मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश जीआर स्वामीनाथन ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि अगर देश की जनसांख्यिकीय प्रोफाइल बदलती है, तो संविधान नष्ट हो जाएगा. जनसांख्यिकीय प्रोफाइल को बनाए रखने के लिए भारतीय परंपराओं और धर्मों का पालन करना होगा. राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने इस टिप्पणी की आलोचना की है.
जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने अपनी उपलब्धियों के साथ अपनी कमियों को भी गिनाया है और इसके लिए माफी भी मांगी है. जज ने दो सालों में कुल 21,478 मामले निपटाए हैं. इसमें से 18,944 मामलों का निपटारा उन्होंने अकेले किया है.