दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी इलाके में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर निकाले गए शोभायात्रा के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में अब तक 32 लोग पकड़े जा चुके हैं, जिनमें तीन नाबालिग भी शामिल हैं.
देश में जहां एक तरफ नफ़रत के पैरोकार सांप्रदायिकता की खाई गहरी करने के फेर में हैं, वहीं उनकी भड़काने और उकसाने की तमाम कोशिशों के बावजूद आम देशवासी सांप्रदायिक आधार पर एक दूजे के खून के प्यासे नहीं हो रहे, बल्कि उनके मंसूबों को समझकर जीवन के नए समतल तलाशने की ओर बढ़ने लगे हैं.
दिल्ली के जहांगीरपुरी में बीते 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी, जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय निवासी घायल हो गया था. पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक 30 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है, जिनमें से तीन नाबालिग हैं.
जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने अधिवक्ता विशाल तिवारी की ओर से दायर जनहित याचिका ख़ारिज करते हुए कहा, 'आप चाहते हैं कि जांच की अगुआई पूर्व चीफ जस्टिस करें? क्या कोई फ्री है? पता करिए, यह कैसी राहत है. ऐसी राहत मत मांगिए जो इस अदालत द्वारा दी नहीं जा सके.'
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. जिसके बाद इलाके में तनाव के माहौल के चलते कर्फ्यू लगा दिया गया था. स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि इस तिरंगा यात्रा से इलाके में शांति बहाल करने में मदद मिलेगी.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श में कहा गया है कि ऐसा कोई कार्यक्रम प्रसारित नहीं होना चाहिए जो शालीनता के ख़िलाफ़ हो, मैत्रीपूर्ण देशों की आलोचना करता हो, धर्मों या समुदायों पर हमला करता हो या जिसमें धार्मिक समूहों का तिरस्कार करने वाले दृश्य या शब्द हों. हालांकि जारी परामर्श में ऐसे विभिन्न उदाहरणों को सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन किसी निजी समाचार चैनल का नाम नहीं लिया गया है.
भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी में कई कथित अवैध ढांचों को ढहाने के एक दिन बाद पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रमुख आदेश गुप्ता ने यह पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में बांग्लादेशी, रोहिंग्या और असामाजिक तत्वों द्वारा सरकारी भूमि के अतिक्रमण के ख़िलाफ़ बुलडोज़र का उपयोग करके सख़्त कार्रवाई करने के लिए कहा है.
दिल्ली के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत कथित अवैध निर्माणों को तोड़ दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह तोड़फोड़ की कार्रवाई का संज्ञान लेगा, जो निगम को हमारे के आदेश से अवगत कराए जाने के बाद भी जारी रही थी. अभियान के ख़िलाफ़ माकपा नेता बृंदा करात ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया है.