बीते शुक्रवार को आयोजित होने वाले इस वेबिनार में 2019 के बाद कश्मीर में प्रतिरोध व असंतोष की नई चुनौतियों पर चर्चा होनी थी. जेएनयू के वीसी जगदीश कुमार ने कहा कि यह उकसाने वाला विषय है और फैकल्टी सदस्यों ने आयोजन की योजना बनाने से पहले प्रशासन की अनुमति नहीं ली थी. आरएसएस से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस वेबिनार के पोस्टर जलाकर कार्रवाई की मांग की थी.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक पत्र लिखकर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है. शिक्षक संघ के अध्यक्ष डीके लोबियाल ने कहा कि जब तक निष्पक्ष जांच नहीं होगी और दोषी पकड़े नहीं जाएंगे तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.
आरटीआई में हुआ ये खुलासा जेएनयू प्रशासन के उन दावों के विपरीत है, जिनमें कहा गया था कि छात्रों ने तीन जनवरी को बायोमीट्रिक प्रणाली और सीसीटीवी कैमरों को तोड़ दिया था. पांच जनवरी को हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने छात्रसंघ अध्यक्ष ओइशी घोष और अन्य छात्रों के ख़िलाफ़ सर्वर रूम में तोड़फोड़ करने के आरोप में केस दर्ज कराया था.
साक्षात्कार: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पांच जनवरी को नकाबपोश हमलावरों द्वारा की गई हिंसा में 30 से अधिक छात्र घायल हुए थे, साथ ही कई शिक्षक भी चोटिल हुए थे. इनमें से एक प्रोफेसर सुचारिता सेन थीं. जेएनयू के इस घटनाक्रम पर सुचारिता सेन से रीतू तोमर की बातचीत.
प्रोफेसर भादुड़ी ने वीसी को पत्र लिखकर कहा, 'मौजूदा माहौल को देखकर मुझे काफी पीड़ा होती है. लेकिन मुझे लगता है कि बिना विरोध दर्ज कराए इस पूरे घटनाक्रम का मूक दर्शक बने रहना मेरे लिए अनैतिक होगा. विश्वविद्यालय में विरोध और विमर्श का गला घोटा जा रहा है.'
शुक्रवार को सोशल मीडिया जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष ओईशी घोष की दो तस्वीरों को यह कहकर साझा किया गया कि अलग-अलग समय पर उनके हाथ में बंधी पट्टी एक बार दाहिनी तरफ और एक समय बायीं ओर बंधी है और उनकी चोट फ़र्ज़ी है. ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा झूठा पाया गया है.
शिक्षण संस्थानों का जब-जब राजनीतिकरण होगा, उसकी परिणति अक्सर हिंसा के रूप में ही होती है. जेएनयू को लेकर हुए विवाद में आज देश दो धड़े में विभाजित है और यह विभाजन धार्मिक या जातीय नहीं बल्कि वैचारिक है.
वीडियो: बीते पांच जनवरी की रात कुछ नकाबपोश लोग जेएनयू कैंपस में घुस आए और विभिन्न हॉस्टलों में तोड़फोड़ की था. हमलावरों ने छात्रों को बर्बर तरीके से पीटा. इस हमले में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष भी घायल हो गई थीं. उनसे द वायर के अविचल दुबे से बातचीत.
वीडियो: वर्तमान में देश के हालात और जेएनयू में हिंसा, सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों पर फिल्म अभिनेता मोहम्मद ज़ीशान अयूब से द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: जेएनयू में बीते पांच जनवरी को नकाबपोश लोगों द्वारा की गई हिंसा और छात्रों व प्रोफेसरों से मारपीट के ख़िलाफ़ दिल्ली की जामा मस्जिद पर लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और छात्रों के ख़िलाफ़ हो रहे हमलों पर अपनी राय रखी. द वायर की रिपोर्ट.
बीते पांच जनवरी को नई दिल्ली जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में नकाबपोश लोगों की भीड़ ने घुसकर तीन छात्रावासों में छात्रों और प्रोफेसरों पर हमला किया था. नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि कुछ बाहरी लोग आए और विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रताड़ित किया. विश्वविद्यालय के अधिकारी इसे रोक नहीं सके. यहां तक कि पुलिस भी वक्त पर नहीं आई.
वीडियो: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में पांच जनवरी की देर शाम नकाबपोश हमलावरों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया, जिसमें 30 से अधिक लोग घायल हुए. इस घटना में घायल जेएनयू की प्रोफेसर सुचारिता सेन से रीतू तोमर की बातचीत.
वीडियो: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा को लेकर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने यहां के छात्र-छात्राओं से बात की.
वीडियो: नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पांच जनवरी की रात हिंसा के शिकार छात्रों, प्रोफेसरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से विशाल जायसवाल की बातचीत.
जो लोग जेएनयू गेट पर लाठियां लेकर खड़े थे और भीतर जो लोग लाठियां लेकर शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की लिंचिंग पर उतारू थे, उनकी मंशा को समझना क्या इतना मुश्किल है?