एक राष्ट्र और एक अपराधी में यही अंतर होता है कि राष्ट्र क़ानून से चलता है जबकि अपराधी उसे तोड़ता है. अगर राष्ट्र एक बार भी क़ानून तोड़ दे, तो इसका अर्थ होगा कि वह भी अपराधी की श्रेणी में आ गया और उसका शासन करने का नैतिक अधिकार समाप्त हो जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से 16 जुलाई तक जवाब दायर करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि जिस तरह उन्होंने तेलंगाना एनकाउंटर मामले में जांच कमेटी बनाई, वैसा ही कुछ इस मामले में भी कर सकते हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कहा कि यूपी सरकार ने विकास दुबे के कथित एनकाउंटर की जांच के लिए एसआईटी और न्यायिक आयोग का गठन पहले ही कर दिया है, इसलिए मौजूदा रिट याचिका ख़ारिज की जाती है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर के चौबेपुर थाने में तैनात रहे निलंबित सब इंस्पेक्टर केके शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ख़ुद की और पत्नी की जान को ख़तरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की है. शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने छापेमारी की सूचना पहले ही गैंगस्टर विकास दुबे को पहले ही दे दी थी.
रिटायर्ड जज जस्टिस एसके अग्रवाल की अगुवाई वाली यह समिति विकास दुबे के अन्य सहयोगियों की एनकाउंटर में मौत के मामलों की भी जांच करेगी. इसका मुख्यालय कानपुर में होगा और इसे दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी.
संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी गैंगस्टर विकास दुबे की आपराधिक गतिविधियों की जांच कर 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. वहीं सुप्रीम कोर्ट में दुबे के कथित एनकाउंटर की जांच की मांग करते हुए तीन और याचिकाएं दायर की गई हैं.
कानपुर के बिकरू गांव में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के परिजन विकास दुबे के कथित एनकाउंटर से संतुष्ट हैं, लेकिन उनका कहना है कि अब उसके सहयोगियों-संरक्षकों का पर्दाफ़ाश नहीं हो पाएगा.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान मुठभेड़ के 61 मामलों में पुलिस ने क्लोज़र रिपोर्ट भी दायर कर दी है, जिसे अदालतों ने स्वीकार भी कर लिया था.
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पिछले हफ्ते आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे की कथित मुठभेड़ को कांग्रेस, सपा और बसपा ने उसके राजनीतिक संरक्षकों को बचाने की साजिश करार दिया और न्यायिक जांच की मांग की.
मध्य प्रदेश से हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को कानपुर ला रही यूपी पुलिस की टीम के काफ़िले के पीछे चल रहे मीडियाकर्मियों ने बताया है कि 'एनकाउंटर' से कुछ ही मिनट पहले अचानक पुलिस द्वारा उस सड़क पर वाहनों को रोक दिया गया.
दो जुलाई की देर रात उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव में पुलिस की एक टीम गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई थी, जब विकास और उसके साथियों ने पुलिस पर हमला कर दिया था. इस मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. बीते नौ जुलाई को पुलिस ने विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर से गिरफ़्तार किया था.
दो और तीन जुलाई की दरमियानी रात में उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर उसके साथियों ने हमला कर दिया था. इस मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी.
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में वांछित गैंगस्टर विकास दुबे के राइट हैंड माने जाने वाले अमर दुबे को एसटीएफ ने एक एनकाउंटर में मार दिया है. इस बीच विकास दुबे से संबंध के आरोप में एसटीएफ के उपमहानिरीक्षक और कानपुर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव का ट्रांसफर कर दिया गया है.
वीडियो: बीते दो जुलाई की रात उत्तर प्रदेश के कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया था. इसमें आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. इस मुद्दे पर लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
कानपुर पुलिस की टीम पर हमला करने वाले कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एक साथी दयाशंकर अग्निहोत्री को रविवार को गिरफ़्तार किया गया. अग्निहोत्री ने बताया है कि थाने से फोन आने के बाद दुबे ने पच्चीस से तीस लोगों को हथियारों सहित इकट्ठा किया था.