सरकार के पास नागरिकों और व्यवसायों का एक छोटा कर आधार है, जहां जिससे जितना संभव हो उतना अधिक कर वसूला जा रहा है.
रिज़र्व बैंक का ध्यान जहां देश के ऋण प्रबंधन और विकास को गति देने पर ही केंद्रित है, वहीं महंगाई दिन दूनी-रात चौगुनी रफ़्तार से बढ़ती जा रही है.
द रिपोर्टर्स कलेक्टिस को आरटीआई के ज़रिये मिले दस्तावेज़ दिखाते हैं कि वित्त मंत्रालय ने भारतीय रिज़र्व बैंक को साल 2020 में मुद्रास्फीति लक्ष्य से चूकने के लिए जवाबदेही से बचने का मौका दिया.
भारत सरकार ने अपने केंद्रीय बैंक से ब्याज दरों में कटौती करने की कहते हुए उस पर विकसित देशों के पक्ष में यह दरें निर्धारित करने का आरोप लगाया था.
सरकार की ओर से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटाने और फ़िर अपने इस फैसले को वापस लिए जाने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा कि उन्हें पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. पार्टी ने ये भी कहा कि भाजपा को रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार पर राजनीतिक फायदा उठाने से बाज़ आना चाहिए.
छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका देते हुए सरकार ने बीते बुधवार को पीपीएफ और राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी. माना जा रहा है कि कुछ राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में भाजपा को किसी नुकसान से बचाने के लिए ब्याज दरों में कटौती का निर्णय वापस लिया गया.