केंद्रीय परियोजनाएं: राज्यों के आर्थिक विकास का प्रमुख ईंधन

बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य केंद्र सरकार द्वारा कम निवेश, केंद्र-प्रायोजित परियोजनाओं की कमी और अपर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के कारण आर्थिक वृद्धि में काफी पीछे रह गए हैं.

यूपी: व्यापारियों, उद्यमियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज होने से पहले शिकायत की जांच होगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि व्यापारियों और उद्यमियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच की जाए. कहा गया है कि यह क़दम राज्य में उद्यमियों को आधारहीन एफआईआर के ज़रिये अनुचित दबाव और उत्पीड़न से बचाने के लिए लिया गया है.

भारत चीनी कंपनियों के साथ व्यापार करने के लिए तैयार है: केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने चीन के साथ व्यापार को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा है कि हम कहीं भी किसी भी कंपनी के साथ व्यापार करने के लिए तैयार हैं, जब तक वे निवेश कर रहे हैं और वैध तरीके से अपना कारोबार कर रहे हैं.

वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों के बावजूद ईपीएफओ का अडानी समूह की कंपनियों में निवेश जारी

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अडानी एंटरप्राइजेज़ और अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड में निवेश करना जारी रखे हुए है. वह इस साल कम से कम सितंबर तक ऐसा करना जारी रखेगा. अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह की कंपनियों पर स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया है.

महाराष्ट्र: धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए अडाणी समूह ने लगाई सबसे बड़ी बोली

दुनिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी में से एक धारावी की पुनर्विकास परियोजना के तहत 6.5 लाख झुग्गीवासियों का पुनर्वास होना है. अडाणी समूह ने इसके लिए 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाते हुए डीएलएफ समूह को पीछे छोड़ा है. परियोजना के सीईओ ने बताया कि सरकार को ब्योरा भेजने के बाद बोलीदाता को अंतिम मंज़ूरी मिलेगी.

भारतीय उद्योगों को ‘हनुमानत्व’ पहचानने के लिए राम के नाम पर सरकार चलाने वालों की ज़रूरत है

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निवेश के लिए प्रोत्साहित करते हुए भारतीय उद्योगों से 'हनुमान' की तरह उनकी ताक़त पहचानने की बात कही है. कारोबार अपनी क्षमता बढ़ा भी लें, पर भारतीय उपभोक्ता की आय नहीं बढ़ रही है और खपत आधारित वृद्धि अब तक के सबसे निचले स्तर पर है.

भारत अब भी कारोबार के लिए चुनौतीपूर्ण स्थान, नौकरशाही बाधाओं को कम करे: अमेरिका

अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को जारी अपनी रिपोर्ट '2021 इन्वेस्टमेंट क्लाइमेट स्टेटमेंट्सः इंडिया 'में जम्मू कश्मीर के विशेष संवैधानिक दर्जे को समाप्त करने और नागरिकता संशोधन क़ानून पारित करने का भी उल्लेख किया है.

क्या चीन में काम कर रहीं कंपनियों को देश में लाने में सफल होगा भारत?

चीन में कामगारों के बढ़ते वेतन और अमेरिका के साथ इसके ट्रेड वॉर के बाद कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने वहां से अपने मैन्युफैक्चरिंग बेस शिफ्ट करने शुरू कर दिए थे, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद अप्रैल 2018 से लेकर अगस्त 2019 के बीच ऐसी कंपनियों में से सिर्फ तीन ही भारत आईं.

घोर आर्थिक असफलता के बाद भी मोदी सरकार की राजनीतिक सफलता शानदार है

सरकार के पास कोई आइडिया नहीं है. वह हर आर्थिक फैसले को एक इवेंट के रूप में लॉन्च करती है. तमाशा होता है, उम्मीदें बंटती हैं और नतीजा ज़ीरो होता है.

आर्थिक मंदी के लिए सुप्रीम कोर्ट ज़िम्मेदार: हरीश साल्वे

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने एक हालिया साक्षात्कार में कहा कि 2जी घोटाले, कोल ब्लॉक आवंटन और वोडाफोन मामले में दिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने विदेशी निवेशकों को डरा दिया है.

2002 के दंगों के बाद बिगड़ी छवि को सुधारने में मददगार रहा वाइब्रेंट गुजरात: विजय रूपाणी

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि हर वाइब्रेंट समिट में विदेशी निवेशकों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. हर निवेश यह साबित करता है कि गुजरात ने अपनी छवि बरकरार रखी है.

जीडीपी विकास के नए आंकड़ों पर भरोसा करना क्यों मुश्किल है

अर्थशास्त्र का नियम है कि ज़्यादा निवेश, बढ़ी हुई जीडीपी का कारण बनता है, ऐसे में निवेश-जीडीपी अनुपात में कमी आने के बावजूद जीडीपी में बढ़ोतरी कैसे हो सकती है?

रुपया 73 पर, बेरोज़गारी आसमान पर और प्रधानमंत्री इवेंट पर

अनिल अंबानी समूह पर 45,000 करोड़ रुपये का कर्जा है. अगर आप किसान होते और पांच लाख का कर्जा होता तो सिस्टम आपको फांसी का फंदा पकड़ा देता. अनिल अंबानी राष्ट्रीय धरोहर हैं. ये लोग हमारी जीडीपी के ध्वजवाहक हैं. भारत की उद्यमिता की प्राणवायु हैं.

पर्यावरण को लेकर हमारी उधार की समझ ने इसे अंतहीन क्षति पहुंचाई है

आज भी जब हम बच्चों को जंगल की कहानी सुनाते हैं तो उसमें पेड़, पौधे, घास, जानवर, शेर, शिकार, नदी, सब होता है पर जो नहीं होता वो है मनुष्य. जिसने सदियों से जंगल को उर्वर बनाए रखा, सहेजकर रखा और दोनों के बीच ऐसा तादात्म्य बनाया कि हिंदुस्तान की संस्कृति में इसे प्राथमिक स्थान मिला.