ऐसा नहीं है कि न्यायपालिका में जारी गड़बड़ियों से आम आदमी बेख़बर हो, लेकिन न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार आमतौर पर अवमानना के डर से कभी भी सार्वजनिक बहस का मुद्दा नहीं बन सका.
हम भी भारत की 18वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, भारत में आर्थिक असमानता पर दिल्ली विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर कृष्ण कुमार एस. और आॅक्सफेम इंडिया की निदेशक रानू भोगल से चर्चा कर रही हैं.
न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट के उन चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों में से एक हैं जिन्होंने हाल ही में मामलों के आवंटन समेत कई समस्याओं को उठाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई तभी होगी, जब शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री याचिका दर्ज करके सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेगी.
ख़त में पूर्व जजों ने चीफ जस्टिस से गुज़ारिश की है कि जनता का न्यायपालिका में भरोसा बनाए रखने के लिए मामले बेंच में भेजने संबंधी समस्या का जल्द से जल्द हल निकाला जाए.
एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सरकारें अपना काम नहीं करतीं और जब हम कुछ कहते हैं तब हम पर सरकार चलाने के आरोप लगाए जाते हैं.
मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में 80 प्रतिशत जज न्यायपालिका से जुड़े परिवारों से हैं.
आंध्र प्रदेश, बॉम्बे, कलकत्ता, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक और मणिपुर की उच्च अदालतें बगैर किसी नियमित मुख्य न्यायधीश के काम कर रही हैं.
पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग दोनों स्तंभों के बीच टकराव की एक बड़ी वजह है.
सरकार का तर्क-अदालतें कार्यपालिका का काम नहीं कर सकतीं. मुख्य न्यायाधीश ने कहा- कोई भी संस्था सर्वोच्चता का दावा नहीं कर सकती, नागरिक अधिकार सर्वोच्च.
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा पटना उच्च न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं.
जस्टिस दीपक मिश्रा को देश का मुख्य न्यायाधीश बनाये जाने पर सवाल उठा रहे हैं पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण.
न्यायपालिका को कमज़ोर करने की कोशिशें भारतीय लोकतंत्र के मूल चरित्र के लिए ख़तरा हैं. मगर अफ़सोस की बात है कि इसे बहुमत का समर्थन हासिल है.
दिल्ली उच्च न्यायालय की पीठ कहा अगर बिल का भुगतान नहीं हुआ तो रोगी को छुट्टी दे दी जाए. बंदी बनाकर रखना निंदनीय है.
रिटायर्ड एयर मार्शल अनिल चोपड़ा ने ट्विटर पर कश्मीरी युवक को जीप पर बांधने को भी सही ठहराया. चोपड़ा सैन्य बल न्यायाधिकरण के सदस्य हैं, जहां कोर्ट मार्शल की अपील की सुनवाई भी होती है. उनका इस तरह के ट्वीट करना उनकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है.