जम्मू कश्मीर उपराज्यपाल का दावा- केंद्रीय शासन से 80% लोग ख़ुश, स्थानीय दलों ने आपत्ति जताई

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाने की चर्चा के बीच उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि अगर सर्वे किया जाता है तो 80 फीसदी लोग वोट देंगे कि वर्तमान प्रणाली (केंद्रीय शासन) जारी रहनी चाहिए और किसी अन्य प्रणाली की ज़रूरत नहीं है. विपक्षी दलों ने उनके इस दावे को ‘ग़ैर-ज़िम्मेदाराना’ बताते हुए भारत के ‘लोकतांत्रिक प्रकृति के लिए चुनौती’ क़रार दिया है.

पुलिस ने कश्मीर में प्रेस की आज़ादी पर रिपोर्ट के लिए बीबीसी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की चेतावनी दी

कश्मीर में पत्रकारों और रिपोर्टिंग की स्थिति पर बीबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में घाटी के कुछ पत्रकारों और संपादकों से बातचीत की है, जिन्होंने बताया है कि घटनाओं की रिपोर्टिंग को लेकर अधिकारियों द्वारा बनाए गए ‘डर और धमकी’ के माहौल के कारण वे ‘घुटन’ महसूस करते रहे हैं.

जम्मू कश्मीर किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार, राज्य का दर्जा देने की कोई समयसीमा तय नहीं: केंद्र

भारत के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पांच जजों की संविधान पीठ 2019 में अनुच्छेद 370 में प्रावधानों में संशोधन कर जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ने दोहराया कि जम्मू कश्मीर का केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा ‘अस्थायी’ है.

जम्मू कश्मीर: दलित आईएएस अधिकारी ने एलजी, मुख्य सचिव पर उत्पीड़न का आरोप लगाया

1992 एजीएमयूटी कैडर के आईएएस अधिकारी अशोक कुमार परमार ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को भेजी शिकायत में आरोप लगाया है कि जल जीवन मिशन के अमल में 'गड़बड़ियां' उजागर करने के चलते उन्हें परेशान किया गया और बार-बार तबादला किया गया.

क्यों बिजली उपभोक्ता स्मार्ट मीटर का विरोध कर रहे हैं?

देश के विभिन्न हिस्सों से स्मार्ट मीटर के विरोध की ख़बरें आ रही हैं. तकनीक के विरोध के पीछे अज्ञानता भी हो सकती है मगर इसी के नाम पर कई बार खेल भी होता है. उपभोक्ता को नहीं पता कि स्मार्ट मीटर के पीछे कौन है, किसकी कंपनी है, इसकी प्रमाणिकता क्या है और क्यों केंद्र इसे लगाने के लिए राज्यों पर शर्तें थोप रहा है.

अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में पेश कश्मीरी लेक्चरर निलंबित

श्रीनगर के सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सीनियर लेक्चरर जहूर अहमद भट एक वकील भी हैं. बीते 23 अगस्त को वह अनुच्छेद 370 को कमज़ोर करने के केंद्र के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए थे. एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि उनके आचरण की जांच लंबित है, उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

भूमिहीनों के लिए भूमि योजना सिर्फ़ यहां के निवासियों के लिए आरक्षित: जम्मू कश्मीर प्रशासन

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एक आदेश में कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत भूमिहीनों के लिए भूमि केवल इस केंद्रशासित प्रदेश के निवासियों को ही दी जाएगी. वहीं पीडीपी ने प्रशासन पर भूमिहीनों को ज़मीन देने की इस योजना की आड़ में बाहरी लोगों को बसाने का आरोप लगाया है.

मीडिया संगठनों ने ‘द कश्मीर वाला’ की वेबसाइट, सोशल मीडिया हैंडल ब्लॉक किए जाने की निंदा की

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, भारतीय विमेन प्रेस कोर, प्रेस एसोसिएशन, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और वर्किंग न्यूज़ कैमरामैन एसोसिएशन ने कहा कि 'द कश्मीर वाला' के ख़िलाफ़ सरकार की कार्रवाई 'प्रेस की आज़ादी की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाती है.'

‘द कश्मीर वाला’ को ब्लॉक करना कश्मीरी मीडिया को मोदी सरकार द्वारा ग़ुलाम बना लेने का नमूना है

वीडियो: श्रीनगर से संचालित होने वाली 'द कश्मीरवाला' न्यूज़ वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया गया है और इसके ट्विटर और फेसबुक पेज भी ब्लॉक हो चुके हैं. अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से सूबे में मीडिया के क्या हालात हैं, बता रहे हैं अजय कुमार.

जम्मू कश्मीर प्रशासन चुनिंदा तरीके से कश्मीरी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहा है: महबूबा

पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती की यह प्रतिक्रिया जम्मू कश्मीर बैंक द्वारा अपने मुख्य प्रबंधक सज्जाद अहमद बज़ाज़ को कथित तौर पर ‘राज्य की सुरक्षा के लिए ख़तरा’ होने के आरोप में बर्ख़ास्त करने के एक दिन बाद आई है.

जम्मू कश्मीर: सरकार ने ‘द कश्मीर वाला’ की वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट पर रोक लगाई

स्वतंत्र मीडिया संस्थान ‘द कश्मीर वाला’ के संस्थापक-संपादक फहद शाह आतंकवाद के आरोप में 18 महीने से जम्मू जेल में बंद हैं, जबकि इसके ट्रेनी पत्रकार सज्जाद गुल भी जनवरी 2022 से जन सुरक्षा अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश में जेल में बंद हैं. संस्थान ने एक बयान में कहा है कि सरकार की इस कार्रवाई के अलावा उन्हें श्रीनगर में अपने मकान मालिक से दफ़्तर ख़ाली करने का नोटिस भी मिला है.

15 अगस्त 1947 के भारत के मुक़ाबले आज देश कहीं अधिक विभाजित है

हिंदुस्तान में जगह-जगह दरारें पड़ रही हैं या पड़ चुकी हैं. यह कहना बेहतर होगा कि ये दरारें डाली जा रही हैं. पिछले विभाजन को याद करने से बेहतर क्या यह न होगा कि हम अपने वक़्त में किए जा रहे धारावाहिक विभाजन पर विचार करें और उसे रोकने को कुछ करें? 

जम्मू कश्मीर: भारत की ‘सुरक्षा के लिए ख़तरा’ बताकर दो पत्रकारों के पासपोर्ट निलंबित किए गए

जिन पत्रकारों के पासपोर्ट निलंबित किए गए हैं, उनमें श्रीनगर के एक वरिष्ठ पत्रकार भी शामिल हैं जिन्होंने नई दिल्ली में हिंदुस्तान टाइम्स के साथ संपादक स्तर पर भी काम किया है, जबकि दूसरे दिल्ली की एक पत्रिका में काम करते हैं. उन्होंने बताया कि उनमें से कोई भी किसी आपराधिक मामले में आरोपी नहीं हैं.

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