प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कोई भी देश आधे-अधूरे संकल्पों के साथ कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता.
अगर किसी को फ़िक्र होती तो देश में 2008 से 2015 के बीच हर दिन दो हज़ार से अधिक नवजात शिशुओं की मौत नहीं होती.
लगातार चीनी सामानों के बहिष्कार अभियान के चलते व्यापारियों ने चीन से सामान आयात करने के लिए कम आॅर्डर दिए हैं.
रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. कहा- सहिष्णुता भारत की ताक़त है, इसे गंवाना नहीं चाहिए.
यह सरकार लघु उद्योगों, बेरोजगारी और कृषि क्षेत्र के हालातों को लेकर शुतुरमुर्गी रवैया अपनाए हुए है. समस्याओं को स्वीकार न करने से समस्याएं समाप्त नहीं हो जाती हैं. न ही कैबिनेट में फेरबदल कर देने से ही इन्हें सुलझाया जा सकता है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल में चार मंत्रियों का प्रमोशन. धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी कैबिनेट मंत्री बने. नौ नए चेहरे राज्य मंत्री बने.
फोर्ब्स ने अपने 18 महीने के सर्वे में पाया है कि एशिया महाद्वीप के टॉप 5 भ्रष्ट देशों में भारत का स्थान सबसे ऊपर है, जबकि पाकिस्तान चौथे नंबर पर है.
भारतीय मजदूर संघ ने नीति आयोग के उन निष्कर्षों को आधारहीन बताया है कि श्रम कानूनों में संशोधन के बिना विकास और रोज़गार संभव नहीं है.
हिसार की जिला अदालत ने रामपाल को सरकारी काम में बाधा डालने और लोगों को बंधक बनाने के मामले से बरी कर दिया है.
सिक्किम के डोकलाम इलाके में भारत और चीन के बीच करीब दो महीने से गतिरोध बना हुआ है.
माघ कृष्ण चतुर्दशी को काशी में गणेश चतुर्थी का मेला भी लगने लगा जिसमें विघ्नहर्ता, बुद्धिनिधान और विद्या के रक्षक के रूप मे बड़े देवता बन कर स्थापित हो चुके थे.
साक्षात्कार: एनकाउंटर में मारे गए आतंकी संगठन हिज़बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के पिता मुज़फ़्फ़र अहमद वानी से बातचीत.
वर्ष 2008 से 15 के बीच हर घंटे औसतन 89 नवजात शिशुओं की मृत्यु होती रही है. 62.40 लाख नवजात शिशुओं की मृत्यु जन्म के 28 दिनों के भीतर हुई.
आदिवासी तो दुनिया बनने से लेकर आज़ाद ही हैं. बस्तर के इन जंगलों में तो अंग्रेेज़ भी नहीं आए. इसलिए इन आदिवासियों ने अपनी ज़िंदगी में न ग़ुलामी देखी है, न ग़ुलामी के बारे में सुना है.
लगता है वह एक ही प्रधानमंत्री है जो अपने चोले और शक्ल बदल कर हर बरस घंटे भर कुछ बोलता है. उसे इस बार भी बोलना है. जब मैं यह लिख रहा हूं उसके बोले जाने वाले शब्द लिखे जा चुके होंगे. उनके बोलने में लोकतंत्र हर बार मजबूत होता है. उन्हें सुनकर इंसान हर बार मजबूर होता है.