अली सरदार जाफ़री को उनके अद्भुत साहित्य सृजन के साथ जीवट भरे स्वतंत्रता संघर्ष और अप्रतीम फिल्मी करिअर के लिए तो जाना ही जाता है. उर्दू व हिंदवी की नज़दीकियों, उर्दू में छंदमुक्त शायरी को बढ़ावा देने, सर्वहारा की दर्दबयानी और साम्यवाद के फलसफे के लिए भी याद किया जाता है.
बीते 29 जुलाई को उत्तर प्रदेश की हाथरस पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत के बाद आगरा में बुकर पुरस्कार विजेता लेखक गीतांजलि श्री के सम्मान में होने वाले कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उनकी किताब ‘रेत समाधि’ में भगवान शिव और पार्वती का ‘आपत्तिजनक चित्रण’ है, जो ‘हिंदुओं की भावनाओं को आहत’ करता है.
वीडियो: 16 अगस्त, 1904 को इलाहाबाद के निकट निहालपुर गांव में जन्मीं सुभद्रा कुमारी चौहान ने महज़ नौ साल की उम्र में अपनी पहली प्रकाशित कविता लिखी थी. वह स्वतंत्रता आंदोलन में भी शामिल रही हैं. स्वतंत्रता से पूर्व स्त्री अधिकारों पर लिखने वाली वह देश की पहली महिला लेखक थीं.
किरण नागरकर ने मराठी और अंग्रेज़ी भाषा में सात उपन्यास लिखे हैं. उन्हें अपने उपन्यास क्यूकोल्ड के लिए 2001 में साहित्य अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.