समाचार पोर्टल ‘द कश्मीर वाला’ के पत्रकार सज्जाद अहमद डार को इस हफ्ते की शुरुआत में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी के परिवार का वीडियो कथित तौर पर अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोप में ब्रिटेन में रह रहे कश्मीरी व्यक्ति के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान तीन व्यक्तियों- व्यापारी मोहम्मद अल्ताफ़ भट, दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल और आमिर मागरे की मौत हो गई थी. राजनीतिक दलों ने पुलिस द्वारा की गई वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाए थे, जिसमें इस मुठभेड़ में शामिल अधिकारियों को एक तरह से ‘क्लीनचिट’ दी गई थी.
बीते 15 नवंबर को हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में से एक आमिर मागरे के माता-पिता ने पुलिस की उस जांच को ख़ारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उनके बेटे आतंकी थे. इसके अलावा इस गोलीबारी में एक आतंकी सहित जिन लोगों की मौत हुई उनमें शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मालिक मोहम्मद अल्ताफ़ भट और दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल शामिल हैं.
बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान तीन व्यक्तियों- व्यापारी मोहम्मद अल्ताफ़ भट, दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल और आमिर मागरे की मौत हो गई थी. गुपकर गठबंधन ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की. है. वहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि एसआईटी द्वारा सुरक्षाबलों को दी गई क्लीनचिट आश्चर्यचकित नहीं करती है. यह जांच एक ग़लत अभियान की लीपापोती करने के लिए की गई थी.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध एक निजी कॉलेज के तीन कश्मीरी छात्रों को 24 अक्टूबर को टी-20 क्रिकेट विश्व कप में पाकिस्तान से भारत की हार के बाद जीत का जश्न मनाने के आरोप में जेल में डाल दिया गया था. इन छात्रों के परिवार अभी तक न्याय की गुहार लगा रहे हैं और इंतज़ार कर रहें हैं कि उन्हें आख़िर कब रिहा किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश में आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध एक निजी कॉलेज के तीन छात्रों को 24 अक्टूबर को पाकिस्तान द्वारा टी-20 क्रिकेट विश्व कप में भारत को हराने के चार दिन बाद जेल में डाल दिया गया था. इनकी ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई नहीं होने से इनके परिवार निराश हैं.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि ये चैनल और वेबसाइट 'पाकिस्तान से संचालित एक समन्वित दुष्प्रचार नेटवर्क' से संबंधित हैं तथा 'भारत से संबंधित विभिन्न संवेदनशील विषयों के बारे में फ़र्ज़ी ख़बरें फैला रहे हैं.'
बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान तीन व्यक्तियों मौत हुई थी. इनमें से एक व्यापारी मोहम्मद अल्ताफ़ भट, दंत चिकित्सक डॉ. मुदस्सिर गुल और अमीर मागरे शामिल हैं. परिजनों का कहना है कि सरकार को फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारे गए व्यक्तियों के मामले की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिए एक महीने से अधिक समय हो गया है. हमें परिणाम जानने का अधिकार है.
प्रवासी कश्मीरी पंडितों को संबोधित करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि उन्हें लगा कि कश्मीर उनका होगा. इस मंच से यह दोहराना चाहता हूं कि अगर आसमान और धरती भी हाथ मिला लें तो भी जम्मू कश्मीर उनके हाथों में नहीं आएगा.
जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के हैदरपोरा में बीते 15 नवंबर को हुए एनकाउंटर में मोहम्मद आमिर मागरे और तीन अन्य की मौत हो गई थी. पुलिस इनके आतंकी या उनका सहयोगी होने का दावा कर रही है. लेकिन पीड़ित परिवार का कहना है कि वे निर्दोष थे. पुलिस ने बीते नवंबर महीने में ही इस एनकाउंटर में मारे गए दो आम नागरिकों के शव उनके परिजनों को लौटा चुकी है.
बीते अक्टूबर माह में टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप मैच के दौरान भारत पर पाकिस्तान की जीत के बाद कथित तौर पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने के लिए देशद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार कश्मीर के तीनों छात्रों का कहना है कि आगरा में वकीलों ने अदालत में उनकी पैरवी करने से मना कर दिया है, जिसकी वजह से उन्हें सीधे हाईकोर्ट का रुख़ करना पड़ा है.
बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. अधिकारियों ने बताया कि दफनाए दिए गए इन शवों को बृहस्पतिवार को अधिकारियों ने बाहर निकाला था ताकि उन्हें उनके परिवार को सौंपा जा सके. कोविड-19 महामारी के बाद यह पहला मौका है, जब पुलिस की निगरानी में दफनाए गए शवों को वापस निकाल कर उनके परिजन को लौटाया गया.
बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. पुलिस ने आतंकियों का सहयोगी बताया था, वहीं इनके परिवारों का कहना है कि वे आम नागरिक थे. चार में से तीन के परिजनों द्वारा प्रदर्शनों के बीच मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं.
बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. इनमें से एक व्यापारी मालिक मोहम्मद अल्ताफ़ भट और दूसरे दंत चिकित्सक डॉ. मुदस्सिर गुल शामिल हैं. पुलिस ने आतंकियों का सहयोगी बताते हुए दोनों लोगों के शवों को दफ़ना दिया है, जबकि परिजनों का कहना है कि वे आम नागरिक थे और उनके शवों का वापस करने की मांग की है.
बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों की मौत के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. इनमें से एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मालिक मोहम्मद अल्ताफ भट और दूसरे दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल शामिल हैं. पुलिस ने दोनों को आतंकियों का सहयोगी होने का दावा किया है, जबकि इनके परिवारों का आरोप है कि सुरक्षा बलों ने इनका इस्तेमाल ‘मानव ढाल’ के तौर