कश्मीर से ग्राउंड रिपोर्ट: ‘अब यहां मरने से कोई नहीं डरता’

साक्षात्कार: एनकाउंटर में मारे गए आतंकी संगठन हिज़बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के पिता मुज़फ़्फ़र अहमद वानी से बातचीत.

मीडिया बोल, एपिसोड 11: धारा 35A और कश्मीर

मीडिया बोल में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ‘राइज़िंग कश्मीर’ के संपादक सैयद शुजात बुख़ारी और वरिष्ठ पत्रकार अशोक टंडन के साथ कश्मीर, धारा 35A के विवाद और मीडिया कवरेज पर चर्चा कर रहे हैं.

अनुच्छेद 35ए को क़ानूनी चुनौती दिए जाने को लेक​र कश्मीर बंद

अलगावादियों ने इस अनुच्छेद को क़ानूनी चुनौती देने को मुस्लिम बहुसंख्यक जम्मू कश्मीर में आबादी की संरचना को बदलने वाला कदम बताया है.

कश्मीर से ग्राउंड रिपोर्ट: ‘अगर दोषी सैनिकों को छोड़ा गया तो लोकतंत्र से भरोसा उठ जाएगा’

2010 के माछिल फर्ज़ी मुठभेड़ मामले में दोषी पाए गए पांच जवानों की आजीवन कारावास की सज़ा पर रोक लगाते हुए सैन्य बल न्यायाधिकरण ने उन्हें ज़मानत दे दी ​है.

सुप्रीम कोर्ट का कश्मीरी पंडितों की सामूहिक हत्या की जांच याचिका पर सुनवाई से इनकार

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि 27 साल बाद उन मामलों के सबूत इकट्ठा करना मुश्किल होगा, जिनकी वजह से कश्मीरी पंडितों को पलायन करना पड़ा था.

कश्मीर में सेना के जवानों पर पुलिसकर्मियों से हाथापाई का आरोप, सात घायल

एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने सेना के जवानों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी मामले पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है.

द मिनिस्ट्री आॅफ अटमोस्ट हैपीनेस: प्रेम, हिंसा और भय का आख्यान

अरुंधति रॉय आज के भारत के सीमांत पर उपज रही कल्पनाओं, हसरतों, प्रतिरोधों और गरिमा से जीने की ललक को इस नये उपन्यास में उकेरने का प्रयास करती हैं.

दूसरे देशों की घटनाओं पर ट्वीट करने वाले पीएम पीट-पीटकर हो रही हत्याओं पर मौन क्यों हैं?

ऊपर से शांत दिखने वाली भीड़ का हिंसक बन जाना अब हमारे वक्त़ की पहचान बन रहा है. विडंबना यही है कि ऐसी घटनाएं इस क़दर आम हो चली हैं कि किसी को कोई हैरानी नहीं होती.

आवारा भीड़ के ख़तरे

यह भीड़ फासिस्टों का हथियार बन सकती है. हमारे देश में यह भीड़ बढ़ रही है. इसका उपयोग भी हो रहा है. आगे इस भीड़ का उपयोग सारे राष्ट्रीय और मानव मूल्यों के विनाश के लिए, लोकतंत्र के नाश के लिए करवाया जा सकता है.

अरुंधति रॉय वाली ख़बर फ़र्ज़ी थी तो भी मुझे कोई खेद नहीं है: परेश रावल

परेश रावल ने कहा, 'अगर उन्हें सेना की जीप से बांधा जाता तो पथराव करने वाला कोई भी व्यक्ति उन पर हमला नहीं करता क्योंकि वह उनकी विचारधारा का समर्थन करती हैं.'

‘कभी मैं भी मानव ढाल बना था’

‘बचपन में मुझे भी मानव ढाल के बतौर इस्तेमाल किया गया था. मैं आज तक इस बोझ के साथ जी रहा हूं; पर आज मुझे लगता है कि इस बारे में बात करने की ज़रूरत है.’

कुलभूषण जाधव और फ़ारूक़ अहमद डार: एक देश, दो नागरिक, दो सुलूक

बीते दिनों सेना के हाथों दो भारतीय अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का शिकार हुए हैं, लेकिन भारत सरकार के अधिकारी और पूरा देश इनमें से सिर्फ एक के अधिकारों के लिए लड़ता दिख रहा है.

जिस ख़बर के आधार पर परेश रावल और मीडिया ने अरुंधति पर हमला बोला, वो फर्ज़ी थी

परेश रावल और उनके समर्थकों का कहना था कि उनका गुस्सा अरुंधति रॉय की कश्मीर पर की गई हालिया टिप्पणी पर था. पर असलियत ये है कि अरुंधति ने ये टिप्पणी कभी की ही नहीं थी.