एजीएमयूटी कैडर के 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी आरआर स्वैन, डीजीपी दिलबाग सिंह का स्थान लेंगे, जो 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. स्वैन ने आतंकवाद समर्थकों, उनके ओवर-ग्राउंड कार्यकर्ताओं के साथ ही उनके फंडिंग के चैनल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करके आतंकी तंत्र को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
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जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि अब से सरकार की पूर्व मंज़ूरी प्राप्त किए बिना डीएसपी स्तर पर कोई भी तबादला नहीं किया जाएगा और डीएसपी के तबादलों तथा पोस्टिंग के प्रस्ताव पूरे विवरण के साथ गृह विभाग को भेजे जाएं. लोगों ने इसे डीजीपी के अधिकार को कमज़ोर करने का प्रयास बताया है.
जम्मू कश्मीर पुलिस ने जनवरी 2020 में पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह को श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर एक गाड़ी में दो आतंकियों के साथ पकड़ा था. सिंह पर एनआईए ने आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन को मदद देने का आरोप लगाया है.
जम्मू की विशेष अदालत में एनआईए ने कहा कि संवेदनशील जानकारियां हासिल करने के लिए जम्मू कश्मीर के निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह को पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया था और उन्होंने सीमा पर हिजबुल मुजाहिदीन आतंकियों को हथियार हासिल करने में मदद की.
इस साल जनवरी में कथित तौर पर हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के साथ गिरफ़्तार जम्मू कश्मीर के निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा दर्ज एक मामले में 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दायर करने में विफल रहने के बाद ज़मानत मिली है.
ऐसे समय में जब हमें यह बताया गया है कि अनुच्छेद 370 का हटना आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में सबसे निर्णायक क़दम था, तब अगले मिशन पर जा रहे एक वांटेड आतंकी के साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के पकड़े जाने पर यक़ीन करना मुश्किल है.
जम्मू कश्मीर पुलिस की सिफारिश के बाद हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों के साथ पकड़े गए दविंदर सिंह को बहादुरी के लिए दिया गया शेर-ए-कश्मीर पुलिस पदक बुधवार को 'वापस' ले लिया गया. सिंह की सेवा से बर्खास्तगी की सिफारिश भी की गई है.
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद हिरासत में लिए गए घाटी के 285 लोगों को उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में रखा गया है. आगरा के केंद्रीय कारागार के 1933 कैदियों में 85 कश्मीर घाटी से लाए गए कैदी हैं. हालांकि, आगरा के केंद्रीय कारागार की कुल स्वीकृत क्षमता केवल 1,350 है.
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के एक महीने बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि अगर कुछ प्रतिबंधों से आप किसी की ज़िंदगी बचा सकते हैं तो उससे अच्छा क्या हो सकता है? लोग ज़िंदगी के साथ स्वतंत्रता की बात कहते हैं लेकिन मैं कहता हूं कि ज़िंदगी पहले आती है, स्वतंत्रता बाद में.
जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि हमारी कोशिशों के बावजूद कुछ युवा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हुए और कुछ मारे भी गए. हमें इस पर दुख और अफ़सोस है. हम हिंसा के माहौल में हैं और हिंसा, हिंसा को जन्म देती है.