पुलिस ने गिरिडीह ज़िले के गांडेय थाना क्षेत्र में डोकीडीह पंचायत के मुखिया प्रत्याशी जाकिर हुसैन और उनके तीन समर्थकों को नामांकन जुलूस के दौरान ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में गिरफ़्तार किया है. हालांकि, प्रत्याशी का कहना है कि उनके जुलूस में किसी ने भी देश विरोधी या पाकिस्तान ज़िंदाबाद नारा नहीं लगाया था.
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम ज़िले में पिछले कई महीनों से ‘हो आदिवासी’ समुदाय के कुछ युवक ब्रिटिशकालीन ‘कोल्हान गवर्नमेंट एस्टेट’ में ग्रामीण पुलिस और ‘हो भाषा’ के शिक्षक के पद के लिए हज़ारों आदिवासियों की बहाली कर रहे थे. आवेदकों से आवेदन और बीमा के नाम पर पैसे भी लिए जा रहे थे. हालांकि इस नौकरी घोटाले को ‘अलग राष्ट्र की मांग’ का नाम दे दिया गया.
सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपियों- लखन वर्मा और राहुल वर्मा के ख़िलाफ़ धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या करने और साक्ष्य छिपाने से जुड़ीं धाराओं में आरोप तय किए. धनबाद के जज उत्तम आनंद पिछले साल 28 जुलाई की सुबह सैर पर निकले थे, जब एक ऑटो रिक्शा ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
धनबाद ज़िले के निरसा में अवैध कोयला खनन के दौरान मलबा धंसने से चार महिलाओं समेत पांच लोगों की मौत हो गई है. पुलिस का कहना है कि दर्जनभर से अधिक लोग अब भी फंसे हो सकते हैं. बीते चार सालों में निरसा क्षेत्र में ईसीएल कंपनी की खदानों में अवैध खनन के दौरान दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत की सीबीआई जांच की निगरानी कर रहे झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि एजेंसी अब इस मामले से थक गई है और अपना पीछा छुड़ाने के लिए नई कहानी गढ़ रही है. जांच ऐसी दिशा में जा रही है जिससे लगता है कि वह ख़ुद आरोपियों को बचा रही है.
बीते चार जनवरी को सिमडेगा ज़िले के एक गांव में भीड़ ने पेड़ काटने के संदेह में एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर शव को जला दिया था. पांच जनवरी को पुलिस ने 13 नाम ज़द समेत कुल 38 लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की थी. इस मामले अब तक आठ आरोपियों को पुलिस गिरफ़्तार कर चुकी है.
पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के ख़िलाफ़ धनबाद में प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से प्रधानमंत्री एवं भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष को ‘अपशब्द’ कहने के आरोप में मानसिक बीमारी से पीड़ित एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी. मुख्यमंत्री ने मामले दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
मामला सिमडेगा ज़िले के कोलेबिरा थाना क्षेत्र का है. पुलिस के अनुसार, ग्रामीणों का आरोप था कि 32 वर्षीय संजू प्रधान वन क्षेत्र से लकड़ी की तस्करी करते थे. इससे नाराज़ ग्रामीण उन्हें बात करने के लिए घर से बुलाकर ले गए, जहां भीड़ ने पत्थर-लाठियों से उन्हें मारने के बाद शव को आग लगा दी.
बीते जुलाई में हुई धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत की सीबीआई जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट को सौंपी है. केंद्रीय एजेंसी के रवैये से असंतुष्ट हाईकोर्ट ने पहले कहा था कि उसकी चार्जशीट किसी 'उपन्यास' सरीखी है, जिसे केवल औपचारिकतावश दाख़िल किया गया है.
दो सप्ताह में यह दूसरी बार है कि उच्च न्यायालय ने इस मामले में सीबीआई को फटकारा है. इससे पहले 22 अक्टूबर को कोर्ट ने कहा था कि एजेंसी जांच पूरी करते हुई और ‘घिसे-पिटे ढर्रे’ पर आरोपपत्र दाखिल करते हुए ‘बाबुओं’ की तरह काम कर रही है.
धनबाद के अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई निदेशक को पेश होने के लिए कहते हुए कहा कि एजेंसी ने जांच पूरी करने और आरोप-पत्र दाख़िल करते हुए ‘बाबूओं’ की तरह काम किया. ऐसा लगता है कि यह केवल औपचारिकता पूरी करने के लिए दाख़िल किया गया है.
घटना गुमला ज़िले के गुरदरी क्षेत्र का है. 15 अक्टूबर को दशहरे के मेले से दो नाबलिग चचेरी बहनें 20 वर्षीय भाई के साथ लौट रहीं थीं. रास्ते में दस आरोपियों ने भाई को मारपीट कर भगा दिया तथा दोनों बहनों को अगवा कर जंगल में उनसे बारी-बारी से सामूहिक बलात्कार किया. इस मामले से जुड़े दो नामज़द आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ़्तार कर चुकी थी, जबकि एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली.
धनबाद के अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी न्यायिक अधिकारी की हत्या की गई है. इस घटना से न्यायिक अधिकारियों का मनोबल कम हुआ है और अगर इस मामले का जल्द से जल्द खुलासा नहीं किया गया तो यह न्यायिक व्यवस्था के लिए सही नहीं होगा.
झारखंड हाईकोर्ट मामले में सीबीआई की धीमी जांच और फॉरेंसिक साइंसेज लैबोरेटरी में कर्मचारियों की कमी पर नाख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि सरकार इस अदालत को अंधेरे में रखना चाहती है. धनबाद के ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह सैर पर निकले थे, जब एक ऑटो रिक्शा ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
झारखंड हाईकोर्ट ने धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत मामले की सीबीआई की धीमी जांच पर असंतोष जताया है. धनबाद के ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह सैर पर निकले थे, जब एक ऑटो रिक्शा ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी.