प्रमुख नीतिगत दर रेपो में पहली बार 0.35 प्रतिशत की चौंकाने वाली कटौती करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था को अधिक समर्थन की जरूरत है, इसलिए मेरा मानना है कि नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की परंपरागत कटौती कम होगी.
आरबीआई की मौद्रिक नीति घोषणा में इस बात पर अफसोस जताया गया है कि बैंकों के लिए नीतिगत दरों में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक अभी नहीं पहुंचाया गया है. नीतिगत दरों में पहले 0.50 फीसदी की कमी की गई पर बैंकों ने क़र्ज़ पर ब्याज दर में औसतन केवल 0.21 फीसदी की ही कमी की है.
इसके साथ ही रिज़र्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019- 20 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7.4 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया. रेपो दर वह दर होती है जिस पर रिज़र्व बैंक दूसरे कॉमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है.
यूपीए सरकार की तुलना में बीते पांच वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी दर में वृद्धि बहुत कम रही है और यह सिर्फ कृषि क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है.
आरबीआई गवर्नर का पद संभालने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में शक्तिकांत दास ने कहा कि तेल, खाद्य-पदार्थ और तमाम वस्तुओं की कीमतों में अनिश्चितता की स्थिति महंगाई के मूल्यांकन में बाधक हैं. कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने विकास दर के आंकड़ों को बोगस बताया.
सब्ज़ियों, फलों और प्रोटीन वाले सामान मसलन अंडों के दाम में कमी आई है. हालांकि, मांस, मछली और दालों के दामों में मामूली बढ़ोतरी हुई है. उद्योग संघों ने आरबीआई से ब्याज घटाने को कहा है.
जीएसटी परिषद ने छोटे कारोबारियों को जीएसटी से राहत देते हुए छूट सीमा को 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये वार्षिक कर दिया है जबकि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए इसे बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है.
जीएसटी रेट एक टैक्स से शुरू होता है और बाद में कई टैक्स आ जाते हैं या बढ़ने लगते हैं. या फिर कई टैक्स से शुरू होकर एक टैक्स की ओर जाता है. इसका मतलब है कि एक टैक्स को लेकर कोई ठोस समझ नहीं है. शायद जनता का मूड देखकर टैक्स के प्रति समझदारी आती है.
सुरजीत भल्ला का इस्तीफ़ा ऐसे समय में आया है जब बीते 15 महीनों में आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया और मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम समेत 3 अर्थशास्त्री सरकार का साथ छोड़ चुके हैं.
रिज़र्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को कम कर 3.9 से 4.5 प्रतिशत कर दिया है.
भाजपा के लिए प्रचार करने के सवाल पर योगगुरु रामदेव ने कहा, ‘मैं क्यों करूंगा, मैं उनके लिए प्रचार नहीं करूंगा.’
अखिल भारतीय किसान सभा ने कहा, धान के एमएसपी में 200 रुपये की वृद्धि किसानों के साथ ऐतिहासिक विश्वासघात है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक मुद्रास्फीति मई में 14 महीने के उच्चतम स्तर 4.43 प्रतिशत पर पहुंच गई है. पिछले साल मई महीने में यह 2.26 प्रतिशत थी.
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था के चार टायरों में से तीन- निर्यात, निजी निवेश और निजी उपभोग- पंक्चर हो चुके हैं. यह स्थिति सरकार की ग़लत नीतियों के चलते पैदा हुई. भाजपा ने चिदंबरम के आरोपों को बेबुनियाद बताया.
मोदी सरकार आने के बाद पहली बार रिज़र्व बैंक ने रेपो दरों में 0.25 फीसदी का इज़ाफ़ा किया है. अब रेपो रेट 6.25 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 6 प्रतिशत है.