सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अभय एस. ओका ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि आधार क़ानून में संशोधन किया जाना चाहिए, ताकि महत्वपूर्ण दस्तावेज़ से वंचित लोगों को राहत दी जा सके. शिक्षित वर्ग के बीच क़ानूनी साक्षरता की कमी पर खेद व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि लोग चुपचाप अन्याय सहते हैं, क्योंकि वे समाधान का लाभ नहीं उठा पाते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा भेजे गए नामों पर मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया पवित्र है और इसके साथ गरिमा जुड़ी हुई है. मीडिया को इस पवित्रता को समझना और पहचानना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश ने जस्टिस नवीन सिन्हा की सेवानिवृत्ति के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की है.
सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने जिन तीन महिला जजों की सिफ़ारिश की है, उनमें कर्नाटक उच्च न्यायालय की जस्टिस बीवी नागरत्ना, तेलंगाना हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश जस्टिस हिमा कोहली और गुजरात हाईकोर्ट की जज जस्टिस बेला त्रिवेदी शामिल हैं. जस्टिस नागरत्ना देश की पहली महिला सीजेआई बन सकती हैं. 19 मार्च 2019 को तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की सेवानिवृत्ति के बाद शीर्ष न्यायालय में कोई नियुक्ति नहीं हुई है.