पहला आम चुनाव: इतिहास का सबसे बड़ा जुआ

इस ऐतिहासिक चुनाव का श्रेय कई इंसानों और संस्थाओं को दिया जा सकता है, लेकिन किसी भी मूल्यांकन की शुरुआत जवाहरलाल नेहरू और सुकुमार सेन के साथ उन दो संस्थाओं से होनी चाहिए जिनके उत्कृष्ट मूल्यों को दोनों इंसान रूपायित करते थे - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और भारतीय सिविल सेवा.

जी-20 सम्मेलन के लिए छापी गई सरकारी बुकलेट में देश का आधिकारिक नाम ‘भारत’ बताया गया

दिल्ली में आयोजित जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन से पहले केंद्र सरकार ने दो बुकलेट जारी की हैं, जिनमें से एक- 'भारत: द मदर ऑफ डेमोक्रेसी' शीर्षक वाली पुस्तिका के पहले पन्ने पर ही कहा गया है कि देश का आधिकारिक नाम 'भारत' है.

भारतीय शिक्षाविदों, सिविल सोसायटी सदस्यों ने नवशरण सिंह पर ईडी की कार्रवाई की निंदा की

कनाडा के कार्लटन विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वालीं डॉ. नवशरण सिंह रोहतक विश्वविद्यालय, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक्स रिसर्च और इंटरनेशनल डेवलपमेंट रिसर्च काउंसिल में काम कर चुकी हैं. बीते माह प्रवर्तन निदेशालय ने उनसे लंबी पूछताछ की थी.

भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमले हो रहे हैं, भाजपा चाहती है कि देश ख़ामोश रहे: राहुल गांधी

लंदन में इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम मे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत में मीडिया, संस्थागत ढांचे, न्यायपालिका, संसद सभी पर हमले हो रहे हैं और हमें सामान्य माध्यमों से लोगों की आवाज़ रखने में बहुत मुश्किल हो रही है.

नया साल: चिंता, चुनौती, आशा

नए साल में असल चिंता का विषय है, भारत में ऐसे हिंदू दिमाग़ का निर्माण जो श्रेष्ठतावाद के नशे में चूर है. मुसलमान मित्रविहीन अवस्था में है. चंद बुद्धिजीवी ही उसके साथ हैं. कश्मीर में मुसलमानों को अधिकार से वंचित किया जा रहा है. असम में उसे कोने में धकेला जा रहा है और पूरे देश में क़ानूनों और ग़ुंडों के गठजोड़ के ज़रिये उसे प्रताड़ित किया जा रहा है.

हामिद अंसारी पर हमले: ज़रूरत चेहरा साफ करने की है, आईने नहीं

देश के लिए निराशा की बात है कि उसके पूर्व उपराष्ट्रपति तक को उसके धर्म के आधार पर देखा जाने लगा है और उनके कथनों से सबक लेने और आईने में हक़ीक़त की शक्ल देखने के बजाय उनसे ठकुरसुहाती की उम्मीद की जा रही है!

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने देश में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अमेरिकी सांसदों की मौजूदगी वाली एक डिजिटल चर्चा में देश में बढ़ती सांप्रदायिकता पर चिंता जताते हुए कहा कि हाल के वर्षों में ऐसी प्रवृत्तियां बढ़ी हैं, जो नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर अलग करना चाहती हैं. साथ ही असहिष्णुता, अशांति व असुरक्षा को बढ़ावा देती हैं.

साल 2019 के लोकसभा चुनाव क्यों भारतीय लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं

वीडियो: ये लोकसभा चुनाव भारतीय लोकतंत्र के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं, बता रहे हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन.

स्वतंत्र न्यायपालिका के बिना कोई भी लोकतंत्र जीवित नहीं रह सकता: जस्टिस चेलमेश्वर

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस जे. चेलमेश्वर सेवानिवृत्त. चार न्यायाधीशों की अपनी ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के संबंध में कहा कि मुझे बागी, काम बिगाड़ने वाला, वामपंथी और राष्ट्रद्रोही भी कहा गया लेकिन मैंने जनता के प्रति अपना दायित्व निभाया.

आए दिन देशभक्ति को नए सिरे से परिभाषित क्यों किया जा रहा है?

सरकार के हर फ़ैसले और बयान को देशभक्ति का पैमाना मत बनाइए. सरकारें आएंगी, जाएंगी. देश का इक़बाल खिचड़ी जैसे फ़ैसलों का मोहताज नहीं.

रामलीला मैदान में प्रदर्शन करना है तो जमा करो 50,000 रुपये

उत्तर दिल्ली नगर निगम 2794 रुपये के बजट घाटे से जूझ रहा है. इस संस्था ने इस साल रामलीला मैदान से 21 लाख रुपये कमाए हैं और 10 लाख और कमाने की उम्मीद है.

‘मोदी के पास दुनिया घूमने का समय है लेकिन दो साल से धरने पर बैठे सैनिकों से मिलने का वक्त नहीं है’

नई दिल्ली के जंतर मंतर पर ‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग को लेकर धरना देते हुए पूर्व सैनिकों को दो साल हो गए हैं. उनसे बातचीत.

आख़िरकार दुनिया ने विश्वगुरु के ‘स्मार्ट कल्चर’ का लोहा मान लिया

'जनता की मांग पूरी करने में इतनी बुद्धि, वक़्त और पैसा ठोंक दोगे तो अगला चुनाव कैसे लड़ोगे? जनता जो मांग रही है, वो सच में दे दिया तो अगले चुनावी घोषणापत्र में क्या सबको मंगल की सैर कराने का वादा करोगे?'

दो फैसले, जिन्होंने बताया कि संविधान संसद से ऊपर है

न्यायपालिका को कमज़ोर करने की कोशिशें भारतीय लोकतंत्र के मूल चरित्र के लिए ख़तरा हैं. मगर अफ़सोस की बात है कि इसे बहुमत का समर्थन हासिल है.