रसोई गैस के दाम बीते नौ महीने में 265 रुपये बढ़े हैं. कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार हर महीने रसोई गैस के दाम बढ़ाकर ‘उगाही योजना’ चला रही है. वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज़ किया कि भाजपा सरकार को उज्ज्वला योजना का नाम बदलकर ‘बुझव्वला योजना’ कर देना चाहिए.
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि देश की आज़ादी के बाद अर्थव्यवस्था को पंगु बनाकर महंगाई बढ़ाने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह नेहरू परिवार है. महंगाई एक-दो दिन में नहीं बढ़ती. अर्थव्यवस्था की नींव एक-दो दिन में नहीं रखी जाती है. 15 अगस्त 1947 को लाल क़िले की प्राचीर से प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिए गए भाषण की ग़लतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई.
वीडियो: दाल और तेल के बढ़ते दामों की वजह से भारत में हर साल पोषण महंगा होता जा रहा है. द वायर के ख़ास कार्यक्रम ‘कृषि की बात’ के पहले एपिसोड में इस मुद्दे पर कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा के साथ इंद्र शेखर सिंह की बातचीत.
वीडियो: ख़बरों के लिहाज़ से ये हफ़्ता बेहद रोचक रहा. भारत में पत्रकारों, नेताओं, उद्योगपतियों, कार्यकर्ताओं और न्यायाधीशों की फ़ोन की जासूसी की बात सामने आ रही है. पेट्रोल के बढ़ते दामों के बीच यूपी चुनाव की तैयारी भी होनी है तो उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण क़ानून का मसौदा पेश किया गया है. इस सब घमासान के बीच पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे और योगी के कोविड मैनेजमेंट की तारीफ़ कर डाली है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिंदबरम ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यापक संकट की ऐसी स्थिति में बढ़ती महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है और इसके लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ज़िम्मेदार है. अगर सरकार यह ढोंग करती रही कि महंगाई नहीं है तो यह मुद्दा ज्यों का त्यों बना रहेगा.
पेट्रोल-डीज़ल के रिकॉर्ड तोड़ दामों को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा था कि मोदी सरकार अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों के साथ लोगों को मुफ़्त चावल और कोविड टीके देने के लिए बहुत कुछ कर रही है. इसकी एक क़ीमत है. मुफ़्त मदद आसमान से नहीं गिरती है. इससे पहले केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोल के बढ़ते दामों पर कहा था कि केंद्र सरकार लाभकारी योजनाओं के लिए धन बचा रही है.
कोविड-19 संक्रमण के ताज़ा मामलों और मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की चिंताओं के बीच आरबीआई ने रेपो रेट को अपरिवर्तित रखते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए ज़रूरत पड़ने पर आगे कटौती की जा सकती है. आरबीआई ने यह भी कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत पर रहेगी.
जीएसटी काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी संग्रह में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है. उन्होंने इसकी भरपाई के लिए राज्यों को दो विकल्प सुझाए हैं.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक महंगाई दर जुलाई में माइनस 0.58 फीसदी रही, जबकि जून महीने में यह माइनस 1.81 फीसदी थी.
राज्यों को किए जाने वाले मुआवज़े के भुगतान के फॉर्मूला पर दोबारा काम करने के लिए जुलाई में जीएसटी परिषद की बैठक होने वाली थी. हालांकि, अब तक यह बैठक नहीं हो सकी है.
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने इससे पहले 1998 में भारत की रेटिंग को कम किया था. मूडीज ने कहा कि सुधारों की धीमी गति और नीतियों की प्रभावशीलता में रुकावट ने भारत की धीमी वृद्धि में योगदान किया. यह स्थिति कोविड-19 के आने से पहले ही शुरू हो चुकी थी.
जीएसटी परिषद की बैठक में साझा किए गए अप्रैल-फरवरी के आंकड़ों के अनुसार, संरक्षित राजस्व और राज्यों को होने वाले राजस्व के बीच राजस्व अंतर औसतन 14 प्रतिशत से बढ़कर 23 प्रतिशत हो गया है. इस वर्ष क्षतिपूर्ति उपकर के रूप में 80 हजार करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं, लेकिन राज्यों को 1.2 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं.
आईएमएफ के प्रवक्ता गैरी राइस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस महीने पेश किए गए बजट के बारे में पूछे जाने पर कहा कि भारत की आर्थिक परिस्थितियां आईएमएफ के पहले के पूर्वानुमानों की तुलना में कमजोर हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अभी राज्यों को 14 प्रतिशत क्षतिपूर्ति देने में देरी हो रही है... हम इसे समय पर नहीं दे पा रहे हैं. ऐसा कुछ नहीं है कि मैं फलाने राज्य को पसंद नहीं करती, इसीलिए मैं उस राज्य को हिस्सा नहीं दूंगी... लेकिन अगर राजस्व संग्रह कम रहता है, निश्चित रूप से राज्यों को मिलने वाली हिस्सेदारी कम होगी.
बजटीय राजस्व में भारी कमी देखी जा रही है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इससे कैसे निपटेंगी?