करगिल युद्ध के 25 बरस: ‘इंटेलिजेंस की विफलता बनी भारतीय सैनिकों की मौत की वजह’

वीडियो: पच्चीस बरस बाद भी करगिल के प्रश्न मंडराते हैं. इतना बड़ा इंटेलिजेंस फेलियर कैसे हो गया? वायु सेना और थल सेना के बीच तालमेल देर क्यों हुई? बर्फीली पहाड़ियों पर हो रही लड़ाई लाइव मीडिया रिपोर्टिंग का स्टूडियो कैसे बन गई? करगिल युद्ध के समय उपमहानिदेशक रहे लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा) एमसी भंडारी से आशुतोष भारद्वाज की बातचीत.

सशस्त्र बल जल्द ही कर सकते हैं अल्पकालिक अनुबंधों पर सैनिकों की भर्ती: रिपोर्ट

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, इस संभावित निर्णय के तहत सैनिकों को तीन साल के अनुबंध पर रखकर प्रशिक्षित किया जाएगा. साथ ही वे उग्रवाद विरोधी अभियानों, ख़ुफ़िया जानकारी इकट्ठा करने सहित विभिन्न क्षेत्रों में सेवा देंगे. तीन साल होने पर अधिकांश सैनिकों को सेवामुक्त कर दिया जाएगा.

‘अमर जवान ज्योति’ के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय के निर्णय पर पूर्व सैनिक आमने-सामने

पूर्व सैनिकों के एक धड़े का मानना है कि 'अमर जवान ज्योति' का पुराना स्मारक प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में शहीद हुए उन सैनिकों के सम्मान में था जो अंग्रेज़ों के लिए लड़ते थे, जबकि दूसरा धड़ा मानता है कि केंद्र सरकार का यह फ़ैसला 1971 के युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों की शहादत का अपमान है.

सियाचिन, लद्दाख में जवानों को नहीं मिल रहा जरूरी खाना: कैग

कैग की रिपोर्ट से पता चला है कि सियाचिन और लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात जवानों के पास स्नो ग्लासेस और मल्टीपर्पज जूते नहीं हैं. उनके पास जरूरी भोजन भी उपलब्ध नहीं है. इन इलाकों में बेहद ठंड की वजह से जवानों को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है.