डिजिटल युग में नौकरी दो स्तर पर होगी. उच्चतम कौशल वाली और निम्नतम मज़ूदरी वाली. बहुत से दफ्तरों में सर छिपा कर काम करने वाले बीच के काबिल लोग ग़ायब हो जाएंगे. बल्कि हो भी रहे हैं.
राज्य के मौजूदा राजनीतिक विमर्श में रोज़गार और नौकरी को लेकर उठी आवाज़ें दब-सी गयी हैं. पूरा चुनाव प्रचार षड्यंत्रों की उल्टी-सीधी दास्तानों और ध्रुवीकरण पर आधारित हो गया है.
रविशंकर प्रसाद कह रहे नोटबंदी से देह व्यापार में कमी आई. जल्दी ही कोई दावा कर देगा कि नोटबंदी से चर्मरोग और गंजापन भी दूर होने लगा है.
कंपनी के अनुसार संगठन को पुनगर्ठित करने के प्रयास के तहत यह कदम उठाया गया है.