नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की किताब के विमोचन के अवसर पर जस्टिस गोगोई ने कहा कि हम आज जो करेंगे उसका असर हमारे बच्चों पर पड़ेगा.
कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि जोसेफ के नाम के साथ ही कुछ अन्य उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को भी पदोन्नति देकर सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफ़ारिश की जाएगी.
एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा कि वकील जजों को निशाना बनाकर इस संस्था को ही ख़त्म कर रहे हैं.
न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने कहा कि ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जब कॉलेजियम की सिफ़ारिश वाले नामों को केंद्र द्वारा वापस भेजा गया हो. इसलिए मामले पर और अधिक चर्चा किए जाने की ज़रूरत है.
शीर्ष अदालत ने कॉलेजियम द्वारा की गई सिफ़ारिशें लंबित रखने के लिए केेंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया.
दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एपी शाह ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश बीएच लोया की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फ़ैसले को ‘न्यायिक रूप से ग़लत’ बताया.
कमल शुक्ला बस्तर में फ़र्ज़ी मुठभेड़, पत्रकारों की सुरक्षा, मानवाधिकार और आदिवासियों के हितों के लिए आवाज़ उठाते रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट के चार मुख्य न्यायाधीशों और चार पूर्व जजों ने जजों की नियुक्ति पर सरकार के हस्तक्षेप को लेकर चिंता जताई है. ये सभी जज कांग्रेस के महाभियोग के प्रस्ताव को भी ख़ारिज कर चुके हैं. इनका सवाल है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कॉलेजियम के प्रस्ताव को ठुकराने की अनुमति सरकार को कैसे दे दी?
जस्टिस केएम जोसेफ की पदोन्नति पर घमासान. कांग्रेस ने पूछा, क्या उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के ख़िलाफ़ फ़ैसले की वजह से उनके नाम को मंज़ूरी नहीं दी गई.
जस्टिस केएम जोसेफ को पदोन्नति पर संशय बरक़रार, कांग्रेस ने लगाया ‘बदले की राजनीति’ का आरोप.
आज जिन लोगों को अरुण जेटली ‘संस्थानिक बाधा’ बता रहे हैं, उन्हें यूपीए-2 के शासनकाल के समय भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने पर भाजपा ने सिर-आंखों पर बिठाया था.
पिछले महीने न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवेदनशील जनहित याचिकाओं और महत्वपूर्ण मुक़दमे वरिष्ठता के मामले में जूनियर न्यायाधीशों को आवंटित किए जाने पर सवाल उठाए थे.
ऐसा नहीं है कि न्यायपालिका में जारी गड़बड़ियों से आम आदमी बेख़बर हो, लेकिन न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार आमतौर पर अवमानना के डर से कभी भी सार्वजनिक बहस का मुद्दा नहीं बन सका.
हम भी भारत की 18वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, भारत में आर्थिक असमानता पर दिल्ली विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर कृष्ण कुमार एस. और आॅक्सफेम इंडिया की निदेशक रानू भोगल से चर्चा कर रही हैं.
न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट के उन चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों में से एक हैं जिन्होंने हाल ही में मामलों के आवंटन समेत कई समस्याओं को उठाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.