कोटा में अखिल भारतीय प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे उत्तर प्रदेश के रहने वाले 20 वर्षीय मोहम्मद उरूज़ का शव उनके किराए के अपार्टमेंट में मिला. पिछले साल ज़िले में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 26 छात्रों की आत्महत्या से मौत हो गई थी.
मूल रूप से बिहार के भागलपुर का रहने वाले 16 वर्षीय छात्र कोटा में रहकर जेईई की तैयारी कर रहा था. गुरुवार रात छात्र ने कथित तौर पर जहरीला पदार्थ खा लिया. पुलिस का कहना है कि उन्हें एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें ‘पापा, मुझसे जेईई नहीं हो पाएगा, सॉरी, आई क्विट' लिखा हुआ था.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
राजस्थान के कोटा ज़िले के खजूरी ओडपुर सरकारी स्कूल का मामला. शिक्षकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई सांगोद ब्लॉक के सर्व हिंदू समाज द्वारा राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को शिकायत भेजने के बाद हुई. छात्रों ने निलंबन के ख़िलाफ़ एसडीएम कार्यालय तक मार्च किया. इनका कहना है उनके स्कूल में धर्म परिवर्तन की कोई घटना नहीं हुई है.
कोटा पुलिस के अनुसार, छात्रा निहारिका सोलंकी अपने माता-पिता के साथ रह रही थी और 31 जनवरी को होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रही थी. उसने एक कथित सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें लिखा है कि वह अंतिम उपाय के रूप में यह क़दम उठा रही है, क्योंकि वह जेईई नहीं कर सकती.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
राजस्थान के कोटा में अखिल भारतीय प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) की तैयारी कर रहे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के एक 19 वर्षीय छात्र 23 जनवरी की देर रात कोटा में अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाया गया. इस साल शहर में किसी कोचिंग छात्र द्वारा आत्महत्या का यह पहला मामला है. 2023 में करीब 26 छात्रों ने आत्महत्या की थी.
कोचिंग संस्थानों को विनियमित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों में कोचिंग की गुणवत्ता, छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य, वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों और फीस को लेकर नियम बनाए गए हैं. इनका अनुपालन सुनिश्चित करने और संस्थानों से जवाबदेही का ज़िम्मा राज्य सरकारों का होगा.
घटना 24 दिसंबर की रात खातोली थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई. मृतक ने कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी थी और उनके पिता के साथ खेत में काम करते थे. एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस अभी तक यह पता नहीं लगा पाई है कि यह आत्महत्या है या अचानक ज़हरीला पदार्थ खाने का मामला है.
बीते 27 नवंबर को राष्ट्रीय पात्रता सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) की तैयारी कर रहे पश्चिम बंगाल के 20 वर्षीय छात्र ने कोटा में अपने किराये के आवास पर आत्महत्या कर ली. अधिकारियों को यह सूचित करने में विफल रहने पर कि छात्र ‘गंभीर रूप से तनाव’ में था और काउंसलिंग से गुज़र रहा था, ज़िला प्रशासन ने कोचिंग संस्थान को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है.
राजस्थान के कोटा शहर में छात्रों के बीच बढ़ती आत्महत्याओं के लिए कोचिंग संस्थानों को जवाबदेह ठहराने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि कोचिंग संस्थानों के कारण आत्महत्याएं नहीं हो रही हैं. आत्महत्याएं होती हैं, क्योंकि माता-पिता बच्चों से अधिक अपेक्षाएं रखते हैं, जिन्हें वह पूरा नहीं कर पाते.
राजस्थान के कोटा में आईआईटी की तैयारी कर रहे 20 वर्षीय छात्र रोशन वर्मा ने उत्तर प्रदेश के बलिया में अपने घर पर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. वह छुट्टी पर घर आए थे. पिछले कुछ महीनों में कोचिंग हब कहे जाने वाले कोटा शहर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों की आत्महत्या के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है.
देश के शीर्ष उपभोक्ता निगरानी संगठन ‘केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण’ की मुख्य आयुक्त ने बताया कि ‘भ्रामक’ विज्ञापन जारी करने के लिए 20 कोचिंग संस्थानों में से चार पर जुर्माना लगाया गया है. चार संस्थानों में से दो ने जुर्माना जमा कर दिया है, जबकि अन्य दो ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है.
राजस्थान की सीकर पुलिस ने बताया कि भरतपुर के नदबई का रहने वाला छात्र छह महीने पहले सीकर आया था और शहर के उद्योग नगर के एक छात्रावास में रह रहकर नीट की तैयारी कर रहा था. बीते 4 सितंबर को नीट की ही तैयारी कर रहे करौली के एक 16 वर्षीय छात्र की आत्महत्या से मौत हो गई थी.
उत्तर प्रदेश के महराजगंज ज़िले के रहने वाले 20 वर्षीय छात्र की पहचान मोहम्मद तनवीर के रूप में हुई है. कोटा में वह अपनी बहन और पिता के साथ रहते थे. उनके पिता एक कोचिंग संस्थान में शिक्षक के रूप में काम करते हैं, जबकि उनकी बहन भी उनके साथ नीट की तैयारी कर रही थीं.