पालघर के गढ़चिंचले गांव में 16 अप्रैल, 2020 को भीड़ ने बच्चा चोर होने के शक में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. मामले में कुल 201 लोग गिरफ़्तार किए गए थे, जिनमें से 75 मुख्य आरोपी जेल में हैं.
महाराष्ट्र के पालघर मॉब लिंचिंग मामले में पुलिस ने तीन प्राथमिकियां दर्ज की हैं. दो साधुओं समेत तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के पहले मामले में अदालत ने सात में से छह आरोपियों को 19 मई तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया, वहीं एक किशोर आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड के पास भेजा गया.
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देखमुख ने कहा कि पालघर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में गिरफ्तार किए गए 101 लोगों में से कोई भी मुस्लिम नहीं है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना के बाद साम्प्रदायिक राजनीति की जा रही है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध किया कि वे उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें जो पालघर जिले में भीड़ हत्या के मामले को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं.
मामला महाराष्ट्र के पालघर जिले का है. महाराष्ट्र पुलिस का कहना है कि सभी आरोपी पालघर जिले के विक्रमगढ़ तालुका के स्थानीय आदिवासी हैं. मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने दावा किया कि गांव वालों ने तीनों पीड़ितों को चोर समझ लिया था.