द वायर के सिद्धार्थ वरदराजन समेत विश्व के 17 पत्रकारों को मिला डीडब्ल्यू फ्रीडम ऑफ स्पीच अवॉर्ड

साल 2015 से डॉयचे वेले द्वारा यह सालाना सम्मान मीडिया के क्षेत्र में मानवाधिकार और बोलने की आज़ादी के प्रति प्रतिबद्धता से काम करने के लिए दिया जाता रहा है. इस बार यह विश्व भर के उन पत्रकारों को दिया जा रहा है, जिन्होंने कोरोना संकट के दौरान उनके देशों में सत्ता द्वारा उत्पीड़न और कार्रवाई का सामना किया है.

विहिप ने अयोध्या को रणक्षेत्र बनाया तो ‘हिंदू’ हुई हिंदी पत्रकारिता

मुख्यधारा की पत्रकारिता तो शुरुआती दिनों से ही राम जन्मभूमि आंदोलन का अपने व्यावसायिक हितों के लिए इस्तेमाल करती और ख़ुद भी इस्तेमाल होती रही. 1990-92 में इनकी परस्पर निर्भरता इतनी बढ़ गई कि लोग हिन्दी पत्रकारिता को हिंदू पत्रकारिता कहने लगे.

जब पत्रकार सत्ता की भाषा बोलने लगें…

सरकार के हस्तक्षेप या प्रबंधन के दबाव का आरोप लगाना एक कमज़ोर बहाना है- मीडिया पेशेवरों ने स्वयं ही ख़ुद को अपने आदर्शों से दूर कर लिया है. वे बेआवाज़ को आवाज़ देने या सत्ताधारी वर्ग से जवाबदेही की मांग करने वाले के तौर पर अपनी भूमिका नहीं देखते हैं. अगर वे खुद व्यवस्था का हिस्सा बन जाएंगे, तो वे व्यवस्था से सवाल कैसे पूछेंगे?

ख़बरनवीस ख़ुद ख़बर बन जाए यह बिरले होता है

किसी एक पत्रकार को तब कितना अकेलापन लगता होगा जब उसके सारे हमपेशा ख़ुद को राष्ट्रनिर्माता या राष्ट्ररक्षक मान बैठे हों! रवीश कुमार इसी बढ़ते अकेलेपन के बीच उसी को अपनी शक्ति बनाकर काम करते रहे.

पत्रकार रवीश कुमार को मिला 2019 का रेमन मैग्सेसे पुरस्कार

एशिया का नोबेल माना जाने वाला मैग्सेसे पुरस्कार रवीश कुमार को पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए दिया गया है. अवॉर्ड फाउंडेशन ने उनके कार्यक्रम को आम लोगों से जुड़ा बताते हुए कहा कि अगर आप बेआवाज़ों की आवाज़ बनते हैं, तब आप एक पत्रकार हैं.

पत्रकार नेहा दीक्षित को मिला इंटरनेशनल प्रेस फ्रीडम अवॉर्ड

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स की ओर से दुनियाभर के साहसी पत्रकारों को सम्मानित करते हुए यह अवॉर्ड चार देशों के पांच पत्रकारों को दिया गया है. नेहा दीक्षित को यह सम्मान विभिन्न राज्यों में हुई ग़ैर-न्यायिक हत्याओं और रासुका के दुरुपयोग को लेकर की गई उनकी रिपोर्ट्स के लिए मिला है.

तिरंगा टीवी: बरखा दत्त ने कपिल सिब्बल पर लगाया कर्मचारियों का वेतन रोकने का आरोप

समाचार चैनल तिरंगा टीवी की सलाहकार संपादक बरखा दत्त ने कहा कि चैनल के प्रमोटर और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने जनवरी 2019 में चैनल के कर्मचारियों की नियुक्ति करते समय न्यूनतम दो साल का कार्यकाल देने की बात कही थी, अब वे इससे पीछे हट रहे हैं.

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने पत्रकार सुधीर चौधरी पर मानहानि का मुक़दमा दायर किया

ज़ी न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी ने अपने कार्यक्रम में दावा किया था कि महुआ मोइत्रा द्वारा संसद में फासीवाद को लेकर दिया गया भाषण 'चोरी किया हुआ' था.

डीयू: पत्रकारिता कोर्स को लेकर विवाद, आरएसएस और प्रधानमंत्री की गलत छवि पेश करने का आरोप

दिल्ली विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी पत्रकारिता के नए पाठ्यक्रम में मुज़फ़्फ़रनगर दंगों और मॉब लिंचिंग से संबंधित पाठ शामिल किए गए हैं. आरोप है कि इसके ज़रिये आरएसएस और उससे संबद्ध संगठनों यहां तक कि प्रधानमंत्री को भी निशाना बनाया जा रहा है. एबीवीपी ने कुलपति के खिलाफ प्रदर्शन किया.

गुजरातः सरकारी परियोजना पर रिपोर्ट के चलते पत्रकार पर हमला, एक गिरफ़्तार

मामला गुजरात के वलसाड का है. आरोप है कि एक तालाब के सौंदर्यीकरण की परियोजना को लेकर छपी ख़बर से गांव का पूर्व सरपंच नाराज़ था और उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर पत्रकार और उनके परिवार पर हमला किया.

द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी और फ़ैयाज़ अहमद वजीह को मिला रेड इंक अवॉर्ड

उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए मुंबई प्रेस क्लब की ओर से दिया जाने वाला यह पुरस्कार राजनीति श्रेणी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी को श्री श्री रविशंकर के साक्षात्कार और फ़ैयाज़ अहमद वजीह को कला श्रेणी में एक पब्लिशिंग हाउस के बारे में की गई वीडियो रिपोर्ट के लिए मिला है.

पुस्तक समीक्षा: पत्रकार करण थापर के साक्षात्कारों के पीछे की कहानियां

नेताओं के स्तुतिगान करने के इस दौर में आमने-सामने बैठकर आंखों में आंखें डालकर कड़े और कठिन सवालों के लिए जाने जाने वाले करण थापर की किताब ‘मेरी अनसुनी कहानी’ को पढ़ना सुकून देता है, क्योंकि असहमति और सवाल पूछना ही लोकतंत्र की ताक़त है.

वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य राजनाथ सिंह सूर्य का निधन

राजनाथ सिंह सूर्य भाजपा के प्रदेश महामंत्री और 1996 से 2002 तक राज्यसभा सदस्य रहे. कई वर्षों तक दैनिक ‘आज’ के ब्यूरो प्रमुख और 1988 में ‘दैनिक जागरण’ के सहायक सम्पादक बने और बाद में ‘स्वतंत्र भारत’ के सम्पादक रहे.

माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सहित 19 लोगों पर केस दर्ज

मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में कथित प्रशासनिक और आर्थिक गड़बड़ियों के मामले में पूर्व कुलपति बीके कुठियाला मुख्य आरोपी हैं. कुठियाला के अलावा बाकी 18 लोगों पर गलत तरीके से विश्वविद्यालय में नियुक्ति पाने का आरोप है.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: मणिपुर सरकार की आलोचना के चलते गिरफ़्तार पत्रकार गंभीर रूप से बीमार

पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को राज्य की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह की आलोचना के आरोप में रासुका के तहत एक साल की क़ैद की सज़ा सुनाई गई है. वे दिसंबर 2018 से जेल में हैं.

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