अब्दुल बिस्मिल्लाह ने मुस्लिम समाज में मौजूद जातिवाद को कुठांव यानी मर्मस्थल की मानिंद माना है. उनके अनुसार यह एक ऐसा नाज़ुक विषय है अमूमन जिसका अस्तित्व ही अवास्तविक माना जाता है और जिसके बारे में बात करना पूरे मुस्लिम समाज के लिए एक पीड़ादायक विषय है.
दिल्ली पुलिस ने वीज़ा शर्तों के कथित उल्लंघन, धार्मिक प्रचार गतिविधियों में शामिल होने समेत कई आरोपों में क़रीब 955 विदेशियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की थी, जिनमें से 44 ने दिल्ली में केस लड़ा. साकेत अदालत ने इनमें से आठ को बरी किया और बाकी 36 पर से कई आरोप हटा दिए हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने तबलीग़ी जमात के 29 विदेशी सदस्यों के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर रद्द करते हुए कहा कि दिल्ली में जमात के कार्यक्रम में शामिल होने आए विदेशियों के ख़िलाफ़ मीडिया में दुष्प्रचार किया गया और ऐसी छवि बनाने की कोशिश की गई कि ये ही भारत में कोविड-19 फ़ैलाने के ज़िम्मेदार थे.
राज्य सरकार ने कोविड-19 का हवाला देते हुए पहली से 10वीं कक्षा के पाठ्यक्रम कम करने के लिए इस्लाम, ईसाई धर्म, टीपू सुल्तान से जुड़े अध्याय हटाने का प्रस्ताव रखा था. इस पर विपक्षी दलों का कहना था कि सरकार अपने दक्षिणपंथी एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए ऐसा कर रही है.
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सऊदी अरब सरकार के फैसले का सम्मान करते हुए और लोगों के स्वास्थ्य और सलामती को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है कि भारत से हज के लिए मुसलमानों को सऊदी अरब नहीं भेजा जाएगा.
डब्ल्यूएचओ कहता है कि नागरिकों का स्वास्थ्य सरकारों की प्राथमिक ज़िम्मेदारी है. लेकिन भारत सरकार के यात्राओं पर प्रतिबंध, हवाई अड्डों पर सबकी स्क्रीनिंग के निर्णय में हुई देरी पर बात नहीं हुई, न ही कोविड जांच की बेहद कम दर की बात उठी. जमात ने ग़लती की है पर क्या सरकारों को कभी उनकी नाकामियों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा?
सब जानते हैं कि कोविड-19 एक घातक वायरस की वजह से फैला है, लेकिन भारत में इसे सांप्रदायिक जामा पहना दिया गया है. आने वाले समय में यह याद रखा जाएगा कि जब पूरे देश में लॉकडाउन हुआ था, तब भी मुसलमान सांप्रदायिक हिंसा का शिकार हो रहे थे.
तबलीग़ी जमात की आलोचना सही है, लेकिन ज़रूरी है कि उनके इतिहास को पढ़ा जाए और सोच समझकर उनके बारे में कोई राय बनाई जाए.
आईआईटी कानपुर के छात्रों द्वारा जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई दिल्ली पुलिस की बर्बर कार्रवाई और जामिया के छात्रों के समर्थन में फ़ैज अहमद फ़ैज़ की नज़्म 'हम देखेंगे' को सामूहिक रूप से गाए जाने पर फैकल्टी के एक सदस्य द्वारा आपत्ति दर्ज करवाई गई थी.
जो लोग ‘हम देखेंगे’ को हिंदू विरोधी कह रहे हैं, वो ईश्वर की पूजा करने वाले 'बुत-परस्त' नहीं, सियासत को पूजने वाले ‘बुत-परस्त’ हैं.
तमिलनाडु के नादुर गांव में दो दिसंबर को दीवार गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई थी. उस दीवार को एक व्यक्ति खुद के घर को दलितों से अलग करने के लिए बनाया था. उसके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं होने से दलित समुदाय के लोगों ने यह फैसला लिया है.
भारतीय लोकसभा में पारित किए गए नागरिकता संशोधन विधेयक पर पाकिस्तान ने कहा है कि इसके पीछे बहुसंख्यक एजेंडा है. इस विधेयक ने आरएसएस-भाजपा की मुस्लिम विरोधी मानसिकता को दुनिया के सामने ला दिया है.
आज बहुत सुनियोजित ढंग से आरएसएस परिवार को छोड़कर सारी आवाज़ों को दबा दिया गया है. अगर कोई आवाज़ उठती भी है तो वह सिर्फ उनकी होती है, जो मुसलमानों को पिछड़ा, दकियानूसी और क़बायली साबित करती हैं.
पुस्तक अंश: मोदीनामा किताब का पांचवां अध्याय ‘मनु का सम्मोहन’ बताता है कि भारत के संविधान के ऐलान को डाॅ. आंबेडकर ने मनु के शासन की समाप्ति कहा था, बावजूद इसके मनु की वापसी हो रही है.
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के बेलियाघाट 33 पल्ली दुर्गापूजा पंडाल का मामला. शिकायतकर्ता वकील ने कहा कि शहर की शांति बाधित करने की कोशिश की जा रही है. वहीं आयोजकों ने कहा कि इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है.