उत्तराखंड: चुनाव प्रचार में अग्निवीर, बेरोज़गारी व अंकिता भंडारी के हत्यारों पर क्यों मौन रही भाजपा

23 बरस पहले उत्तराखंड जिस मकसद के लिए बनाया गया, उसे लेकर आज लगता है कि लोगों की आकांक्षाओं को अनदेखा किया गया और बुनियादी मुद्दों से भटकाने के लिए धार्मिक ध्रुवीकरण की ओर धकेल दिया गया.

कोयला-निर्भर समुदायों को नौकरी से ज़्यादा ज़मीन की चिंता क्यों है?

वैश्विक स्तर पर ऊर्जा के स्रोतों में बदलाव लाने की प्रक्रिया को न्यायसंगत परिवर्तन यानी ‘जस्ट ट्रांज़िशन’ का नाम दिया गया है. हालांकि, देश के दो राज्यों- छत्तीसगढ़ और झारखंड के कुछ कोयला-निर्भर गांवों के लोगों की दशा यह दिखाती है कि ऐसे सभी परिवर्तन न्यायसंगत नहीं हो सकते. 

‘2024 लोकसभा चुनावों से पहले सबसे बड़े मुद्दे बेरोज़गारी और आर्थिक संकट हैं’

वीडियो: आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र देश की अर्थव्यवस्था, नौकरियों की स्थिति और बेरोज़गारी पर अर्थशास्त्री प्रोफेसर संतोष मेहरोत्रा और युवा हल्ला बोल के अनुपम के साथ चर्चा कर रहे हैं योगेंद्र यादव.

महाराष्ट्र: डिप्टी सीएम अजीत पवार ने शिक्षा-नौकरियों में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण की मांग की

यह पहली बार है कि भारतीय जनता पार्टी के किसी सहयोगी दल ने खुले तौर पर अल्पसंख्यकों के आरक्षण की वकालत की है. महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष अजीत पवार ने यह भी कहा कि जब तक वह सत्ता में हैं, तब तक अल्पसंख्यकों को डरना नहीं चाहिए.

समान नागरिक संहिता के बारे में क्या सोचते हैं उत्तराखंड के लोग

वीडियो: उत्तराखंड विधानसभा ने समान नागरिक संहिता विधेयक पारित कर दिया है, जो राज्य के आदिवासी समुदाय को छोड़कर सभी समुदायों पर लागू होगा. इस विधेयक में विवाह, तलाक़ समेत लिव-इन रिलेशनशिप के लिए भी विभिन्न प्रावधान दिए गए हैं. इस बारे में राजधानी देहरादून के लोगों से बातचीत.

विधेयक से कुछ समुदायों को बाहर रखा गया है तो वह समान नागरिक संहिता कैसे हुई: उत्तराखंड कांग्रेस

वीडियो: उत्तराखंड में भाजपा नेतृत्व वाली पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने हाल ही में समान नागरिक संहिता विधेयक विधानसभा में पारित कर दिया. इस मुद्दे को लेकर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा से द वायर के अतुल होवाले की बातचीत.

क्या उत्तराखंड के ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड का सहारा लिया गया है?

उत्तराखंड के सुदूर गांवों, तहसीलों और क़स्बों में आम आदमी और लिखे-पढ़े लोग भी पूरी तरह भ्रमित हैं कि बेशुमार समस्याओं से घिरे इस छोटे-से प्रदेश में अफ़रा-तफ़री में पारित हुए विवादास्पद यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल से उनकी ज़िंदगी किस तरह से बदलेगी.

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता, निशाने पर मुसलमान

वीडियो: उत्तराखंड विधानसभा में पुष्कर सिंह धामी की सरकार द्वारा पेश समान नागरिक संहिता विधेयक पारित कर दिया गया है. इसे लेकर द वायर की ​सीनियर ​एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

बजट 2024: मोदी सरकार का हाथ बड़े उद्योगों के साथ, मध्यम वर्ग की कमर टूटी

वीडियो: मोदी सरकार के अंतरिम बजट को लेकर चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु और ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर दीपांशु मोहन.

क्या आज के सत्ताधारी राम राज्य बना सकते हैं?

राम राज्य अपने आप नहीं आएगा, इसके लिए बड़े पैमाने पर सामाजिक प्रयास करने होंगे. सभी के लिए न्याय चाहिए होगा. लिंग, जाति, समुदायों के बीच समता लानी होगी. सभी के लिए उचित कमाई वाले रोज़गार, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं और माहौल चाहिए होगा. लेकिन सिर्फ राम का आह्वान करने से ये नहीं होगा.

राम राज्य में किस तरह की अर्थव्यवस्था होनी चाहिए?

वीडियो: लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के अंतरिम बजट और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर अर्थशास्त्री प्रोफेसर अरुण कुमार से बात कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु.

युद्धग्रस्त इज़रायल में नौकरी के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा से 5,600 से अधिक श्रमिकों का चयन

युद्धग्रस्त इज़रायल में कुशल श्रमिकों की भर्ती के लिए चलाए गए अभियान के तहत हरियाणा से 530 और उत्तर प्रदेश से 5,087 का चयन किया गया. इसके बाद मिज़ोरम, तेलंगाना, राजस्थान, बिहार और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम इंटरनेशनल से इज़रायल के लिए भर्ती अभियान चलाने का अनुरोध किया है.

यूपी: बेरोज़गार श्रमिक युद्धग्रस्त इज़रायल जाने को मजबूर, नौकरी की शर्तों पर भर्तीकर्ता चुप

युद्धग्रस्त इज़रायल में लुभावने वेतन पर 10,000 भारतीय निर्माण श्रमिकों को काम के लिए भेजे जाने के लिए लखनऊ में हुई भर्ती प्रक्रिया में शामिल लोगों ने बताया कि वे इज़रायल जाना चाहते हैं क्योंकि भारत में उन्हें रोज़गार नहीं मिल रहा.

उत्तर प्रदेश पुलिस के 60 हज़ार कॉन्स्टेबल पदों के लिए 50 लाख से अधिक युवाओं ने आवेदन किया

उत्तर प्रदेश पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भर्ती के लिए आवेदन बंद करने के समय 50.14 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. सभी आवेदकों में से 15 लाख महिलाएं हैं, जिन्होंने 12,000 आरक्षित सीटों के लिए आवेदन किया है. पुरुष आवेदकों की संख्या 35 लाख है. एक पद के लिए लगभग 83 दावेदार हैं.

12th फेल और यूपीएससी की चाहत

एक सरकारी नौकरी को पाने के लिए लाखों लाख युवा अपनी युवावस्था, अपनी उत्पादकता के सबसे चरम वर्षों को जिस पूरी यंत्रणा से गुज़ारते हैं, क्या वह वाकई ज़रूरी है?

1 2 3 16