कश्मीर में ‘लव जिहाद’ का हौवा महिलाओं को चुनने की आज़ादी से वंचित करने का प्रयास है

आज़ादी के सात दशक बाद भी जो औरतें धर्म या जाति की सीमाओं के बाहर जीवनसाथी चुनने का साहस दिखाती हैं, उन्हें परिवार और समाज के साथ पुलिस और नेताओं की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है. वक़्त आ गया है कि महिलाओं द्वारा साथी के चयन को मूल अधिकारों की श्रेणी में शामिल किया जाए और इसकी रक्षा के लिए परिवार, समुदाय, राजनीतिक दलों और राज्य की कट्टरता के विरुद्ध खड़ा हुआ जाए.

कश्मीर में पुलिसकर्मियों पर पत्रकार से मारपीट और प्रताड़ित करने का आरोप

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग ज़िले की घटना. स्वतंत्र पत्रकार आकाश हसन का कहना है कि उन्हें उनके पत्रकार होने की वजह से निशाना बनाया गया. उन्होंने कहा कि आरोपी पुलिसकर्मियों को दंडित किया जाना चाहिए, ताकि वह दोबारा ऐसा नहीं करें. पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती ने इस हमले को अस्वीकार्य और शर्मनाक बताते हुए कश्मीर के आईजीपी विजय कुमार से पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.

कश्मीर पहुंचा लव जिहाद का झूठ, क्या चाहती हैं सिख दुल्हनें?

वीडियो: कश्मीर में दो सिख लड़कियों के धर्म परिवर्तन और निकाह का मामला तूल पकड़ चुका है. सिख समुदाय के लोग कश्मीर से लेकर नई दिल्ली तक प्रदर्शन कर रहे हैं. इनका आरोप है कि कश्मीर में आए दिन अपहरण, दबाव बनाकर तो कभी बहला-फुसलाकर लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है. इस मुद्दे पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने जम्मू कश्मीर के पत्रकारों गौहर गिलानी, शाकिर मीर और समाजसेवी कंवलजीत कौर से चर्चा की.

जम्मू कश्मीरः ग़ैर कश्मीरी अधिकारियों से उम्मीद नहीं, कहने पर व्यक्ति को गिरफ़्तार कर जेल भेजा

कश्मीर घाटी में गांदरबल के सफ़ापोरा के रहने वाले सज्जाद राशिद सोफ़ी ने 10 जून को उपराज्यपाल के सलाहकार के साथ स्थानीय लोगों की बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की थी. कथित तौर पर उनकी इस टिप्पणी से गांदरबल की डिप्टी कमिश्नर नाराज हो गईं, जो उत्तर प्रदेश से हैं. विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने के लिए उनके ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 153 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

यूरोपीय संसद की समिति ने भारत में मानवाधिकार की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई

यूरोपीय संसद की विदेश मामलों की समिति द्वारा एक रिपोर्ट में भारत में मानवाधिकार रक्षकों और पत्रकारों के लिए असुरक्षित कामकाजी माहौल, भारतीय महिलाओं और अल्पसंख्यक समूहों द्वारा सामना की जाने वाली कठिन परिस्थितियों और जाति आधारित भेदभाव के बारे में कई टिप्पणियां की गई हैं.

कश्मीरः अवैध निर्माण हटाने की ख़बर पर तहसीलदार ने पत्रकार के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करवाई

बांदीपोरा के स्वतंत्र पत्रकार सज्जाद गुल ने एक तहसीलदार द्वारा एक गांव में कथित अवैध निर्माण हटाने और ग्रामीणों के प्रशासन पर प्रताड़ना के आरोप पर एक रिपोर्ट लिखी थी. गुल ने कहा कि इसके बाद तहसीलदार ने बदले की भावना से उनकी संपत्ति में तोड़फोड़ की और उन पर मामला दर्ज करवाया.

कश्मीरः संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने डोमिसाइल क़ानून पर चिंता जताई, भारत ने कहा- डर निराधार

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त दो विशेषज्ञों ने एक संयुक्त बयान जारी कर जम्मू कश्मीर की स्वायत्तता छीने जाने पर चिंता जताई थी, जिसके बाद भारत सरकार ने इन स्वतंत्र विशेषज्ञों की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं.

जम्मू कश्मीरः कथित मुठभेड़ में मारे गए किशोर के पिता पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज

श्रीनगर के बाहरी इलाके लवायपोरा में 29-30 दिसंबर को एक कथित मुठभेड़ में तीन संदिग्ध आतंकियों का मार गिराया गया था, जिसमें से एक 16 साल का किशोर था. यह इस तरह की दूसरी घटना है, जिसमें मुठभेड़ में मारे गए कथित आतंकी के परिजन के ख़िलाफ़ पुलिस ने यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है.

कश्मीर: हिरासत में लिए जाने के बाद युवक की मौत, परिवार ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया

जम्मू कश्मीर पुलिस ने आतंकियों को आश्रय देने के आरोप में 23 वर्षीय इरफ़ान अहमद डार नाम के एक युवक को हिरासत में लिया था. पुलिस का दावा है कि इरफ़ान हिरासत से भाग गए थे और बाद में उनका शव मिला था, लेकिन उसने मौत का कोई कारण नहीं बताया है.

अमूल के विज्ञापन क्या सरकार को मक्खन लगा रहे हैं

अमूल मक्खन के लोकप्रिय विज्ञापन कश्मीर के दर्जे में परिवर्तन से लेकर चीनी उत्पादों के बहिष्कार तक के मुद्दे पर सरकार के रवैये के साथ हामी भरते नज़र आते हैं.

क्या देश और सरकार के लिए सत्य भी राम नाम की तरह पवित्र है

वह देश और उसकी जनता कितने दुर्भाग्यशाली होते होंगे, जिनकी चुनी हुई सरकार ही उनसे सच छिपाती फिरे. जहां राम नाम सत्य है कहा जाता होगा, पर उसका अर्थ गहरा और पवित्र नहीं होता होगा.

जम्मू कश्मीर: फारूक अब्दुल्ला ने की कश्मीरी पंडितों के पलायन की जांच कराने की मांग

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उनका मानना है कि कश्मीरी पंडितों के बिना कश्मीर अपूर्ण है और वे उन्हें ससम्मान वापस लाने की किसी भी प्रक्रिया का समर्थन करेंगे.

उर्दू वाला चश्मा: सलाम कश्मीर

ऑडियो: जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35 ए के कई प्रावधानों के ख़त्म होने और राज्य का विशेष दर्जा ख़त्म कर दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के फ़ैसले को एक साल पूरा हो रहा है. इस बारे में गुरमेहर कौर का नज़रिया.

कश्मीर को मोदी सरकार ने हिंदू राष्ट्र का बुनियादी पत्थर बनाया: पीडीपी नेता

वीडियो: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटे हुए एक साल होने जा रहा है. राज्य का विशेष दर्जा ख़त्म कर इसे तो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद मोदी सरकार द्वारा कई तरह के दावे किए गए थे, आज उनकी ज़मीनी सच्चाई क्या है? इस बारे में पीडीपी के वरिष्ठ नेता नईम अख़्तर से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

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