सुप्रीम कोर्ट में अब सिर्फ एक महिला जज का होना चिंतित करने वाला: जस्टिस चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठतम जजों में से एक जस्टिस इंदु मल्होत्रा की सेवानिवृत्ति पर आयोजित एक कार्यक्रम में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश की विविधता अदालतों में भी झलकनी चाहिए. वैविध्य भरी न्यायपालिका लोगों में अधिक विश्वास की भावना लाती है.

किसी को फ़र्ज़ी केस में फंसाकर उसकी ज़िंदगी ख़राब कर देना इतना आसान क्यों है

ग़लत तरीके से बिना गुनाह के एक लंबा समय जेल में गुज़ारने वाले लोगों द्वारा झेली गई पीड़ा की जवाबदेही किस पर है? क्या यह वक़्त नहीं है कि देश में पुलिस प्रणाली और अपराध न्याय प्रणाली को लेकर सवाल खड़े किए जाएं?

बलात्कार हर देश में होते हैं पर सिर्फ हमारे यहां पीड़िता को इसका दोष दिया जाता है: निर्मला बनर्जी

साक्षात्कार: महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ते अपराधों, सीमित किए जा रहे अधिकारों के बीच उनसे संबंधित मुद्दों पर बात करने की ज़रूरत और बढ़ गई है. देश में महिलाओं की वर्तमान परिस्थितियों को लेकर बीते पांच दशकों से महिला आंदोलनों का हिस्सा रहीं वरिष्ठ अर्थशास्त्री निर्मला बनर्जी से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के ख़िलाफ़ अवमानना कार्यवाही की अनुमति देने से अटॉर्नी जनरल का इनकार

बीते दिनों के कार्यक्रम के दौरान राज्यसभा सदस्य और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने न्यायपालिका के 'जर्जर हाल' में होने की बात कही थी. इसके लिए उनके ख़िलाफ़ अवमानना कार्यवाही की अपील से इनकार करते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि उन्होंने ऐसा संस्थान की बेहतरी के लिए कहा.

मीडिया बोल: चुटकुला बनती सियासत और मीडिया

वीडियो: मौजूदा दौर में राजनीति और मीडिया के बड़े मंच ऐसे दयनीय हाल में हैं कि ख़ुद ही चुटकुला बन गए हैं. दूसरी तरफ गंभीर पत्रकारों या कॉमेडियंस की टिप्पणियों से कभी सरकार, तो कभी न्यायपालिका को आहत हो रहे हैं. इन्हीं मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन और टीवी एंकर मीनाक्षी श्योराण से चर्चा कर रहे हैं उर्मिलेश.

पूर्व सीजेआई गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद शुरू हुए ‘साज़िश’ के मामले की जांच बंद

2019 में तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई पर सुप्रीम कोर्ट की एक कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, जिसके बाद अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उन्हें फंसाने के किसी 'गहरे षड्यंत्र' की जांच शुरू की थी. अब इसे बंद करते हुए कोर्ट ने कहा कि दो साल बाद जांच के लिए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड मिलना मुश्किल है.

राज्यसभा नामांकन पर बोले जस्टिस गोगोई- अगर सौदा होता तो सिर्फ राज्यसभा सीट से बात न बनती

एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने देश की न्यायिक व्यवस्था पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि न्यायपालिका एकदम ‘जर्जर’ स्थिति में पहुंच गई है और वे कोर्ट जाना पसंद नहीं करेंगे.

अदालत गोपनीय जानकारी साझा नहीं करती, सूत्रों वाली ख़बरों से सावधान रहें: सुप्रीम कोर्ट

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा उच्चतर न्यायपालिका के जज के ख़िलाफ़ शिकायत पर सीजेआई की संभावित कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों के हवाले से प्रकाशित हुई ख़बरों के बाद शीर्ष अदालत ने कहा है कि इस तरह की प्रक्रियाएं आतंरिक होती हैं, जिनकी जानकारी जारी नहीं की जाती.

क्या नए कृषि क़ानूनों से सिर्फ़ किसान ही प्रभावित हो रहे हैं?

नए कृषि क़ानून के अलावा आम नागरिकों को क़ानूनी सहायता के अधिकार से वंचित करने की मिसाल आपातकाल, जब सभी मौलिक अधिकारों को स्थगित कर दिया था, को छोड़कर कहीं और नहीं मिलती.

न्याय प्रणाली अमीरों और शक्तिशाली लोगों द्वारा बंधक बना ली गई है: सुप्रीम कोर्ट बार अध्यक्ष

वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने एक कार्यक्रम में कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट के जज किसी राजनेता की प्रशंसा करते हैं तो वे अधीनस्थ अदालतों को क्या संदेश देते हैं? इसका केवल यही संदेह होता है, मोदी सरकार के ख़िलाफ़ मामले तय न करें. कार्यपालिका के पक्ष में जाने के लिए जज क़ानून के परे जा चुके हैं.

जस्टिस अरुण मिश्रा के न्यायिक परंपराओं की अनदेखी की वजह उनका रूढ़िवादी नज़रिया है

जस्टिस अरुण मिश्रा द्वारा प्रार्थनास्थलों पर सरकार की नीति, अश्लीलता और लैंगिक न्याय को लेकर दिए गए फ़ैसले क़ानूनी पहलुओं से ज़्यादा उनके निजी मूल्यों पर आधारित नज़र आते हैं.

अभिव्यक्ति की आज़ादी दबाने के लिए राजद्रोह क़ानून का इस्तेमाल कर रही है सरकार: जस्टिस लोकुर

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर ने एक कार्यक्रम में कहा कि बोलने की आज़ादी को कुचलने के लिए सरकार फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने के आरोप का तरीका भी अपना रही है. कोरोना के मामलों और इससे संबंधित अव्यवस्थाओं की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर फेक न्यूज़ देने के आरोप लगाए जा रहे हैं.

जस्टिस अरुण मिश्रा के सुप्रीम कोर्ट के सबसे प्रभावशाली जज बनने की कहानी

भारत के राजनीतिक तौर पर सर्वाधिक संवेदनशील मामलों को अनिवार्य रूप से जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ को ही भेजा जाता था और देश के सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम जज इसकी वजह जानने के लिए इतिहास में पहली बार मीडिया के सामने आए थे.

हम पराधीनता से स्वाधीनता तक पहुंच गए, पर स्वतंत्रता तक पहुंचना अभी बाकी है

पेरियार ने कहा था, 'हमें यह मानना होगा कि स्वराज तभी संभव है, जब पर्याप्त आत्मसम्मान हो, अन्यथा यह अपने आप में संदिग्ध मसला है.' भारतीय संविधान की उद्देशिका बताती है कि भारत अब एक संप्रभु और स्वाधीन राष्ट्र है, लेकिन इसे अभी 'स्वतंत्र' बनाया जाना बचा हुआ है.

संवैधानिक मूल्य और बहुसंख्यक विचार हमेशा एक समान नहीं होते: जस्टिस कुरियन जोसेफ

एक वेबिनार में 'कोर्ट और संवैधानिक मूल्य' विषय पर बोलते हुए जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि संवैधानिक संस्थानों की विश्वसनीयता कम हो गई हैं, क्योंकि यहां पदों पर बैठे लोगों के पास संविधान को बरक़रार रखने की हिम्मत नहीं है.

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