उत्तराखंड में बन रहे पंचेश्वर बांध से 122 गांव डूब जाएंगे. यहां रहने वाले लोगों को सरकारों की चाहत से ही उजड़ना है और सरकारों के कहे पर ही कहीं और बस जाना है.
शायर और गीतकार गुलज़ार ने कहा कि हमें आज भी सांस्कृतिक आज़ादी नहीं मिल सकी है.
जन गण मन की बात की 93वीं कड़ी में विनोद दुआ राज्यसभा और चीन से युद्ध होने की संभावना और भारत के लिए इसके मायनों पर चर्चा कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने मांस निर्यात को लेकर यूपीए सरकार पर हमला बोला था, लेकिन ख़ुद उनके कार्यकाल में मांस निर्यात बढ़ गया है.
चीन के साथ कारोबारी रिश्तों को सरकार और अर्थव्यवस्था की कामयाबी के रूप में पेश किया जाता है लेकिन जब कभी दोनों देशों में विवाद होता है तब लड़ियों-फुलझड़ियों का विरोध शुरू हो जाता है.
भीड़-मानसिकता को जब कोई सांप्रदायिक विचारधारा नियंत्रित करती है तो निश्चित रूप से नारे भले ही अखंड भारत के लगें, भीतर ही भीतर विभाजन की पूर्वपीठिका तैयार की जा रही होती है.
द वायर ने भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव पर पूर्व विदेश सचिव और चीन में भारतीय राजदूत रहीं निरूपमा राव से बातचीत की.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मवेशियों की खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगाने संबंधी केंद्र की अधिसूचना पर मद्रास हाईकोर्ट की अंतरिम रोक बरकरार रहेगी और यह पूरे देश पर लागू होगी.
मीडिया बोल की पांचवीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, द हूट की संपादक सेवंती निनान और एनडीटीवी की वरिष्ठ संपादक निधि कुलपति के साथ बंगाल के बसीरहाट और बादुरिया की सांप्रदायिक हिंसा के मीडिया कवरेज पर चर्चा कर रहे हैं.
भारत में सब हत्या करने वाली भीड़ को ही दोष दे रहे हैं. कोई नहीं जांच करता कि बिना आदेश के जो भीड़ बन जाती है उसमें शामिल लोगों का दिमाग़ किस ज़हर से भरा हुआ है.
नई दिल्ली के जंतर मंतर पर ‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग को लेकर धरना देते हुए पूर्व सैनिकों को दो साल हो गए हैं. उनसे बातचीत.
मीडिया बोल की चौथी कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, एनडीटीवी के सीनियर एंकर रवीश कुमार और वरिष्ठ पत्रकार विद्या सुब्रह्मण्यम के साथ हिंदी मीडिया के ग़ैर-पेशेवर रवैये पर चर्चा कर रहे हैं.
चीन और भारत की सभी सरकारें ये स्वीकार करती आई हैं कि सिक्किम क्षेत्र में दोनों देशों के मध्य सीमा-निर्धारण हो चुका है.
‘एक ऐसी सरकार जो ‘सबका विकास’ के वादे पर सत्ता में आई थी, अब समाज के सबसे कमज़ोर लोगों को सुरक्षा देने को लेकर अनिच्छुक नज़र आ रही है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया अमेरिका दौरे से देश को क्या कोई फायदा होगा? द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.