विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस-जेडीएस सरकार के राज्यपाल द्वारा विश्वास मत पर मतदान कराने के लिए तय की गई दो समय सीमाओं को पूरा ना कर पाने पर सदन को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया है.
कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे के साथ सियासी संकट पैदा हो गया है. हालांकि इनमें से एक विधायक ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है.
कोर्ट ने यह भी कहा कि बागी विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर द्वारा फैसला लेने की कोई समयसीमा नहीं है. वे एक उचित समय में फैसला ले सकते हैं.
विधायकों ने कहा, 'मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद या महाराष्ट्र और कर्नाटक कांग्रेस के किसी अन्य नेताओं से मिलने की हमारी कोई इच्छा नहीं है. हमें इन लोगों से खतरे की आशंका है.'
कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 16 विधायक इस्तीफ़ा दे चुके हैं. विधानसभा स्पीकर ने इनमें से 8 विधायकों का इस्तीफ़ा तय प्रारूप में न होने का हवाला देते हुए खारिज़ कर दिया था.
इससे पहले कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 14 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस के बागी विधायक मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं. कर्नाटक सरकार के मंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार बागी विधायकों से मिलने गए थे, तब मुंबई पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
नागेश को एक महीने से कम समय पहले ही राज्य मंत्रीमंडल में शामिल किया गया था.
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा सरकार गिर जाएगी या बरकरार रहेगी, यह विधानसभा में तय होगा. वहीं, इस्तीफा देने वाले 10 विधायक शनिवार को मुंबई के लिए रवाना हो गए.
निर्दलीय विधायक एच. नागेश और केपीजेपी के विधायक आर. शंकर ने कर्नाटक सरकार से समर्थन वापस लिया. कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर विधायकों को प्रलोभन देने का आरोप लगा रहे हैं.