कश्मीर में पिछले साल नौ अप्रैल को सेना ने फ़ारूक़ को पत्थरबाज़ बताते हुए जीप की बोनट से बांधकर कई गांवों में घुमाया था. घटना के एक साल बाद भी फ़ारूक़ अवसाद में हैं.
9 अप्रैल 2017 को सेना द्वारा जीप पर बांधकर घुमाए गए फ़ारूक़ अहमद डार साल भर बाद भी अपनी सामान्य ज़िंदगी में लौटने के लिए जूझ रहे हैं.
आतंकी संगठन आईएस ने बीते रविवार को जम्मू कश्मीर में फ़ारूक़ अहमद यातू नाम के एक पुलिसकर्मी की हत्या की ज़िम्मेदारी ली थी.
आज जब दुनिया में नाना प्रकार के खोट उजागर होने के बाद भूमंडलीकरण की ख़राब नीतियों पर पुनर्विचार किया जा रहा है, हमारे यहां उन्हीं को गले लगाए रखकर सौ-सौ जूते खाने और तमाशा देखने पर ज़ोर है.
देश के झंडे को भी क्यों सांप्रदायिक आधार पर बांटा जा रहा है? क्या हम लड़ते-लड़ते इतने दूर आ गए हैं कि देश के झंडे का भी बंटवारा कर देंगे?
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि अशांत क्षेत्रों में सेना का मानवाधिकार मामले में रिकॉर्ड अच्छा है.
मुख्यमंत्री ने चरमपंथ से निपटने के लिए नरम रवैया अपनाने की वक़ालत करते हुए करीब चार हज़ार युवाओं के ख़िलाफ़ दर्ज पत्थरबाज़ी के मुक़दमे वापस लेने का आदेश दिया है.
भाजपा बोली- जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग, इसे नहीं मानने वालों को पाकिस्तान में शरण लेनी होगी.
दिल्ली भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि इन राज्यों में अल्पसंख्यक होने के बावजूद हिंदुओं को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है.
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री ने कहा, बहस में कश्मीरियों को गालियां दी जाती हैं. इससे कश्मीरी बाक़ी देश से कटने लगे हैं और देश के लोग कश्मीर के ख़िलाफ़ हो रहे हैं.
पाकिस्तान सिर्फ़ एक स्टेट नहीं है; वहां लोग बसते हैं. नाकाबिल, संकीर्ण और फ़िरक़ापरस्त सरपरस्तों के ख़िलाफ़ वहां लोग बोलते हैं, जेल जाते हैं, जान देते हैं. वहां भी समाज है, नागरिक अधिकारों के लिए लड़ रहे जुझारू युवक हैं, अच्छे दिनों की आस में बड़े हो रहे बच्चे है, लेखक और कलाकार हैं.
साक्षात्कार: एनकाउंटर में मारे गए आतंकी संगठन हिज़बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के पिता मुज़फ़्फ़र अहमद वानी से बातचीत.
कश्मीरी पुलिसकर्मी अपने पेशे के चलते आतंकियों के लिए घृणा का पात्र बन जाते हैं वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी फिक्र करता कोई नहीं दिखता.
मुख्यमंत्री ने कहा, कश्मीर घाटी में एनआईए के छापे और अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारी कश्मीर समस्या का हल नहीं, अस्थायी उपाय है.
गिलानी ने कहा, इस्लाम कहता है कि कोई व्यक्ति किसी निर्दोष की हत्या करता है तो वो पूरी मानवता की हत्या करता है और अगर कोई किसी की जान बचाता है तो वो पूरी मानवता को बचाता है.