अडानी समूह के प्रति सरकार की कृपादृष्टि महज़ धारणा का मामला नहीं है

जितनी आक्रामक तरीके से सत्ताधारी पार्टी की तरफ से एक कारोबारी दिग्गज की हिमायत की कोशिश की जा रही है, आख़िर वह समूह अचानक पार्टी के लिए इतने महत्वपूर्ण कैसे हो गया?

‘हमको शाहों की अदालत से तवक़्क़ो तो नहीं, आप कहते हैं तो ज़ंजीर हिला देते हैं’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों विपक्ष को निशाना बनाते हुए कहा कि ‘जब कोर्ट कोई फैसला सुनाता है तो कोर्ट पर सवाल उठाया जाता है... (क्योंकि) कुछ दलों ने मिलकर भ्रष्टाचारी बचाओ अभियान छेड़ा हुआ है.’ हालांकि, यह कहते हुए वे भूल गए कि लोकतंत्र की कोई भी अवधारणा ‘कोर्ट पर सवालों’ की मनाही नहीं करती.

‘राहुल-मुक्त’ संसद और विपक्ष-मुक्त भारत देश के आम लोगों के लिए घातक हैं

विपक्ष के बिना लोकतंत्र की नदी सूख जाएगी. हर सरकार ग़लती करती है और ग़लतियां होने, उन्हें सुधारने में कोई शर्म नहीं है. पर जिन देशों में एक ही दल और उसके सुप्रीम नेता को ही लोकप्रियता और जनसमर्थन प्राप्त हो और विपक्ष कमज़ोर या ग़ायब हो, वहां इस सरकार और नेता की कोई ग़लती आपदा का रूप ले लेती है.

देश भर के वकीलों का क़ानून मंत्री को पत्र, कहा- सरकार की आलोचना ‘भारत-विरोध’ नहीं

बीते 18 मार्च को केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘तीन या चार’ रिटायर जज ‘भारत-विरोधी’ गिरोह का हिस्सा हैं, जो चाहते हैं कि न्यायपालिका विपक्ष की भूमिका निभाए. इस बयान के विरोध में देश के 300 से अधिक वकीलों ने उन्हें पत्र लिखकर टिप्पणी वापस लेने की मांग की है.

राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाना बताता है कि क़ानून ग़लत हाथों में पहुंच गया है

डॉ. आंबेडकर ने कहा था कि कोई भी संविधान बुरा हो सकता है यदि इसे अमल में लाने वाले लोग बुरे हों. उनका कथन इस संदर्भ और प्रासंगिक हो जाता है कि कैसे संवैधानिक अधिकारों को तबाह करने के लिए नौकरशाही और निचली न्यायपालिका के स्तर पर सामान्य क़ानूनों का उपयोग या दुरुपयोग किया जाता है. लोकसभा से राहुल गांधी की सदस्यता जाना इसी का एक उत्कृष्ट उदाहरण है.

उपराष्ट्रपति और क़ानून मंत्री के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका

बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने संविधान में ‘विश्वास की कमी’ दिखाकर, इसकी संस्था यानी सुप्रीम कोर्ट पर हमला कर संवैधानिक पदों पर रहने से ‘ख़ुद को अयोग्य’ कर लिया है.

कुछ रिटायर जज ‘भारत विरोधी गैंग’ का हिस्सा हैं: क़ानून मंत्री रिजिजू

केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि कुछ रिटायर जज भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं, वे ऐसी कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय न्यायपालिका विपक्ष की भूमिका निभाए.

कॉलेजियम प्रणाली संपूर्ण नहीं है, लेकिन उपलब्ध सबसे अच्छी व्यवस्था है: सीजेआई चंद्रचूड़

एक कार्यक्रम में भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कॉलेजियम प्रणाली पर अभी उपलब्ध सबसे अच्छी व्यवस्था है. इस प्रणाली का उद्देश्य आज़ादी को बनाए रखना था, जो कि एक प्रमुख मूल्य है. पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने भी शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए इसे ‘आदर्श प्रणाली’ बताया.

सीजेआई की ऑनलाइन ट्रोलिंग के ख़िलाफ़ विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति से तत्काल कार्रवाई की मांग की

कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे गए पत्र में देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर हो रही ट्रोलिंग को रोकने के लिए कार्रवाई करने का निवेदन किया गया है. पत्र पर कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी, सपा और शिवसेना (यूबीटी) सांसदों ने भी हस्ताक्षर किए हैं.

राहुल गांधी ने लंदन में ऐसा क्या कहा, जिससे भाजपा बौखला गई है

यूनाइटेड किंगडम में राहुल गांधी द्वारा मोदी सरकार की आलोचना में कुछ नया नहीं था, सिवाय इसके कि वे विदेशी दर्शकों के सामने बोल रहे थे. संभव है कि यही वजह है कि भाजपा- जो 2024 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी को वैश्विक नेता के तौर पर पेश करना चाहती है- इतनी बौखलाई हुई नज़र आ रही है.

राहुल गांधी का भाषण नहीं, मोदी सरकार का कामकाज दुनिया में भारत की बदनामी की वजह है

अगर मोदी सरकार झूठ का डंका बजाकर सच को छिपाना चाहती है, तो क्या वह देश का भला कर रही है? अगर सच बोलने पर 'देश पर हमला होने' जैसे आरोप लगें तो इसे देश को आबाद करने का तरीका कहा जाएगा या बर्बाद करने का?

कट्टरपंथी, फासीवादी संगठन आरएसएस ने भारत के सभी संस्थानों पर क़ब्ज़ा कर लिया है: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत में लोकतांत्रिक प्रतिस्पर्धा का स्वभाव पूरी तरह से बदल गया है. इसका कारण आरएसएस नामक संगठन है. इस कट्टरपंथी, फासीवादी संगठन ने भारत के लगभग सभी संस्थानों पर क़ब्ज़ा कर लिया है. प्रेस, न्यायपालिका, संसद और चुनाव आयोग सभी ख़तरे में हैं.

यूके में राहुल गांधी: मोदी की नाकामी का पर्दाफ़ाश या भारत की बदनामी?

वीडियो: कांग्रेस नेता राहुल गांधी फ़िलहाल यूनाइटेड किंगडम के दौरे पर हैं और वहां हुए विभिन्न कार्यक्रमों में मोदी सरकार को निशाने पर लिया है. उनके बयानों को लेकर देश में भाजपा नेता कांग्रेस पर हमलावर हैं. इन आरोपों-प्रत्यारोपों के बारे में विस्तार से बता रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

न्यायपालिका ने हस्तक्षेप के प्रयासों से निपटते हुए अपनी स्वतंत्रता बचाए रखी है: पूर्व सीजेआई

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने स्वतंत्र न्यायपालिका की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि आज विभिन्न चुनौतियां है, जिनका सामना न्यायपालिका को करना है. हमें हर तरह के दबाव, हमले या किसी भी तरह के हस्तक्षेप को सहन करना है. एक संपन्न लोकतंत्र होने के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका होना ज़रूरी है.

भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमले हो रहे हैं, भाजपा चाहती है कि देश ख़ामोश रहे: राहुल गांधी

लंदन में इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम मे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत में मीडिया, संस्थागत ढांचे, न्यायपालिका, संसद सभी पर हमले हो रहे हैं और हमें सामान्य माध्यमों से लोगों की आवाज़ रखने में बहुत मुश्किल हो रही है.

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