कर्नाटक पुलिस ने हाईकोर्ट द्वारा संगठित अपराध की धाराएं लगाने के फ़ैसले को ख़ारिज करने के ख़िलाफ़ अपील करने की गुहार लगाई थी, लेकिन इस मामले में राज्य की भाजपा सरकार ने ढीला रवैया अपनाए रखा. बाद में गौरी लंकेश की बहन कविता ने इसके ख़िलाफ़ अपील दायर की थी.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मोहन नायक नामक आरोपी के विरुद्ध कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत जांच की मंज़ूरी देने संबंधी 14 अगस्त 2018 का पुलिस आदेश को निरस्त कर दिया था. इसे राज्य सरकार और गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
बेंगलुरु के सत्र न्यायालय ने कहा कि चूंकि आरोपी अलग-अलग जेलों में बंद हैं और उन्हें सुनवाई के दौरान एक साथ पेश नहीं किया जा सका है, जिसके चलते बार-बार आरोप तय करने की कार्यवाही टाली जाती रही है, इसलिए उन्हें एक जगह ट्रांसफर किया जाए.
वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश हत्या के मामले में उनकी बहन कविता लंकेश ने हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें आरोपी मोहन नायक के ख़िलाफ़ जांच के लिए कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के प्रावधान का इस्तेमाल करने के पुलिस प्राधिकार के 14 अगस्त, 2018 के आदेश को रद्द कर दिया गया था.
वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश हत्या के मामले में उनकी बहन कविता लंकेश ने आरोपियों में से एक मोहन नायक के ख़िलाफ़ कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत लगाए गए आरोपों को ख़ारिज करने के कर्नाटक हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
कर्नाटक सरकार ने कोवैक्सीन और कोविशील्ड की सप्लाई की कमी की वजह से 14 मई को 18 से 44 आयुवर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान रोक दिया था. राज्य इस आयुवर्ग के सिर्फ़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक उपलब्ध करा रहा है, जबकि निजी अस्पतालों में 18 से 44 आयुवर्ग के लोगों के लिए पहली खुराक उपलब्ध है.
मज़दूरों के हित निजी संपत्ति के मालिकों के हितों पर ही निर्भर हैं. सरकार सामाजिक व्यवस्था भी उन्हीं के लिए कायम करती है. अंत में यही कहा जाएगा कि उसने रेल भी मज़दूरों के हित में रद्द की हैं, उन्हें रोज़गार देने के लिए!
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के साथ बैठक में ये आशंका जताई गई कि यदि मजदूर वापस लौट जाएंगे तो राज्य का निर्माण कार्य प्रभावित होगा. इसके चलते राज्य सरकार ने मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाने वाली ट्रेनों को रद्द करने का फैसला लिया है.
सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार गौरी लंकेश की पांच सितंबर 2017 को उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. एसआईटी ने बताया कि गिरफ़्तार आरोपी गौरी लंकेश की हत्या की साज़िश का हिस्सा है और इस मामले में 18वां आरोपी है.
हत्यारों को जिस जगह कथित तौर पर प्रशिक्षण दिया गया था, वो जगह सनातन संस्था और इससे संबद्ध हिंदू जनजागृति समिति से जुड़े हुए एक बिजनेसमैन की है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने यह बात तब कही जब येरमरूस थर्मल पावर स्टेशन के कर्मचारी अपनी मांगों की सूची सौंपने के लिए उनके काफिले का रास्ता रोक रहे थे.
कन्नड़ साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की पत्नी ने उनकी हत्या की एसआईटी जांच की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. शीर्ष अदालत ने कहा कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच की निगरानी में होगी एसआईटी जांच.
कोर्ट ने सीबीआई को जनवरी के पहले सप्ताह में यह सूचित करने का निर्देश दिया कि यदि इन सभी मामलों में एक समानता नज़र आती है तो उसे सभी मामलों की जांच क्यों नहीं करनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर ये बताने को कहा है कि जांच कब तक पूरी होगी? कोर्ट ने कहा कि अब तक जांच में कुछ नहीं हुआ है.
गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल द्वारा शुक्रवार को स्थानीय अदालत में दाखिल अतिरिक्त आरोप पत्र में यह भी बताया कि संस्था की 'हिट लिस्ट' में द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन का भी नाम था.