हिरासत में प्रताड़ना के 27 साल पुराने मामले में गुजरात की अदालत ने पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट को किया बरी

गुजरात की पोरबंदर अदालत ने 1997 के 'हिरासत में प्रताड़ना' मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को बरी कर दिया है. अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा.

न्यायिक स्वतंत्रता का अर्थ हमेशा सरकार के ख़िलाफ़ फ़ैसला देना नहीं: सीजेआई चंद्रचूड़

एक राष्ट्रीय दैनिक से जुड़े कार्यक्रम में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि बहुत सारे वर्ग या समूह हैं, जो कहते हैं कि अगर आप मेरे पक्ष में फैसला करते हैं, तो आप स्वतंत्र हैं. अगर आप मेरे पक्ष में फैसला नहीं करते हैं, आप स्वतंत्र नहीं हैं. इसी बात से मुझे आपत्ति है.

एक्सक्लूसिव: फुल कोर्ट बैठक के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ और कुछ जजों के बीच हुई थी तीखी बहस

इस अगस्त में कुछ वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा देने के संबंध में हुई उच्चतम अदालत की एक फुल कोर्ट मीटिंग के दौरान मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ को कुछ न्यायाधीशों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा था.

जजों की सरकार प्रमुखों से मुलाकात का मतलब यह नहीं कि कोई सौदा हुआ है: सीजेआई चंद्रचूड़

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि जब भी उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राज्यों और केंद्र में सरकारों के प्रमुखों से मिलते हैं, तो वे कभी भी लंबित मामलों पर चर्चा नहीं करते हैं. बैठकें अक्सर प्रशासनिक मामलों से जुड़ी होती हैं.

इतिहास जस्टिस चंद्रचूड़ को कैसे याद करेगा, यह उन्होंने ख़ुद तय कर दिया है

भारत के इतिहास में यह दर्ज किया जाएगा कि भारतीय धर्मनिरपेक्षता की इमारत जब गिराई जा रही थी, हमारे कई न्यायाधीशों ने उसकी नींव खोदने का काम किया. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का नाम सुर्ख़ियों में होगा.

‘भगवान भरोसे’ न्यायपालिका: पांच करोड़ मामले लंबित और जज केवल 20 हज़ार

सक्षम और स्वस्थ न्यायपालिका की अहम शर्तें हैं, केसों की सुनवाई के लिए पर्याप्त जजों और उनके सहयोगी स्टाफ का होना और इसके लिए आवश्यक ढांचागत सुविधाएं होना. फिलहाल हमारी न्यायपालिका दोनों ही मोर्चों पर संघर्ष कर रही है.

क़ानून को अंगूठा दिखाते फ़र्ज़ी एनकाउंटर!

वीडियो: 22 सितंबर को देश के तीन राज्यों में तीन आरोपियों का कथित एनकाउंटर किया गया. उत्तर से दक्षिण तक पुलिस एनकाउंटर को मिली स्वीकार्यता पर द वायर के पॉलिटिकल एडिटर अजॉय आशीर्वाद और पत्रकार सौरव दास के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.

वकीलों और पूर्व न्यायाधीशों ने सीजेआई चंद्रचूड़ के आवास पर पीएम मोदी के दौरे पर सवाल उठाए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गणेश पूजा में भाग लेने के लिए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के घर जाने का एक वीडियो सामने आने के बाद कई वकीलों, पूर्व न्यायाधीशों और विपक्षी नेताओं ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर चिंता व्यक्त की है.

जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय के लिए नीतिगत ढांचा तैयार करने का आधार है: राहुल गांधी

इलाहाबाद में हुए एक कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी को जनता की बात सुनकर जातिगत जनगणना करवानी ही होगी, अगर वह नहीं करेंगे तो अगले प्रधानमंत्री को कराते हुए देखेंगे.

मणिपुर हिंसा अभूतपूर्व, सरकार चुनिंदा तरीके से अदालती आदेशों का पालन कर रही है: जस्टिस मृदुल

मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने एक साक्षात्कार में कहा कि 14 महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर के चूड़ाचांदपुर, कांगपोकपी या मोरेह जैसे अशांत क्षेत्रों में बहुसंख्यक समुदाय के न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति संभव नहीं है.

जनतंत्र ऐसी सामूहिकता की कल्पना है जिसमें सारे समुदायों की बराबर की हिस्सेदारी हो

जनतंत्र ख़ुद इंसाफ़ है क्योंकि वह अपनी ज़िंदगी के बारे में फ़ैसला करने के मामूली से मामूली आदमी के हक़ को स्वीकार करने और हासिल करने का अब तक ईजाद किया सबसे कारगर रास्ता है. कविता में जनतंत्र स्तंभ की चौदहवीं क़िस्त.

जनतंत्र का लोप अचानक आई आपदा नहीं, एक प्रक्रिया है

एक आराध्य का चुनाव भीड़ को जन्म देता है. एक नेता में आस्था जिससे कोई सवाल नहीं किया जा सकता, जिसकी सिर्फ़ जय-जयकार ही की जा सकती है. कविता में जनतंत्र स्तंभ की बारहवीं क़िस्त.

सीजेआई को पूर्व जजों का पत्र न्यायपालिका को धमकाने के पीएम के अभियान का हिस्सा: कांग्रेस

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के 21 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे एक पत्र में कुछ गुटों द्वारा सोचे-समझे दबाव, ग़लत सूचना के ज़रिये न्यायपालिका को कमज़ोर करने के बढ़ते प्रयासों की बात की है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे लेकर कहा कि न्यायिक स्वतंत्रता को सबसे बड़ा ख़तरा भाजपा से है. 

भारत में कौन जनतंत्र को ज़िंदा रखना चाहता है

चुनाव के साफ़ सुथरा और निष्पक्ष होने में विपक्ष के अलावा जनता को दिलचस्पी होनी चाहिए. आशा की जाती है कि जब शासक दल निरंकुश होने लगे तो राज्य की बाक़ी संस्थाएं मिलकर जनतांत्रिक प्रक्रियाओं की हिफ़ाज़त करेंगी. लेकिन जान पड़ता है राज्य की सभी संस्थाओं ने भाजपा में अपना विलय कर दिया है.

सरकार द्वारा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति समिति से सीजेआई को हटाना समझ से परे: अशोक लवासा

पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने एक आलेख में चुनाव आयुक्तों को नियुक्त करने के क़ानून पर कहा है कि मोदी सरकार द्वारा नियुक्ति समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश को बाहर करने से विभिन्न पूर्वाग्रहों को बल मिलता है और लगता है कि यह आम सहमति बनाने की बजाय बहुमत सुनिश्चित करने की कोशिश है. 

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