कर्नाटक चलचित्र अकादमी के रजिस्ट्रार का कहना है कि दिखाई जाने वाली सभी फिल्मों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा मंज़ूरी दी जाती है. केंद्रीय अधिकारियों ने बताया कि उक्त डॉक्यूमेंट्री में फिल्माया गया मसला संवेदनशील है और इसलिए इसे फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित होने से रोका जाना चाहिए.
तमिल अभिनेता विशाल ने आरोप लगाया है कि उनकी फिल्म ‘मार्क एंटनी’ के हिंदी संस्करण को सेंसर बोर्ड से प्रमाणित कराने के लिए उन्हें दो एजेंटों को 6.5 लाख रुपये की रिश्वत देनी पड़ी. उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सेंसर बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार पर ध्यान देने की अपील की है.
क्रिस्टोफर नोलन द्वारा निर्देशित हॉलीवुड फिल्म ओपेनहाइमर के एक अंतरंग दृश्य के दौरान संस्कृत श्लोक पढ़े जाने से विवाद हो गया है. बताया जा रहा है कि यह श्लोक भगवद गीता से लिया गया. यह फिल्म अमेरिकी भौतिक विज्ञानी जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर के जीवन पर आधारित है, ‘परमाणु बम का जनक’ कहा जाता है.
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से एक परामर्श जारी किया गया है, जिसमें केंद्रीय मंत्रालयों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा गया है कि वे अपनी सामग्री प्रसार भारती के माध्यम से प्रसारित करें और 31 दिसंबर 2023 तक प्रसारण सामग्री वितरित करने वाली संस्थाओं से ख़ुद को अलग कर लें.
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने राज्यसभा में बताया कि फ़र्ज़ी खबरें फैलाने वालों और राष्ट्र विरोधी सामग्री के प्रकाशन पर कार्रवाई करते हुए यूट्यूब, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम सहित 60 से अधिक एकांउट पर रोक लगा दी गई है. टेक फॉग ऐप के बारे में पूछे जाने पर मुरुगन ने कहा कि सरकार ने तथ्यों की जांच करने के लिए एक इकाई स्थापित की है.
बीते दिसंबर महीने में 20 यूट्यूब चैनलों को प्रतिबंधित करने के बाद सरकार की ओर से ये कदम उठाया गया है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये चैनल अलगाववाद को प्रोत्साहित करने, भारत को धर्म के आधार पर विभाजित करने और भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी पैदा करने से संबंधित सामग्री का प्रचार कर रहे थे.
'भारत विरोधी दुष्प्रचार' और फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने के आरोप में बीस यूट्यूब चैनल और दो वेबसाइट ब्लॉक किए जाने के कुछ दिनों बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार देश के ख़िलाफ़ ‘साजिश रचने’ वालों के विरुद्ध इस तरह की कार्रवाई जारी रखेगी.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि ये चैनल और वेबसाइट 'पाकिस्तान से संचालित एक समन्वित दुष्प्रचार नेटवर्क' से संबंधित हैं तथा 'भारत से संबंधित विभिन्न संवेदनशील विषयों के बारे में फ़र्ज़ी ख़बरें फैला रहे हैं.'
नई दिल्ली स्थित भारतीय जनसंचार संस्थान के छात्रों का कहना है कि पहला सेमेस्टर ऑनलाइन कर लिया है पर दूसरे सेमेस्टर से कैंपस में बुलाया जाना चाहिए क्योंकि ऑनलाइन पढ़ने की कुछ सीमाएं हैं. प्रशासन द्वारा मांगों पर ध्यान न देने की बात कहते हुए छात्रों ने सोमवार से कैंपस में धरना शुरू कर दिया है.
अमेरिका स्थित डिजिटल मीडिया कंपनी हफ़पोस्ट के भारतीय डिजिटल प्रकाशन हफ़पोस्ट इंडिया ने छह साल के बाद मंगलवार को भारत में अपना काम बंद कर दिया. इसके साथ ही उनमें कार्यरत 12 पत्रकारों की नौकरी भी चली गई.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विभिन्न न्यूज़ पोर्टल, वेबसाइट और न्यूज़ एजेंसियों को जारी किए गए नोटिस में कहा कि उन्हें एक महीने के भीतर निदेशकों व शेयरधारकों का नाम तथा पता के साथ कंपनी और उसकी शेयरधारिता की जानकारी देनी होगी.
लेखकों और निर्देशकों के एक तबके ने कहा है कि ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के दायरे में लाए जाने के निर्णय से वैश्विक स्तर पर भारतीय कंटेंट क्रियेटरों को नुकसान हो सकता है. इससे निर्माताओं और यहां तक कि दर्शकों की रचनात्मक एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है.
ऑनलाइन समाचार पोर्टलों और कंटेंट प्रोवाइडरों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत लाने के लिए केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी किया है. दिलचस्प यह है कि ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध समाचार व समसामयिक विषयों से संबंधित सामग्रियों को ‘प्रेस’ उपश्रेणी के तहत न रखकर ‘फिल्म’ उपश्रेणी के तहत रखा गया है.
डिजिटली प्रसारित होने वाले ओटीटी प्लेटफॉर्म्स आईटी मंत्रालय के तहत आते हैं. अब इन प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित होने वाले कंटेंट को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा 11 दिसंबर को जारी पहले परामर्श की निंदा करते हुए एडिटर्स गिल्ड ने सरकार से इसे वापस लेने का अनुरोध किया था. दूसरा परामर्श जारी होने बाद तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह सूचना पहुंचाने वाले को ही सजा देना है.