महाराष्ट्र: क्यों पुलिस इशरत जहां एनकाउंटर पर लिखी किताब पर कार्यक्रम नहीं होने दे रही है

मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में फंसाए गए और फिर बरी हुए वाहिद शेख़ की इशरत जहां एनकाउंटर पर लिखी किताब सार्वजनिक जानकारी, सीबीआई जांच और इशरत के परिजनों से बातचीत पर आधारित है. हालांकि, महाराष्ट्र पुलिस इससे जुड़े कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति न देते हुए इसे 'सरकार विरोधी' बता रही है.

दिल्ली दंगे: गृह मंत्रालय द्वारा अतिरिक्त बलों की तैनाती में देरी से हिंसा और भड़की- रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाईकोर्ट के पूर्व जज वाली फैक्ट-फाइंडिंग समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गृह मंत्रालय की लापरवाह प्रतिक्रिया, हिंसा में दिल्ली पुलिस की मिलीभगत, मीडिया की विभाजनकारी रिपोर्टिंग और सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ भाजपा का घृणा अभियान दिल्ली दंगों के लिए ज़िम्मेदार थे.

आईपीएस अधिकारी बर्ख़ास्तगी: सुप्रीम कोर्ट का हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार

गुजरात में इशरत जहां की कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले की जांच करने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा को गृह मंत्रालय ने उनकी सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले बर्ख़ास्त कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा इस फ़ैसले पर रोक से इनकार के आदेश में हस्तक्षेप करने का इच्छुक नहीं है.

कोर्ट का इशरत जहां मामले की जांच करने वाले आईपीएस अधिकारी की बर्ख़ास्तगी रोकने से इनकार

गुजरात में इशरत जहां की कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले की जांच करने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले बर्ख़ास्त कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम रोक के बाद अब दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि बर्ख़ास्तगी के आदेश में उसके हस्तक्षेप की ज़रूरत नहीं है.

इशरत जहां मामले की जांच करने वाले आईपीएस अधिकारी की बर्ख़ास्तगी पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

गुजरात में इशरत जहां की कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ के मामले की जांच में सीबीआई की मदद करने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा को बीते 30 अगस्त को उनकी सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बर्ख़ास्त कर दिया गया था. उन्होंने इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

दिल्ली दंगा: इशरत जहां को ज़मानत, अदालत ने कहा- वह चक्का जाम या साज़िश का हिस्सा नहीं थीं

पूर्व कांग्रेसी पार्षद इशरत जहां उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में कथित संलिप्तता के आरोप में 26 फरवरी 2020 से जेल में थीं. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि आरोप-पत्र में ऐसा कुछ नहीं है जिससे पता चले कि इशरत जहां फरवरी 2020 में हुए दंगों के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली के क्षेत्रों में मौजूद थीं या इन दंगों की कथित साज़िश में शामिल किसी संगठन या वॉट्सऐप ग्रुप की सदस्य थीं.

आरोपी पुलिसवालों को बरी करने पर इशरत जहां की मां ने कहा- शुरू से एकतरफ़ा थी सुनवाई

2004 में 19 वर्षीय इशरत जहां की अहमदाबाद के बाहरी इलाके में हुई एक मुठभेड़ में मौत हो गई थी. मुठभेड़ को जांच में फ़र्ज़ी पाया गया था और सीबीआई ने सात पुलिस अधिकारियों को आरोपी बताया था. इनमें से तीन को बुधवार को आरोप मुक्त कर दिया गया. इससे पहले तीन अन्य आरोपी अधिकारी बरी किए जा चुके हैं, जबकि एक की बीते साल मौत हो गई थी.

इशरत जहां मुठभेड़: अदालत ने बाकी बचे तीन आरोपी पुलिसकर्मियों को भी आरोप मुक्त किया

साल 2004 में मुंबई के नज़दीक मुम्ब्रा की रहने वाली 19 वर्षीय इशरत जहां तीन अन्य लोगों के साथ अहमदाबाद के बाहरी इलाके में गुजरात पुलिस की मुठभेड़ में मारी गई थीं. जांच में ये मुठभेड़ फ़र्ज़ी निकली थी. मामले के तीन अन्य आरोपी पुलिसकर्मी- पीपी पांडेय, डीजी वंजारा, एनके अमीन पहले ही आरोपमुक्त किए जा चुके हैं, जबकि जेजी परमार की बीते साल मौत हो गई.

दिल्ली दंगाः साल भर बाद भी पीड़ितों को इंसाफ नहीं, कार्यकर्ताओं ने की पुलिस की भूमिका की निंदा

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों का साल भर बीतने के बाद आज भी पीड़ित इंसाफ के इंतज़ार में हैं और सरकार कार्यकर्ताओं को अपराधी ठहराने के अपने अभियान में लगी हुई है.

दिल्ली दंगा: चोट और कोविड-19 के आधार पर दाख़िल इशरत जहां की ज़मानत अर्ज़ी ख़ारिज

कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इस साल फरवरी में हुए दंगों से जुड़े एक मामले में 26 फरवरी को गिरफ़्तार किया गया था. उनके ख़िलाफ़ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है.

इशरत जहां एनकाउंटर मामला: ट्रायल जज आरके चुडावाला का तबादला

विशेष सीबीआई जज आरके चुडावाला का स्थानांतरण ऐसे समय में हुआ है जब मुठभेड़ में शेष अभियुक्तों ने आरोपमुक्त किए जाने की अर्जी दाखिल की थी. इससे पहले जज जेके पांड्या ने एक महीने में मामले के दो मुख्य आरोपियों डीजी वंजारा और एनके अमीन को आरोपमुक्त कर दिया था.

इशरत जहां की मां का सुनवाई में हिस्सा लेने से इनकार, कहा- नाउम्मीद और बेबस हो चुकी हूं

गुजरात पुलिस की कथित फर्जी मुठभेड़ में मारी गई इशरत जहां की मां शमीमा कौसर ने अहमदाबाद में एक विशेष सीबीआई अदालत में कहा कि 15 से अधिक साल बीत गए लेकिन पुलिस अधिकारियों समेत सभी आरोपी जमानत पर हैं. उन्होंने सीबीआई से आरोपियों की दोषसिद्धि सुनिश्चित करने का अनुरोध किया.

इशरत जहां मामला: वंजारा और अमीन को आरोपमुक्त किए जाने को चुनौती नहीं देगी सीबीआई

इसी साल मार्च में डीजी वंजारा और एनके अमीन ने सीबीआई की विशेष अदालत में एक याचिका दाखिल करते हुए उन्हें तत्काल इस मामले में बरी करने की मांग की थी. इससे पहले गुजरात सरकार ने सीबीआई को दोनों पूर्व अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था.

इशरत जहां एनकाउंटर: गुजरात पुलिस के पूर्व अधिकारी डीजी वंजारा और एनके अमीन सभी आरोपों से बरी

बीते मार्च में डीजी वंजारा और एनके अमीन ने सीबीआई की विशेष अदालत में एक याचिका दाखिल करते हुए उन्हें तत्काल इस मामले में बरी करने की मांग की थी. इससे पहले गुजरात सरकार ने सीबीआई को दोनों पूर्व अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था.

इशरत जहां मामले में गुजरात सरकार ने नहीं दी पूर्व पुलिस अधिकारियों पर मुक़दमे की इजाज़त: सीबीआई

गुजरात पुलिस के रिटायर्ड अधिकारी डीजी वंजारा और एनके अमीन उन सात आरोपियों में शामिल हैं, जिनके ख़िलाफ़ इस मामले में सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किए हैं.