सात राज्यों की कुल 25 राज्यसभा सीटों पर मतदान हुआ था जिनमें भाजपा ने 12, कांग्रेस ने चार, तृणमूल कांग्रेस और टीआरएस ने क्रमश: 4 और 3 और शरद यादव गुट वाले जद (यू) और सपा ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की.
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां मतदाताओं को प्रभावित करने के उद्देश्य से डेटा चोरी के आरोपों का सामना कर रही कैंब्रिज एनालिटिका से अपने-अपने चुनावी अभियान में मदद ले चुकी हैं.
शरद यादव ने कहा कि भाजपा द्वारा फैलायी जा रही सांप्रदायिकता को सामाजिक न्याय का आंदोलन ही रोक सकता है. आज सामाजिक विषमता का आलम यह है कि किसान, दलित और ग़रीब तबका बेहद दिक्कत में हैं.
भाजपा के वाई. पैटन को उपमुख्यमंत्री और 10 अन्य मंत्रियों को भी गोपनीयता की शपथ दिलाई गई, जिसमें एक निर्दलीय और जेडीयू विधायक भी शामिल हैं.
दो दिन पहले मांझी ने मार्च में होने वाले राज्यसभा की छह सीटों के चुनाव के लिए बिहार से अपनी पार्टी के व्यक्ति को एनडीए उम्मीदवार घोषित किए जाने की मांग की थी. कांग्रेस के चार एमएलसी जदयू में शामिल.
बीते शनिवार चुनाव परिणाम आने के बाद से ही छात्र अध्यक्ष पद के विजेता के नामांकन में गड़बड़ी और चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में त्रिपुरा, नगालैंड, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मेघालय के प्रमुख समाचार.
शरद यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि उपसभापति वेंकैया नायडू ने उनका और अली अनवर अंसारी का पक्ष सुने बिना ही सदस्यता रद्द कर दी है.
गुजरात चुनाव राउंडअप: वामदल और जदयू ने कहा, मोदी मुद्दों के बजाय गुजरात में पाकिस्तान के दख़ल की बात करते हैं, आरोप में दम है तो उन्हें कार्रवाई करनी चाहिए.
चुनावी बांड में राजनीतिक दल को दान देने वाले के बारे में कोई जानकारी नहीं होगी. ये बांड 1,000 और 5,000 रुपये मूल्य के होंगे.
शिवानंद तिवारी ने कहा, नीतीश सरकार घोटालों का रिकॉर्ड बना रही है. धान ख़रीद घोटाला, गर्भाशय घोटाला, मेधा घोटाला, दलित छात्रवृत्ति घोटाला, सृजन घोटाला और अब महादलित मिशन घोटाला.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) का कहना है, 32 क्षेत्रीय दलों की 221 करोड़ रुपये की आय में से आधी ख़र्च नहीं हुई.
यादव ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हर साल युवाओं को दो करोड़ नौकरियां देने का वादा हो या किसानों को अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का, किसी भी वादे को पूरा नहीं किया गया.
भागलपुर में करोड़ों की लागत से बने इस बांध का उद्घाटन 20 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों होना था.
रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान सत्या चुनावी ट्रस्ट की ओर से 47 करोड़ रुपये तो समाज चुनाव ट्रस्ट को 2.52 करोड़ रुपये राजनीतिक दलों को मिले.