पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने बीते रविवार को ट्वीट कर कहा था कि कुलभूषण जाधव को राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन, अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप राजनयिक पहुंच दो सितंबर को उपलब्ध कराई जाएगी.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि सभी क़ानूनी पहलुओं पर विचार किए जाने के बाद सैद्धांतिक रूप से कश्मीर मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय न्याय अदालत में ले जाने का फैसला किया गया है जहां मानवाधिकार उल्लंघन को केंद्र में रखकर उठाया जाएगा.
आईसीजे और अंतरराष्ट्रीय क़ानून से फिलहाल बस थोड़ा-सा समय मिला है, जिसका उपयोग भारत और पाकिस्तान दोनों के ही राजनीतिक नेतृत्व को उस संकट से बाहर निकलने में करना चाहिए, जहां एक इंसान की ज़िंदगी पर तलवार न लटक रही हो.
अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पाकिस्तान से जाधव को राजनयिक पहुंच मुहैया कराने को कहा था. कुलभूषण जाधव जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद हैं.
वीडियो: जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव को दी गई फांसी की सज़ा पर अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत ने रोक लगा दी. इस मुद्दे पर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत ने भारत के हक़ में फ़ैसला सुनाते हुए पाकिस्तान से जाधव को कॉन्स्युलर एक्सेस देने को कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय वियना कन्वेंशन का उल्लंघन किया है.
इस फैसले से यह तय हो जाएगा कि एक भारतीय नागरिक जाधव को राजनयिक पहुंच न देकर पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया या नहीं.
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में सज़ा-ए-मौत देने के मामले में चार दिन तक चलने वाली सुनवाई के दौरान दोनों देश अपनी-अपनी दलीलें रखेंगे. भारत की कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच यानी कांसुलर एक्सेस मुहैया कराने की मांग.
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा लिखित दलीलें दाख़िल करने के लिए भारत और पाकिस्तान को क्रमश: 17 अप्रैल और 17 जुलाई की समय सीमा दी गई है.
क्या कारण है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज नहीं बता पा रहीं कि वे और उनका मंत्रालय जाधव की मां व पत्नी को पाकिस्तान के मानवीय मुलाकात के झांसे से बचाने में क्यों विफल रहे?
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा एहतियात की आड़ में जाधव के परिवार के सदस्यों की सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनाओं का ध्यान नहीं रखा गया.
जासूसी के आरोप में मौत की सज़ा पाने वाले भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं.
पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल में जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी, जिस पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा भारत की अपील के बाद रोक लगा दी गई थी.
डॉन अख़बार ने अपने संपादकीय में कहा है कि पाकिस्तान सरकार को मानवीय आधार पर जाधव की मां को वीजा प्रदान करना चाहिए.
बीते दिनों सेना के हाथों दो भारतीय अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का शिकार हुए हैं, लेकिन भारत सरकार के अधिकारी और पूरा देश इनमें से सिर्फ एक के अधिकारों के लिए लड़ता दिख रहा है.