कनाडा में सांसदों और सीनेटरों के समूह की रिपोर्ट कहती है कि भारत रूस की जगह लेते हुए वहां की लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए दूसरे सबसे महत्वपूर्ण विदेशी ख़तरे के रूप में उभरा है. उनका आरोप है कि भारत की दख़ल की कोशिशें कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों का मुकाबला करने से कहीं आगे जा रही हैं.
बताया जा रहा है कि टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म ‘बुक माई शो’ द्वारा यह क़दम गायक शुभ द्वारा सोशल मीडिया पर भारत के नक़्शे की एक विकृत छवि साझा करने और कई लोगों की आलोचना के बाद उठाया गया है. इससे पहले मोबाइल एक्सेसरीज़ ब्रांड ‘बोट’ उनके भारत दौरे की स्पॉन्सरशिप से पीछे हट गया था.
कनाडा द्वारा खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता के दावों पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने कहा है कि भारतीय राजनयिक पर आरोप लगाए जाने के बाद उन्हें कनाडा सरकार द्वारा निष्कासित करना कई सवाल खड़े करता है.
सुप्रीम कोर्ट में सरकार की इस स्वीकारोक्ति से पहले पिछले कुछ महीनों में कई भाजपा नेता किसान आंदोलन में खालिस्तानियों के शामिल होने का आरोप लगा चुके हैं. यहां तक कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल और कृषि नरेंद्र तोमर ने भी इस संबंध में माओवादी और टुकड़-टुकड़े गैंग जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है.
गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा है कि अगर 50,000 राष्ट्र विरोधी लोग एक साथ आकर अनुच्छेद 370 को निरस्त करने वाले क़ानून को रद्द करने की मांग करते हैं तो क्या हमें संसद से पारित इस अधिनियम को निरस्त करना होगा? अगर 50,000 लोग मांग करते हैं तो क्या हम कश्मीर को पाकिस्तान को दे देंगे?
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि बिना साक्ष्य के किसानों को खालिस्तानी और देशद्रोही बताने की कोशिश ज़िम्मेदार पत्रकारिता नहीं है. इससे मीडिया की विश्वसनीयता ख़तरे में आती है. मीडिया को ऐसे किसी विमर्श में संलिप्त नहीं होना चाहिए जो प्रदर्शनकारियों को उनकी वेशभूषा के आधार पर अपमानित करता हो और उन्हें हीन मानता हो.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्य में पंजाब संगठित अपराध नियंत्रण कानून जैसे कड़े कानून की वकालत की.