलाफ़ रोहिंग्या समुदाय के लोगों के नरसंहार के आरोपों की सुनवाई आगे जारी रहेगी. साल 2019 में गाम्बिया ने विश्व अदालत में मामला दायर कर आरोप लगाया था कि म्यांमार नरसंहार संधि का उल्लंघन कर रहा है.
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सोमवार को ‘यूएस होलोकॉस्ट मेमोरियल म्यूजियम’ में अपने संबोधन में कहा कि अधिकारियों ने म्यांमार की सेना द्वारा जातीय अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ व्यापक और चरणबद्ध अभियान के तहत आम नागरिकों पर बड़े पैमाने पर अत्याचार के पुष्ट आंकड़ों के आधार पर इसे ‘नरसंहार’ बताया है.
अमेरिका के वकीलों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह ग्वेर्निका 37 ने अमेरिकी ट्रेजरी विभाग को सौंपे निवेदन में मांग की है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व डीजीपी ओमप्रकाश सिंह व कानपुर एसपी संजीव त्यागी के ख़िलाफ़ मानवाधिकारों का हनन करने के चलते वैश्विक प्रतिबंध लगाए जाएं.
केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एनएचआरसी द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर बताया कि पिछले तीन वित्त वर्षों से 31 अक्टूबर 2021 तक आए मानवाधिकार उल्लंघन के कुल मामलों के तक़रीबन 40 फीसदी अकेले उत्तर प्रदेश से हैं.
छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस मनाने के दौरान रायपुर में लगी एक प्रदर्शनी में आदिम जाति एवं अनुसूचित विकास विभाग द्वारा बैगा आदिवासियों को स्टॉल पर बैठाया गया जहां दर्शक उनके साथ फोटो आदि लेते दिखे. भूपेश बघेल सरकार के इस कदम को मानवाधिकार उल्लंघन बताते हुए कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनी को 'शहरी अवाम के मनोरंजन के लिए आदिवासियों की संस्कृति की हत्या' बताया है.
जिस राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को देशवासियों के मानवाधिकारों की रक्षा करने, साथ ही उल्लंघन पर नज़र रखने के लिए गठित किया गया था, वह अपने स्थापना दिवस पर भी उनके उल्लंघन के विरुद्ध मुखर होने वालों पर बरसने से परहेज़ न कर पाए, तो इसके सिवा और क्या कहा जा सकता है कि अब मवेशियों के बजाय उन्हें रोकने के लिए लगाई गई बाड़ ही खेत खाने लगी है?
यूरोपीय संसद की विदेश मामलों की समिति द्वारा एक रिपोर्ट में भारत में मानवाधिकार रक्षकों और पत्रकारों के लिए असुरक्षित कामकाजी माहौल, भारतीय महिलाओं और अल्पसंख्यक समूहों द्वारा सामना की जाने वाली कठिन परिस्थितियों और जाति आधारित भेदभाव के बारे में कई टिप्पणियां की गई हैं.
दक्षिण और मध्य एशिया के मामलों के लिए अमेरिका के विदेश मंत्रालय की राजदूत एलिस वेल्स ने अमेरिकी सदन में कहा कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव की घटनाएं, स्वयंभू गो-रक्षकों द्वारा दलितों और मुस्लिमों पर हमले जैसी घटनाएं भारत द्वारा अल्पसंख्यकों को प्रदत्त कानूनी संरक्षण के अनुरूप नहीं हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 26वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही.
'क्रिमिनल जस्टिस इन द शैडो ऑफ कास्ट' नाम से प्रकाशित एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि ये तथ्य बताते हैं कि पुलिस द्वारा दलित और आदिवासियों को निशाना बनाया जा रहा है.
जहां एक ओर कांग्रेस के लिए यह नक्सल समस्या को सुलझाने का एक नया मौका है, वहीं राहुल गांधी के लिए यह साबित करने का अवसर है कि वे और उनकी पार्टी वास्तव में देश के आदिवासियों की चिंता करते हैं.
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जेल अधिकारी जेलों के क्षमता से अधिक भरे होने के मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. ऐसी कई जेलें हैं जो क्षमता से 100 फीसद तथा कुछ मामलों में तो 150 फीसद से अधिक भरी हैं.