अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और आस्थाओं की विविधता के घर भारत में हमने लोगों और पूजा स्थलों पर बढ़ते हमले देखे हैं. दो महीने से भी कम समय में यह दूसरी बार है जब अमेरिका ने भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन की बढ़ती प्रवृत्ति के बारे में सीधे तौर पर चिंता व्यक्त की है. इस रिपोर्ट पर भारत की ओर से कहा गया है कि पक्षपातपूर्ण विचारों के आधार पर तैयार
अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज़ होने के बाद पहली बार भारत ने एक वरिष्ठ राजनयिक की अगुवाई में अपना प्रतिनिधि दल वहां भेजा है. यात्रा को तालिबान को मान्यता देने की दिशा में क़दम माने जाने के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यात्रा मानवीय सहायता व वितरण से संबंधित है और इसमें ज़्यादा कुछ अनुमान नहीं लगाया जाना चाहिए.
दिल्ली में अक्षय कुमार की फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ देखने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 2014 में भारत में सांस्कृतिक पुनरुत्थान का काल तब शुरू हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार सत्ता में आई और यह यात्रा देश को गौरव की उन ऊंचाइयों तक ले जाएगी, जहां वह पहले था.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 4,31,68,585 हो गए हैं और ये महामारी अब तक 5,24,651 लोगों की जान ले चुकी है. विश्व में संक्रमण के 53.08 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और अब तक 62.96 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,31,64,544 हो गई है और अब तक इस महामारी के कारण 5,24,641 लोग जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 53.07 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और 62.94 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
एनएसओ के अनुसार, जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर साल-दर-साल धीमी होकर 4.1% हो गई. यह एक साल में इसकी सबसे धीमी गति है. वहीं, वित्त वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.71 प्रतिशत रहा है जो संशोधित बजट अनुमान से कम है.
भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,31,60,832 हो गई है और अब तक इस महामारी के कारण 5,24,636 लोग जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 53 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और 62.92 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,31,58,087 हो गई है और अब तक इस महामारी के कारण 5,24,630 लोग जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 52.93 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और 62.89 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की प्रबंधन समिति के सालाना अधिवेशन में महमूद मदनी ने कहा, 'हमारा मज़हब, लिबास, तहज़ीब, खाना-पीना भी अलग है. और अगर आपको हमारा मज़हब बर्दाश्त नहीं है, तो आप कहीं और चले जाएं. वो ज़रा-ज़रा सी बात पर कहते हैं कि पाकिस्तान जाओ, भइया तुम्हें मौक़ा नहीं मिलेगा पाकिस्तान जाने का, हमें मिला था, हमने रिजेक्ट किया है. इसलिए हम नहीं जाएंगे, जिसको भेजने का शौक़ है वो चला जाए.'
भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,31,55,749 हो गई है और अब तक इस महामारी के कारण 5,24,611 लोग जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 52.89 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और 62.87 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
उत्तर प्रदेश के देवबंद में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के सालाना अधिवेशन को संबोधित करते हुए संगठन के दूसरे धड़े के प्रमुख मौलाना महमूद असद मदनी ने शनिवार को कहा कि सरकार ने देश के मुसलमानों की मुश्किलों के प्रति आंखें मूंद ली हैं. संगठन ने आरोप लगाया कि देश के बहुसंख्यक समुदाय के दिमाग में भाजपा नीत सरकार के संरक्षण में ज़हर घोला जा रहा है.
रेलवे में पदों को ख़त्म करने को लेकर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि समाप्त होती हर नौकरी रेलवे की तैयारी कर रहे करोड़ों युवाओं की उम्मीदें तोड़ रही है. यह ‘वित्तीय प्रबंधन’ है या ‘निजीकरण’ की तरफ बढ़ाया जा रहा कदम? वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार नई नौकरियां देने में नहीं, बल्कि बची हुईं नौकरियां छीनने में सक्षम है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 4,31,53,043 मामले सामने आए हैं और इस महामारी की चपेट में आकर 5,24,586 लोगों की मौत हो चुकी है. विश्व में संक्रमण के 52.87 करोड़ से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और अब तक 62.87 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 4,31,50,215 मामले दर्ज किए गए हैं और इस महामारी के कारण मृतक संख्या बढ़कर 5,24,572 हो गई है. विश्व में संक्रमण के 52.84 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और अब तक 62.86 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
गांधी के बारे में जाता है कि वे अपने आख़िरी सालों में अकेले पड़ गए थे. वह अकेलापन, अगर था भी तो गांधी को बहुत कम समय झेलना पड़ा. असली अकेलापन नेहरू का था. वे प्रधानमंत्री थे और गांधी की तरह ही समझौताविहीन धर्मनिरपेक्ष. लेकिन उनकी सरकार हो या पार्टी, उनकी इस धर्मनिरपेक्षता के साथ शायद ही कोई उतनी दृढ़ता से खड़ा था.