मणिपुर के बिष्णुपुर में सेना की महार रेजिमेंट की एक टुकड़ी ने पुलिस की वर्दी पहने 11 ‘सशस्त्र बदमाशों’ को हिरासत में लिया और उनके पास से कई बंदूकें, ग्रेनेड आदि बरामद किए थे. हालांकि, मेईतेई महिलाओं के समूह मीरा पाइबीज़ ने जवानों को रोक दिया और स्थिति अराजक होने के बीच हिरासत में लिए गए लोगों को छुड़ा लिया गया.
मई 2023 में मणिपुर में हिंसा छिड़ने के बाद भीड़ ने दो कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया और उनका यौन उत्पीड़न किया था. मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि घटना से पहले दोनों महिलाएं सड़क किनारे खड़ी पुलिस जिप्सी में बैठ गई थीं, लेकिन कर्मियों ने उन्हें गाड़ी की चाबी न होने का हवाला देकर वहीं छोड़ दिया.
आप अपने घर-परिवार में दीपावली मनाते समय मणिपुर में जारी हिंसा में मारे गए लोगों को याद करें कि आज उनके यहां यह त्योहार कैसे मन रहा होगा? क्या शेष भारत को इस उत्सव मनाते समय नहीं सोचना चाहिए कि उसके अपने ही बंधु-बांधव किस स्थिति में हैं. हमारा कर्तव्य और धर्म बनता है कि उनकी पीड़ा को महसूस करें.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मणिपुर में हिंसा के 175वें दिन कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर के लोगों को तब छोड़ा जब उन्हें उनके हस्तक्षेप की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी. उन्होंने सवाल भी किया कि एन. बीरेन सिंह को अब भी राज्य का मुख्यमंत्री बने रहने की अनुमति क्यों दी जा रही है.
मणिपुर: सरकार ने कोर्ट को नहीं बताया- मेईतेई को एसटी दर्जा देने की मांग 1982 व 2001 में ख़ारिज हुई थी
1982 में भारत के रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय ने मणिपुर के बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने से इनकार किया था और फिर 2001 में मणिपुर सरकार ने. हालांकि इस साल एसटी दर्जे की मांग की याचिका सुन रहे हाईकोर्ट को केंद्र और न ही मणिपुर सरकार ने यह जानकारी दी.
सीबीआई ने गुवाहाटी में एक विशेष अदालत के समक्ष छह लोगों और एक नाबालिग के खिलाफ मई की घटना के संबंध में आरोप पत्र दायर किया है. मई में हुई इस घटना का वीडियो जुलाई महीने में सामने आया था, जिसमें भीड़ द्वारा कुकी समुदाय की दो महिलाओं को नग्नकर घुमाकर उन पर यौन हमला किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर को मणिपुर सरकार को हिंसा के दौरान विस्थापित हुए लोगों की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था. इस आदेश का हवाला देते हुए राज्य सरकार ने कहा है कि जो कोई भी इसका उल्लंघन करता पाया गया, उस पर केस दर्ज किया जाएगा.
मणिपुर से सात सेकंड के इस वीडियो में एक गड्ढे में पड़े कुकी समुदाय के एक व्यक्ति को कुछ लोगों द्वारा आग लगाते हुए देखा जा सकता है. यह स्पष्ट नहीं है कि घटना के व्यक्ति ज़िंदा था या नहीं. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह हिंसा के दूसरे दिन यानी 4 मई को मेईतेई-प्रभुत्व वाले थौबल जिले में हुई एक घटना है. इस संबंध में उस वक्त केस दर्ज किया गया था.
वीडियो: दिल्ली के जंतर मंतर पर देश के अलग अलग हिस्सों से आए आदिवासियों ने एक दिन का धरना दिया. यह विरोध समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और मणिपुर हिंसा में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों के ख़िलाफ़ था. केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए मणिपुर में जारी हिंसा रोकने की मांग की गई.
भाजपा की मणिपुर इकाई ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर कहा है कि लोग नाराज़ में हैं, क्योंकि राज्य सरकार अब तक जातीय संघर्ष को रोकने में विफल रही है. इकाई ने उन लोगों को मुआवज़ा प्रदान करने का भी आह्वान किया, जिनके घर नष्ट हो गए हैं और जातीय संघर्ष में मारे गए लोगों के परिवारों को अनुग्रह राशि देने का भी अनुरोध किया.
मेईतेई समाज से आने वाले हिजाम लिनथोइंगामी (17 वर्षीय लड़की) और फिजाम हेमजीत (20 वर्षीय लड़का) इस साल 6 जुलाई को हिंसा के दौरान लापता हो गए थे. 25 सितंबर को उनके शवों की तस्वीरें सामने आईं, जिसके बाद मणिपुर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं.
ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन और एडिटर्स गिल्ड मणिपुर ने राज्य में जारी हिंसा पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट को ‘पक्षपाती और प्रायोजित’ बताते हुए मांग की है कि गिल्ड अपने सोशल मीडिया हैंडल और वेबसाइट से रिपोर्ट, मणिपुर के पत्रकारों के ख़िलाफ़ 'अपमानजनक' बयान हटाए.
अत्याधुनिक हथियार रखने और पुलिसकर्मियों का भेस बनाने को लेकर यूएपीए के आरोप में गिरफ़्तार पांच लोगों की रिहाई की मांग करते हुए मेईतेई समूहों ने कई पुलिस थानों पर हमला किया था. इसके बाद इंफाल पूर्व और पश्चिम ज़िलों में दी जाने वाली कर्फ्यू में छूट को बंद कर दिया गया है.
मणिपुर में बीते 3 मई से जारी जातीय हिंसा के बाद कुकी-जो आदिवासी समुदाय से आने वाले 10 विधायक अलग प्रशासन की मांग कर रहे हैं. इनमें से 7 सत्तारूढ़ भाजपा के हैं. भाजपा विधायक और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद राजकुमार इमो सिंह ने कहा कि अगर वे ‘शांति के लिए काम करने’ को लेकर गंभीर नहीं तो ‘इस्तीफा दे दें’.
बीते 8 सितंबर को मणिपुर के टेंगनौपाल ज़िले के पलेल में हुई गोलीबारी की घटना में तीन लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए थे. इस दौरान पलेल के पास मोलनोई गांव में सुरक्षा बलों और हथियारबंद लोगों के बीच गोलीबारी हो गई थी. राज्य मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार को घटना से अवगत कराने की बात कही है.